अंबिकापुर, 29 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। धर्मान्तरण रोकने की दिशा में कोई पहल नहीं करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष राम लखन सिंह पैकरा ने सामरी विधायक चिंतामणि महाराज को खुला पत्र लिखा है। खुले पत्र में राम लखन ने कहा है कि सम्पूर्ण छाीसगढ़ प्रदेश और हमारा सरगुजा संभाग के सामाजिक-धार्मिक, शासकीय-गैर शासकीय सभी लोगों को पता है कि परम पूज्य संत गहिरा गुरु महाराज सनातन संत समाज की स्थापना कर सभी के हृदय में बसे हुए हैं। सरगुजा के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में धर्मांतरण के कुचक्र को रोकने के दृष्टि से संत शिरोमणि गहिरा गुरु महाराज सरगुजा के कण-कण में विद्यमान है। सरगुजा की आदि-अनादि संस्कृति में सनातन संत समाज का स्थापना करके क्षेत्र के जनजाति समाज को निरंतर सुरक्षित रखा, सनातन सरगुजिहा संस्कृति को ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र से बचाने की दृष्टि से, विधायक चिंतामणि के पिता ने संस्कृत विद्यालय का स्थापना की।
खुले पत्र के माध्यम से आगे उन्होंने कहा कि जनजाति समाज की सनातन धर्म संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपराओं को बचाने व बनाए रखने के दृष्टि से सनातन संत समाज की स्थापना करके संत गहिरा गुरु स्वमेव माटीपुत्र बन गए, सभी जनजाति समाज को सनातन समाज से जोड़कर राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य गुरु महाराज ने किया किंतु दुर्भाग्य से अभी भी धर्मांतरण का चक्र उनके पुत्र के नाक के नीचे तेज गति से चल रहा है, आए दिन धर्मान्तरण का मामला सामने आ रहा है।
विधायक चिंतामणि के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए राम लखन ने कहा कि जनजाति समाज के लोगों के द्वारा धर्मान्तरण विषय पर लगातार चिंता जताया जा रहा है किंतु संत गहिरा गुरु के उाराधिकारी का मौन रहना निश्चित रूप से गुरु महाराज के बनाए बताए हुए मार्ग से हट कर है, और निश्चित रूप से इस विषय को लेकर के इनके द्वारा कुछ नहीं कहना, कुछ नहीं करना और अनदेखा करना आदिवासी समाज के लिए बहुत ही दुर्भाग्य जनक विषय है।
राम लखन ने विधायक चिंतामणि से आग्रह किया है कि समाज हित में धर्मांतरण के गंदे खेल को रोकने में अपना सार्थक योगदान देवें तथा इन गतिविधियों में संलग्न लोगों का बहिष्कार करें, ताकि धर्म को, संस्कृति को तथा रीति-रिवाज व परंपरा को बचाने वाले पिता संत श्री गहिरा गुरु के उाराधिकारी सुपुत्र कहलाएं।
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