कोरबा 02 नवम्बर 2021(घटती-घटना)। सरकार की मंशा अनुरूप जिलेवासियों की बेहतरी के लिए विकास कार्यों की प्राथमिकता तय कर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जा रहा है। कोविड – 19 (कोरोना ) की त्रासदी झेलने के बाद जिले में खेती किसानी से लेकर स्वास्थ्य ,शिक्षा ,सुपोषण सभी क्षेत्रों में कोरबा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।उक्त बातें कलेक्टर रानु साहू ने ओपन थियेटर घण्टाघर में आयोजित एक दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती रानु साहू ने कही।जिले के विकास कार्यों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कलेक्टर ने उपस्थित विशाल जनसमूह मंचासीन अधिकारियों को यह आश्वस्त किया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कहा कि जिले में पिछले ढाई वर्षों में 6 हजार से अधिक बच्चे सुपोषित हुए हैं ,कुपोषण के दर में भी रिकॉर्ड 5 प्रतिशत की कमी आई है। हॉट बाजार एवं शहरी स्लम स्वास्थ्य क्लिनिक में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। जल्द ही माताओं एवं किशोरी बालिकाओं महिलाओं के स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के लिए दाई दीदी मोबाइल यूनिट शुरू किया जाएगा। जिला अस्पताल में बर्न यूनिट डिजिटल एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है। न केवल जिला अस्पताल वरन ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों जैसे करतला ,हरदीबाजार के अस्पतालों में एक्सरे की सुविधा से दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है। सुलभ व उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने जिला प्रशासन की ओर से हर महीने हर ब्लॉक में मेगा हेल्थ कैम्प लगाए जाने की श्रृंखला हमने शुरू की है। अभी तक कोरबी ,कोथारी,नोनबिर्रा में कैम्प लगाया जा चुका है जहां साढ़े 5 हजार से अधिक मरीज लाभान्वित हुए। इसके अलावा गम्भीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता है उनको चिन्हांकित करने ,पृथक से वाहन ,ईलाज व फंड की व्यवस्था करने के साथ साथ उन व्यक्तियों के ईलाज को अंतिम स्तर पर मॉनिटरिंग की जाती है। इन शिविरों में दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाते हैं। लगभग 200 से ढाई सौ दिव्यांगता प्रमाण पत्र मौके पर ही प्रत्येक शिविर में दिए जा रहे। यही नहीं हमने निर्देश दिया है कि राशन कार्ड ,दिव्यांग पेंशन से मौके पर ही लाभान्वित किया जाए। जिले में सस्ती दवाईयां उपलब्ध कराने 6 धनवंतरि मेडिकल स्टोर्स खोले गए हैं। जहां मार्केट दर से 55 प्रतिशत कम कीमत पर न सिर्फ जेनेरिक बल्कि चिन्हांकित ब्रांडेड दवाईयां भी आमजन को सहजता से उपलब्ध हो रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी जिला नया आयाम गढ़ रहा है। 6 आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित हैं दो हिन्दी माध्यम के प्रस्तावित हैं इससे इन स्कूलों की संख्या बढ़कर 8 हो जाएगी। कोरबा पेयजल के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन गया है। घर घर पीने का साफ पानी पहुंचाने जल जीवन मिशन का काम तेजी से किया जा रहा है। 2 वर्षों में 33 बसाहटों तक शुद्ध पेयजल पहुंच गया। दूरस्थ वनांचलों के 136 बसाहटों में सौर ऊर्जा आधारित घर जल योजनाएं शुरू कर दी गई हैं। लंबे अर्से से बंद पड़े 17 नल जल योजनाओं को पुनः क्रियाशील कर 24 हजार के आबादी की प्यास बुझा रहे हैं। गौठानों को मल्टिएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहाँ स्व सहायता समूह की दीदी भाई दीये से लेकर एलईडी बनाने का काम कर रहे हैं।जिले में गोबर खरीदी ,जैविक खाद निर्माण ,मुर्गी पालन ,मछली पालन ,दोना पत्तल ,सब्जी पालन का कार्य किया जा रहा है । आजीविका संवर्धन में 460 यूनिट संचालित है। जिनमें 524 समूह कार्यरत हैं।जो अब तक 1 .63 करोड़ रूपए की आय अर्जित कर चुके हैं। समूह एलईडी ,असेम्बलिंग ,चप्पल से लेकर पेन इकाई स्थापित कर चुकी हैं।
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