अम्बिकापुर, 27 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। पण्डो जनजाति के पुराने राजस्व दस्तावेजों, अधिकार अभिलेखों में छेड़छाड़ कर जाति परिवर्तन कर उनके जमीनों को भूमाफियाओं द्वारा औनेपौने दामों में लूटा जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को संभाग भर के पंडो जनजाति समाज के लोग संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में विशाल रैली निकाल कर राज्यपाल के नाम संभाग आयुक्त को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
छाीसगढ़ राज्य के जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के रामचंद्रपुर, वाड्रफनगर, बलरामपुर, शंकरगढ़ लॉकों में पण्डो जनजाति के लोग स्टेट् जमाने से निवासरत हैं। पण्डो जनजाति को छाीसगढ़ राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा प्राप्त है। यह जनजाति अशिक्षित, अनभिज्ञ और भोले-भाले होते हैं जिसका गलत लाभ लेने हेतु भूमाफियाओं और अधिकारियों द्वारा पण्डो जनजाति के पुराने राजस्व दस्तावेजों, अधिकार अभिलेखों में (सन 1954-55) जाति पण्डो लिखा हुआ अधिकार अभिलेख रजिस्टर को बदल करे सन 2019-20 व 2021-22 में जाति-परहिया बनाया गया है। जो वर्तमान में स्पष्ट रूप से दिख रहा है। पण्डो जनजाति के पुराने राजस्व दस्तावेजों में पण्डो जाति काटकर सरनेम या उप जाति परहिया को अलग जाति बनाकर सामान्य जाति बोलकर इनका जमीन लूटा जा रहा है और कौड़ी के दाम में जमीन रजिस्ट्री किया गया है। पंडो जनजाति का कहना है कि जिला बलरामपुर के पण्डो को परहिया सामान्य जाति बोलकर जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। जाति प्रमाण पत्र के अभाव में जिला बलरामपुर के पण्डो (परहिया) परिवार शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, गरीबी के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। छात्रवास, छात्रवृçा इत्यादि का लाभ नहीं मिलता है। पंडो जनजाति समाज के लोग काफी संख्या में पूरे संभाग भर से पीजी कॉलज ग्राउंड में उपस्थित हुए और वहां से रौली की शक्ल में शहर में निकल कर राज्यपाल के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। पण्डो-परहिया को एक मानते हुए परहिया को पण्डो का दर्जा देते हुए पण्डो जनजाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। वर्तमान में परहिया को अलग सामान्य जाति माना जाता है जबकि पण्डो का उप जाति परहिया है।, पण्डो – भुइहार को एक मानते हुए भुइहार को पण्डो जाति का दर्जा देते हुए पण्डो जनजाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए, बिना सेटेलमेंट वाले पण्डो जनजाति के लोगों का सरलीकरण प्रक्रिया ग्राम सभा प्रस्ताव से जाति प्रमाण बनवाया जाए, पण्डो जनजाति वर्तमान में छाीसगढ़ राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा प्राप्त है, पण्डो जनजाति को केंद्र के विशेष पिछड़ी जनजाति के सूची में शामिल किया जाए सहीत अन्य मांगों शामिल है।
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