क्या ऐसे ही जनप्रतिनिधि जनता की सेवा व संविधान की रक्षा का लेते रहेंगे शपथ,जिनके पास शब्द की मर्यादा नहीं?

Share

  • सरेराह कांग्रेस नेता का गाली देता वीडियो हुआ वायरल,क्या यही है कांग्रेस का सुशासन?
  • एसडीएम,अडिशनल एसपी, नगर निरीक्षक व तहसीलदार की मौजूदगी में गंदी अश्लील विभत्स गालियां देते रहे नेताजी
  • दुसरो को संस्कारों का पाठ पढ़ाने वाले छूटभैया नेता के बिगड़े बोल,सड़क पर हुज्जत ने खोली नेता जी के संस्कारों की पोल
  • सरेआम विपक्षी पार्टी के नेताओ को बीच सड़क धमकाते और भद्दी भद्दी गालियां देते नजर आए नगरपालिका उपाध्यक्ष
  • पुलिस प्रशासन बनी रही मूक दर्शक,अडिशनल एसपी कोतवाली टीआई भी रहे घटना स्थल पर मौजूद
  • प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सामने लोकतंत्र की हत्या करते रहे नेता जी और अधिकारी देखते रहे तमाशा
  • नगरपालिका उपाध्यक्ष मनेंद्रगढ़ ने दी सरेआम गाली,गालियां भी ऐसी की सभ्य व्यक्ति भी शरमा जाए
  • पुलिस अधिकारी भी बने रहे मूक दर्शक,मामला सत्ताधारी नेता के द्वारा गाली देने का जो था
  • मामला मनेंद्रगढ़ विधायक का प्रचार शहर में शासकीय पुलिया में किये जाने के विरोध से जुड़ा हुआ
  • भाजपा नेताओं ने दर्ज किया था विरोध,सड़क पर हो रहा था प्रदर्शन, नगरपालिका उपाध्यक्ष पहुंचे दी भद्दी-भद्दी गालियां
  • क्रेशर मामले में पहले से हैं नगरपालिका उपाध्यक्ष सुर्खियों में,कई बार क्रेशर को लेकर उठ चुका है सवाल
  • अब हो रही हर जगह किरकिरी, अपनी नजरों में गिरे हों या न गिरे हों,समाज मे प्रतिष्ठा हुई धूमिल,यही है सत्य

-रवि सिंह –
मनेंद्रगढ़ 5 जनवरी 2023 (घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस लगातार सुशासन की बात करती चली आई है और ऐसा सुनते चार वर्षों का समय व्यतीत भी हो गया लेकिन सुशासन कहीं नजर आया हो लगता नहीं, गुंडागर्दी प्रशासनिक अराजकता, अवैध कारोबार का बोलबाला सहित यदि हर ऐसे कामों का जिक्र किया जाए जो गलत हैं भ्रस्टाचार से जुड़े हैं नेताओं के प्रतिष्ठा की वजह से शासकीय सम्पतियों के उपयोग से जुड़े हों सभी मे सत्ताधारी दल का हस्तक्षेप नजर आया है और इसे ही सुशासन कहा जाता होगा तो निश्चित ही सुशासन कायम है प्रदेश में। शक्या ऐसे ही जनप्रतिनिधि जनता की सेवा व संविधान की रक्षा का लेते रहेंगे शपथ,जिनके पास शबद की मर्यादा नहीं?द मर्यादा तोड़ने में महारत शायद इसी चार सालों में नेतृत्व कर रहे नेताओं की काबिलियत रही है चाहे मामला विपक्ष पर हमले से जुड़ा हो या फिर अपने ही दल के नेताओं के विरोध से जुड़ा हो।
ताजा मामला सुशासन का मनेंद्रगढ़ शहर से कांग्रेस पार्टी का सामने आया है जहां विपक्ष का विरोध कुचलने खुद कांग्रेस के नेता मौके पर पहुँच गए वहीं वह कानून का उलंघन करते हुए प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं को भद्दी गालियां देने लगे जिसका वीडियो भी लोगों ने बनाया और सुशासन को समझने का भी प्रयास किया। मनेंद्रगढ़ में नए निर्मित पुल पर विधायक का प्रचार लिखा जा रहा था और जिसका विरोध करने भाजपा नेता पहुंचे हुए थे और वह विरोध कर रहे थे और पुलिस सहित प्रशासन भी मौजूद था, विरोध के दौरान ही वहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता और शहर नगरपालिका अध्यक्ष पहुँचे और गुंडागर्दी पर उतारू होकर उन्होंने भाजपा नेताओं को जमकर भद्दी भद्दी गालियां दीं। इस दौरान उनकी गालियां सुनकर उनके साथ आये लोग भी अपना मुंह छिपाते नजर आए और उन्हें भी शायद यह अच्छा नहीं लगा और वह भी अवाक रह गए। जबकि नगरपालिका उपाध्यक्ष ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए प्रदेश के सुशासन की जमकर पोल खोली और साबित किया कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसे ही हर विरोध को कुचल दिया जाएगा भले ही कोई सामने हो।

Exif_JPEG_420

पिछले घटनाक्रम को याद करे तो अपने ही सरकार में शामिल विधायकों का सम्मान आपस मे ही विधायक नहीं करते
ताजा मामला मनेंद्रगढ़ से सामने आया है और यह अविभाजित कोरिया जिले से अलग होकर नवीन जिला मुख्यालय भी बना है और इसी जिले के अलग होने की बात में पिछले घटनाक्रम को यदि याद किया जाए तो इस जिले में शामिल होने वाले दो विधानसभा के दो विधायकों ने जिला अलग होने पर जो बयान मनेंद्रगढ़ शहर मुख्यालय में जाकर दिया था वह साबित कर गया था कि सत्ताधारी दल कांग्रेस में अपने ही सरकार में शामिल जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों का सम्मान आपस मे ही विधायक नहीं करते और अपनी ही सरकार कांग्रेस सरकार के निर्णय को बदलकर वह इस कदर उत्साहित हैं कि अपनी ही सरकार और विधायक का विरोध उन्हें मजेदार विषय लगता है। मनेंद्रगढ़ जिला जब बना तब मनेंद्रगढ़ विधायक एवम भरतपुर सोनहत विधायक ने साझे मंच से मनेंद्रगढ़ में यह उद्बोधन दिया था कि हम जिला ले आये किला छोड़ आए, जबकि उन्हें भी मालूम था कोरिया जिला भाजपा ने गठित नहीं किया था मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किया था और उन्होंने अपनी ही पुरानी सरकार की गलती कहें या मनेंद्रगढ़ के साथ अन्याय कहें को कोरिया पैलेश पर थोंपकर यह जतलाया की पैलेश कोरिया की गलती को उन्होंने सुधार दिया और अब उन्होंने जिला बना दिया,जबकि यदि मामले को पुरा समझा जाये तो तब भी पूरे जिले में कांग्रेस का ही राज था और तब भी राज था जब कोरिया से मनेंद्रगढ़ अलग हुआ। कुलमिलाकर दो विधायकों ने श्रेय लेने की होड़ में अपनी ही सरकार अपनी ही पार्टी के विधायक की खिल्ली उड़ाने से परहेज नहीं किया और जमकर खिल्ली उड़ाई। अब नया मामला विपक्ष के साथ सत्ताधारी दल का सामने आया है जहां सत्ताधारी दल के नेता साथ ही जिम्मेदार पद नगरपालिका उपाध्यक्ष पद मनेंद्रगढ़ की जिम्मेदारी सम्हाल रहे नेता ने विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान मौके पर पहुंचकर गाली गलौच की है साथ ही ऐसी गालियां दी उन्होंने ने की सुनने वाले भी शरमा गए भले ही नेताजी को शर्म न आई हो। नेताजी ने गलियों की जो सीख आने वाली पीढ़ी को दी वह सोशल मीडिया पर वीडियो बतौर उपलबध है और वह कांग्रेस के सुशासन को साबित कर रही है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नियम बताने पर भी कांग्रेसी विधायक के प्रचार के लिए अड़े रहे
मनेंद्रगढ़ पुल पर विधायक के प्रचार मामले में जब भाजपा नेताओं के द्वारा विधायक के समर्थकों के गलत कृत्य का नियम विरूद्ध कृत्य का विरोध किया जा रहा था तब कुछ कांग्रेसी नेता व विधायक समर्थंको ने मौके पर पहुंचकर पुल पर विधायक के प्रचार लिखे जाने का समर्थन किया और गालीगलौज करते हुए भाजपा नेताओं को देख लेने तक कि बात की,मौके पर तनाव बढ़ने पर एसडीएम मनेंद्रगढ़ भी पहुंचे और उन्होंने कांग्रेस नेताओं और विधायक समर्थकों को यह समझाने का प्रयास किया कि हाइवे कंट्रोल नियम अनुसार हाइवे पर स्थित पुल की दीवारों पर काली और सफेद पट्टी का ही रंग लगाने का नियम है और यह इसलिए है क्योंकि वाहन चालक को सड़क के निर्देशों के तहत पुल का भी ज्ञान वाहन चलाने के दौरान हो सके और वह किसी दुर्घटना से बच सकें और सड़क का सही ज्ञान उन्हें होता रहे। कुलमिलाकर एसडीएम ने यह समझाया कि जो विधायक समर्थक पुल पर विधायक का प्रचार लिखने का काम कर रहें हैं वह सरासर गलत है और नियमों की अनदेखी है। एसडीएम की समझाइश का भी कांग्रेस नेताओं पर असर नहीं पड़ा और नियमों का हवाला भी उन्हें समझ मे नहीं आया जबकि एसडीएम ने स्पष्ट रूप से उन्हें समझाया,कांग्रेस नेताओं सहित विधायक समर्थंको के नियम विरुद्ध कार्य के बावजूद हुज्जतबाजी और गालीगलौज से यह भी स्पष्ट हुआ कि सत्ताधारी दल का होना ही उनके लिए काफी था और इसलिए उन्हें नियमो के साथ समझाने के बाद भी बात समझ मे नहीं आ रही थी। कांग्रेस नेताओं ने अपनी जिद में जहां खुद की फजीहत कराई वहीं विधायक की भी कम फजीहत नहीं हुई क्योंकि उन्ही की सरकार में अधिकारी ने उपस्थित होकर उनके लोगों को नियम समझाया।
गाली गलौज मामले में क्या नपा अध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंच उपाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने देंगी आवेदन?
बीते दिवस एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के घर अतिक्रमण हटाने गई टीम और अतिक्रमण करता के बीच विवाद हो जाने के बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचकर उस कांग्रेसी कार्यकर्ता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया था सेम उसी तरह का प्रकरण आज फिर नगर पालिका उपाध्यक्ष द्वारा गठित किया गया है नगर पालिका अध्यक्ष को चाहिए कि अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर अपने उपाध्यक्ष के विरुद्ध थाने में एफ आई आर दर्ज कराएं एवं उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग करें ताकि इस व्यक्ति के कारण कांग्रेस पार्टी को जो नुकसान उठाना पड़ रहा उस पर अंकुश लग सके क्योंकि नगर पालिका अध्यक्ष बीते दिवस अपने एक कार्यकर्ता और उसके परिवार के विरुद्ध इसी तरह के गाली गलौज मामले मे प्राथमिकी दर्ज कराने थाने पहुंची थी।
विरोध होता रहा और पेंटर नारे लिखता रहा
कांग्रेसियों की ऐसी तानाशाही की विरोध के बावजूद नेशनल हाईवे को अपनी सम्पति समझ कर उसमें विधायक के लिए प्रचार लिखा जाता रहा,इधर विरोध जारी था और उधर पेंटर प्रचार लिख रहा था पुलिस भी मौजूद थी और यह सब काम चलता रहा जब बात ज्यादा बढ़ने लगी तब पुलिस पेंटर को गाड़ी से उठाकर ले गई तब तक पेंटरों बे अपना काम लगभग कर दिया था।
क्या पुलिस व कांग्रेसी नेता पर होगी कार्यवाही कार्रवाई?
पूरे मामले में भाजपा नेताओं का विरोध कहीं से गलत नहीं था, राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर यदि कोई पुल बना होता है तो पुल पर काली पीली या सफेद पट्टी का निशान होना अनिवार्य होता है जिससे वहान चालक को दुर्घटना का शिकार न होना पड़े और वह समझ सके कि यह पुल है। मनेंद्रगढ़ में विधायक का प्रचार एवम नारे पुल पर लिखे जा रहे थे जिसका विरोध भाजपा नेता कर रहे थे जो सही था लेकिन कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा नेताओं को आकर गालियां भी दीं वहीं लोकतंत्र में विरोध का विपक्ष का अधिकार भी उन्होंने छीनने का प्रयास किया,वहीं पूरे मामले में स्थानीय पुलिस कांग्रेस नेताओं को तो प्रेम से समझाती दिखी लेकीन भाजपा नेताओं के प्रति पुलिस का रवैया अच्छा नहीं रहा। वैसे जो कुछ भी हुआ जिसकी वीडियो भी उपलबध है जिसमे गलत और सही देखा जा सकता है क्या वीडियो देखकर पुलिस एवम जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी कांग्रेस नेताओं व उपस्थित पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करेंगे या फिर सत्ताधारी दल का सदस्य होने के नाते उन्हें छोड़ देंगे।
कांग्रेसियों की एक तरफ चोरी भी अब दूसरी सीनाजोरी भी
मनेंद्रगढ़ में पुल पर विधायक का प्रचार लिखे जाने मामले में यदि देखा जाए तो भाजपा ने अपना विरोध प्रशासन के समक्ष दर्ज किया और नियम कायदों की उन्होंने बात की वहीं विरोध कर रहे भाजपा नेताओं से सीधे भिड़ने पहुंचे कांग्रेस नेताओं को यह भी ज्ञान नहीं रहा की भाजपाई गलत का विरोध कर रहें हैं जो सचमुच नियमों के हिसाब से गलत है। पूरे मामले में कहा जा सकता है कि कांग्रेस की भूमिका पूरे मामले में चोरी व सीनाजोरी की रही।
नेशनल हाईवे के पुल पर नारे लिखवाने को लेकर कांग्रेसियों ने फिर कराई अपनी फजीहत
पूरे मामले में फजीहत सत्ताधारी दल कांग्रेस की ही हुई। जैसी की जनचर्चा है उसके अनुसार पुल पर विधायक का प्रचार ही जब गलत है नियम अनुसार तो उसका समर्थन करके कांग्रेसियों ने अपनी ही फजीहत करा ली। गलत को गलत ही कहा जायेगा ऐसा लोगों का मानना है। वैसे पूरे मामले में कांग्रेस नेताओं को विरोध करने का विपक्ष का अधिकार हनन नहीं करना था और प्रशासन को निर्णय लेने देना था लेकिन यहां उल्टा ही हुआ निर्णय लेने कानून व्यवस्था हांथ में लेने खुद कांग्रेसी ही मौके पर पहुंच गए और पुलिस को सामने रखकर उन्होंने खूब गुंडागर्दी दिखाई।
पुलिस भाजपाई की दुश्मन, कांग्रेसियों की भाई?
पुलिस का रवैया भाजपा नेताओं को लेकर दुश्मन की तरह रहा,एक तरफ कांग्रेस नेता जब भाजपा नेताओं को गाली दे रहे थे तब पुलिस कांग्रेस नेताओं को प्रेम से समझाने की कोशिश कर रही थी वहीं विरोध कर रहे कांग्रेसियों की गाली सुन रहे भाजपा नेताओं को पुलिस बलपूर्वक धकेल रही थी। पुलिस सत्ताधारी दल की पूरी तरह हिमायती बनी हुई थी वीडियो में देखा जा सकता है।
2 विधायकों के बीच की खींचातानी तो नहीं है इस विवाद की जड़?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों क्षेत्र के 2 विधायकों के बीच चल रही खींचातानी का भी मूल कारण इसी को माना जाता है यह व्यक्ति अपने फायदे के लिए समय-समय पर इन दोनों नेताओं का इस्तेमाल बखूबी करता आया है, बताया यह भी जाता है कि यह व्यक्ति बड़े शातिर अंदाज से दोनों विधानसभा क्षेत्र की सभी निर्माण एजेंसियों पर लगातार दबाव बनाता है।
क्या एमसीबी पुलिस को कांग्रेसियों से डरती है,कहीं करा न दे स्थानांतरण
पुलिस का मनेंद्रगढ़ में जो रवैया भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान देखा गया और जिस तरह उसे कांग्रेसियों का पक्ष लेते देखा गया उससे यह भी समझने को मिला कि कहीं न कहीं पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बात का भय जरुर था को सत्ताधारी दल का यदि गलत करने पर भी वह विरोध करेंगे तो कहीं उनका तबादला न कर दिया जाए,शायद इसीलिए पुलिस कांग्रेस नेताओं के पक्ष में खड़ी दिखी और गलत का भी विरोध नहीं कर सकी साथ ही कांग्रेस नेताओं को खुलेआम गुंडागर्दी की छूट प्रदान की।
अपने ही सत्ता सन में शर्मशार हुए कांग्रेसी साथ ही मनेंद्रगढ़ विधायक समर्थक
मनेंद्रगढ़ में पुल पर विधायक का प्रचार लिखे जाने मामले में भाजपा का विरोध तब सफल हुआ जब एसडीएम मनेंद्रगढ़ ने स्वयं पुल पर काली सफेद पट्टी से पुताई की बात की और विधायक का प्रचार लिखे जाने मामले में उन्होंने जुर्माने की बात की। पूरे मामले में कांग्रेस नेताओं सहित अन्य विधायक मनेंद्रगढ़ समर्थंको को अपनी ही सरकार में शर्मशार होना पड़ा जब एसडीएम ने मामले में प्रचार को गलत ठहराया। गुंडागर्दी कर रहे कांग्रेस नेता सहित विधायक मनेंद्रगढ़ समर्थकों की स्थिति बड़ी बेजार सी हुई जब वह अपनी ही सरकार में बेजवाब हो गए।
कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मामले से बनाये रखी दूरी
मनेंद्रगढ़ विधायक के पुल पर प्रचार मामले में कुछ गिने चुने ही कांग्रेस नेताओं ने ही सड़क पर गुंडागर्दी की उसमें कुछ विधायक समर्थक भी थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पूरे मामले से दूरी बनाए रखी और कहीं न कहीं उन्होंने माना कि गलत को गलत कहना ही असल राजनीति है स्वस्थ राजनीति है गलत को सही कहना गलत ही होगा।
मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल
सवाल: सरेराह कांग्रेस नेता का गाली देता वीडियो हुआ वायरल,क्या यही है कांग्रेस का सुशासन?
सवाल: क्या ऐसे ही जनप्रतिनिधी जनता की सेवा और संविधान की रक्षा का लेते रहेंगे शपथ,जिनके पास शब्द मर्यादा ही नहीं?
सवाल: क्या अपने परिवार के सामने भी आक्रोश में नगरपालिका उपाध्यक्ष ऐसे ही देते हैं गालियां?
सवाल: क्या समाज और सार्वजनिक स्थल उन्हें एक समान नहीं लगता,यह भी है सवाल?
सवाल: कांग्रेस नेता की गुंडागर्दी सरेआम जारी रही,कौन करेगा इनपर कार्यवाही सबूत के तौर पर वीडियो है मौजूद?
सवाल: क्रेशर मामले में पहले से हैं नगरपालिका उपाध्यक्ष सुर्खियों में,कई बार क्रेशर को लेकर उठ चुका है सवाल?
सवाल: क्या विधायक के पास नम्बर बढ़ाने की ऐसी जल्दबाजी की अपनी भी प्रतिष्ठा गाली देकर भूल बैठे नेताजी?
सवाल: क्या पुलिस नगरपालिका उपाध्यक्ष और उनके समर्थकों पर करेगी अपराध दर्ज?


Share

Check Also

कोरबा @राष्ट्र निर्माण में पुलिस की भूमिका विषय पर कोरबा पुलिस द्वारा स्कूल एवं कोलेज मे प्रतियोगिता आयोजित

Share कोरबा 27 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त निर्देशानुसार पुलिस स्मृति दिवस (21 …

Leave a Reply