नई दिल्ली/रायपुर @ कम वैक्सीनेशन वाले जिलों के साथ मोदी ने की बैठक

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भूपेश भी रहे शामिल,स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने केंद्र से मांगी एक करोड़ वैक्सीन


नई दिल्ली/रायपुर,03 नवम्बर 2021(ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों से कोरोना महामारी के ताजा हालात पर बुधवार को वर्चुअल चर्चा की। दिवाली से पहले पीएम मोदी कोविड के कम वैक्सीनेशन वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक में कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की ताजा स्थिति की जानकारी ली और साथ ही वैक्सीनेशन पर जोर दिया।
इस समीक्षा बैठक में वैसे जिले शामिल थे, जहां कोविड वैक्सीन की पहली डोज का दायरा 50 प्रतिशत से कम है। साथ ही दूसरी डोज भी कम लगाई गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री 40 से अधिक जिलों के उन जिलाधिकारियों से बात की, जहां कोविड वैक्सीनेशन का दायरा कम है। ये जिले झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मेघालय सहित अन्य राज्य हैं। समीक्षा बैठक के दौरान इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। त्योहारों के कारण बढ़ती भीड़ से कोरोना संक्रमण बढ़ने और उस पर नियंत्रित करने के उपायों और गाइडलाइन पर चर्चा की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बैठक में कहा कि खराब प्रदर्शन वाले जिलों में घर-घर जाकर कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए अगले महीने के दौरान “हर घर दस्तक अभियान” शुरू किया जाएगा।
गौरतलब है कि कई राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है ऐसे में विशेषज्ञों ने भी यह एडवायजरी दी है कि आगामी 20 दिन भारत में संक्रमण को लेकर अहम हैं। त्योहारी सीजन में भीड़ उमड़ने का रोककर काफी हद तक कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखा जा सकता है।
हर घर दस्तक अभियान
समीक्षा बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के प्रबंध किए गए। अब हर घर दस्तक के मंत्र के साथ हर उस घर में दस्तक दी जाएगी, जहां अभी तक दोनों टीके का संपूर्ण सुरक्षा कवच नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं। ये दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारा सामर्थ्य क्या है।
हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज़ के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज़ पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार तात्कालिकता वाली भावना कम हो जाती है। लोगों को लगने लगता है कि, इतनी भी क्या जल्दी है, लगा लेंगे। लेकिन वैक्सीन के प्रति जागरूकता लोगों के बीच बढ़ाना ही होगा। 100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात ये भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे, अभिनव तरीके आजमाए। आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए अभिनव तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा। ताकि भारत कोरोना मुक्त हो सके।


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