- न विभागीय काम निपट रहा न आमजन का काम परेशान हो रही जनता
- एसडीएम कार्यालय में अफसरशाही का जबरजस्त बोलबाला है प्रकरण निपटने में भी लग रहा समय
–रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। जिले में दोहरे प्रभार के साथ काम कर रही बैकुंठपुर एसडीएम से आमजन का मिल पाना कठिन हो गया है, विभागीय कामकाज के साथ ही आमजन को अपना काम कराने में इतनी परेशानी है कि कोई भी काम समय पर नहीं निपट पा रहा है, तय समय सीमा में होने वाला काम भी कई महीने तक लटका हुआ है, भू-स्वामी से लेकर अन्य वर्ग भी कार्यालय का चक्कर लगाते परेशान हैं लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण अब शासन की भी किरकिरी हो रही है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में बैकुंठपुर एसडीएम के रूप में संयुक्त कलेक्टर अंकिता सोम कार्यरत हैं उनके पारा कलेक्टारेट के भी कई शाखाओं का प्रभार है। जानकारी के तहत एसडीएम कार्यालय से जमीन के कई प्रकरणों की सुनवाई होती है तो वहीं भू-स्वामियों को भी अपना जमीन डायवर्सन कार्य के लिए एसडीएम कार्यालय जाना पड़ता है, एसडीएम के हस्ताक्षर के बाद ही डायवर्सन का परमिशन होता है। इसके साथ ही जमीन के कई विवादित प्रकरण की सुनवाई भी एसडीएम कोर्ट मे होती है। बतलाया जाता है कि जिले में डिप्टी कलेक्टरो की कमी के कारण संयुक्त कलेक्टर अंकिता सोम को बैकुंठपुर एसडीएम का प्रभार दिया गया है, सूत्र बतलाते हैं कि उनके एसडीएम बनने के बाद लोगो की परेशानी बढ़ गई है, किसी भी काम के लिए जरूरतमंद को कई बार चक्कर काटना पड़ रहा है, लोग अपना जरूरी काम कराने बहुत उम्मीद लेकर एसडीएम कार्यालय जाकर मिलने की कोशिश करते हैं लेकिन उनकी गैर मौजूदगी के बाद लोगो को मायुष होकर लौटना पड़ता है। एसडीएम कार्यालय में अफसरशाही का जबरजस्त बोलबाला है, कार्यालयीन कर्मचारियों को भी मिलने के लिए सोचना पड़ता है।
एसडीएम का इंतजार करती है जनता, लेकिन मिलना आसान नहीं
बैकुंठपुर एसडीएम कार्यालय के बाहर हर समय आमजन की भीड़ देखी जा सकती है, लोग उनका घंटो इंतजार करते बैठे रहते हैं लेकिन काफी इंतजार के बाद भी जब वे कार्यालय नहीं पहुंच पाती तो लोगो का मायुष होकर लौटना पड़ रहा है। लोग अपना महत्वपूर्ण काम के लिए भी महीनो चक्कर लगा रहे हैं, कई जरूरी फाईलें भी समय पर नही निपट पा रही है। एसडीएम के खिलाफ लोगो में आक्रोश तो व्याप्त है लेकिन मजबूरन लोग कुछ बोलना नही चाह रहे हैं।
दोनों कार्यालय से रहती हैं नदारद
एसडीएम के पास दोहरा प्रभार है जिससे कि उनके पास बहाने भी बहुत हैं जब कोई भी जरूरत मंद उनसे मिलने के लिए एसडीएम कार्यालय जाता है तो उसे बता दिया जाता है वे कलेक्टोरेट में बैठी हैं और कलेक्टोरेट में जाने पर बता दिया जाता है कि वे एसडीएम कार्यालय में मिलेंगी। जबकि हकीकत है कि वे अब कलेक्टोरेट स्थित अपने कक्ष में बैठती ही नही हैं।
आमजन के साथ विभागीय कर्मी भी हो रहे परेशान
बैकुंठपुर एसडीएम कार्यालय में उनकी गैर मौजूदगी से ऐसा नही है कि सिर्फ आमजन परेशान हो रहे है,बल्कि अब विभागीय कर्मचारी भी परेशान होने लगे हैं। जैसा कि बतलाया जाता है कलेक्टोरेट के विभिन्न शाखाओ की ओआईसी होने के कारण फाईलों में उनका हस्ताक्षर जरूरी होता है,विभाग में रोज फाईल आगे बढ़तीं है, उन फाईलो को लेकर कलेक्टोरेट के संबंधित शाखाओं के कर्मचारी एसडीएम कार्यालय का चक्कर काटते देखे जा सकते हैं, उन फाईलों को भी अब समय पर नही निपटाया जा रहा है। कर्मचारी वर्ग भी इससे खासा परेशान है। कलेक्टोरेट से एसडीएम कार्यालय आने जाने में यदि कोई महत्वपूर्ण फाईल गुम जाती है तो इसके लिए भी संबंधित कर्मचारी को ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सूत्रों ने बतलाया कि कई जरूरी फाईलों को भी समय पर एसडीएम द्वारा नहीं किया जाता है जिससे कर्मचारी परेशान हैं।
कलेक्टर से मिलना आसान
जिले विभाजन के बाद कोरिया का आकार काफी कम हो गया है,पहले बड़ा जिला होने के कारण प्रषासनिक प्रमुख कलेक्टर को आए दिन दौरा करना पड़ता था,लेकिन अब यह जिला काफी छोटा हो गया है। बतलाया जाता है कि कोई भी व्यक्ति यदि किसी काम से जिले के मुखिया कलेक्टर से मिलना चाहे तो वह आसानी से मिल सकता है, सप्ताह में एक दिन दौरा करने के बाद कलेक्टर अपने कार्यालय से ही जरूरी शासकीय काम निपटाते हैं इस बीच लोग उनसे आसानी से जाकर मिल लेते हैं। लेकिन वहीं एसडीएम से मिलना हो तो काफी कष्टदायक हो गया है न एसडीएम कार्यालय और न ही कलेक्टोरेट में लोग उनसे मिल पा रहे हैं, जिले में व्याप्त उक्त प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण लोग खासे परेशान हैं जिले के मुखिया से प्रशासनिक कसावट में भी ध्यान देने की मांग लोग कर रहे हैं।