बैकुण्ठपुर@विधायक के नेतृत्व में कांग्रेस प्रत्याशी ने जमा किया नामांकन फॉर्म,क्या विधायक की साख दांव पर?

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  • जिपं उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ने विधायक व वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष जमा किया नामांकन फॉर्म
  • कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन कांग्रेस दिखी एकजुट लश्कर के साथ पहुंची कलेक्ट्रेट
  • विधायक के नेतृत्व में प्रत्याशी ने भरी हुंकार जीत होगी कांग्रेस की
  • जिला पंचायत उपचुनाव के नामांकन में बैकुंठपुर विधानसभा के कांग्रेसियों ने दिखाया दमखम
  • विधानसभा चुनाव पूर्व सेमीफाइनल के रूप में इस चुनाव को देखा जा रहा

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 24 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 में उपचुनाव को लेकर गहमागहमी की स्थिति है दो दिग्गजों की साख भी दांव पर है बीजेपी प्रत्याशी ने अपना नामांकन लाव लश्कर के साथ जमा कर दिया था, वही शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी ने भी स्थानीय विधायक व कांग्रेसियों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे निर्वाचन अधिकारी को अपना नामांकन फॉर्म दीया, नमक फॉर्म जमा करने के दौरान कांग्रेस ने भी एकजुटता के साथ भीड़ भाड़ को लेकर अपना जनाधार बताने का प्रयास किया और अपने प्रत्याशी को मजबूत बताया।
छाीसगढ़ शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े के पुत्र स्व.विजय राजवाड़े के आकस्मिक निधन से रिक्त जिला पंचायत सीट के चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। जहां एक ओर स्वर्गीय विजय राजवाड़े की धर्मपत्नी और पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े जी की पुत्र वधू श्रीमती वंदना राजवाड़े भाजपा समर्थित प्रत्याशी हैं, वहीं सामान्य सीट से अनुसूचित जनजाति वर्ग के संजय टोप्पो जो पूर्व में जनपद सदस्य रह चुके हैं, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हैं। इसके अलावा कोरिया जिले में अपनी आधारभूत पकड़ रखने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी सुखनंदन मिंज को लेकर मैदान में हैं। क्षेत्र में राजवाड़े वोट की बहुलता, पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े की पकड़ और स्वर्गीय विजय राजवाड़े जी के आकस्मिक निधन से उपजी संवेदना के कारण भाजपा का पलड़ा जहां भारी नजर आ रहा है, वहीं जनजाति वोटों के सहारे मैदान में उतरे संजय टोप्पो के सामने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जनजाति उम्मीदवार के सामने आ जाने से वोटों का बंटवारा तय नजर आ रहा है।
भाजपा संगठन पूरी तरह सक्रिय हुआ,कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट दिखा
विगत दिनों श्रीमती वंदना राजवाड़े के लिए नामांकन फॉर्म लेने और जमा करने दोनों ही कार्यकलापों में कोरिया भाजपा संगठन पूरी तरह सक्रिय रहा और सब कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट नजर आए।
क्या कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी है कमजोर?
लोग कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को कमजोर बता रहे थे और कांग्रेस को सरेंडर की मुद्रा में बता रहे थे। चर्चा यह भी थी कि कोई दिग्गज कांग्रेसी उपचुनावी रूपी सेमीफाइनल में उतरने को तैयार नहीं हुआ, अंततः सामान्य सीट से संजय टोप्पो को लड़ाने का फैसला करना पड़ा। परंतु कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के नामांकन जमा करने की जो तस्वीर आज? सामने आई, उस तस्वीर ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। बहुत अर्से बाद क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी आज एक मंच पर थे और कांग्रेसी उम्मीदवार का नामांकन भरने गाजे-बाजे और लाव लश्कर के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। क्षेत्र की विधायिका की अगुवाई में विधानसभा क्षेत्र के सभी छोटे बड़े, युवा, बुजुर्ग कांग्रेसी एक साथ नजर आए। विगत 4 वर्षों के साा शासन में बैकुंठपुर विधानसभा में ऐसी तस्वीर देखने को नहीं मिली थी।
लाव-लश्कर और गाजे के साथ एक जुटता का दिया परिचय
विगत विधानसभा चुनाव पश्चात पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने और कोरिया जिले के तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत के बाद से ही कांग्रेसी अलग तलग नजर आ रहे थे। संगठन कई गुटों में बंटा हुआ था। विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों में यदा-कदा यह सामने भी आ जाता था। कोरिया कांग्रेस की टूट के चर्चे चारों ओर थे। परंतु आगामी विधानसभा चुनाव पूर्व जिला पंचायत का यह उपचुनाव जिसे बैकुंठपुर विधानसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है, के नामांकन की यह तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है। जहां गुटों में बंटने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में मायूसी थी, आज की एकजुटता ने कार्यकर्ताओं में पुनः जोश का संचार कर दिया है। अब यह तस्वीर सतही है या अंदर खाने में बात कुछ और है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। परंतु यह तो स्पष्ट है कि कांग्रेसी भी इस उपचुनाव को लेकर बेहद गंभीर हैं।
विधायिका के नेतृत्व में विधानसभा के दिग्गज कांग्रेसी रहे मौजूद, मुद्दत बाद एकजुटता की दिखी तस्वीर
विगत 4 साल के कार्यकाल में जहां विधायिका का सीनियर और दिग्गज कांग्रेसियों से मोहभंग दिखाई देता था और हर मामलों में युवाओं को तरजीह दी जाती थी। धीरे-धीरे चुनाव के नजदीक आते ही तालमेल बढ़ाने का प्रभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। 4 साल से हाशिए पर रहे कांग्रेसियों से वर्तमान में विधायिका का रुझान वर्तमान में विधानसभा में होने वाले कार्यक्रमों में झलक रहा है। विधानसभा के कांग्रेसियों की यही एकजुटता आगामी चुनाव को लेकर है, या बात कुछ और है, यह स्पष्ट नहीं। परंतु आज विधायिका के नेतृत्व में दिखि एकजुटता ने सभी कार्यकर्ताओं को एक अलग ही संदेश देने का कार्य किया है। यदि यही एकरूपता और एकजुटता बनी रहि तो जिला पंचायत का उपचुनाव कांटे के होने के आसार हैं।
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर तो वहीं भीतरघात का भी पूरा अंदेशा
इस चुनाव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर तो लगी है साथ ही दोनों पक्ष से अंदर खाने से यह भी चल रहा है कि कैसे भी हार हो जाए ताकि अगले विधानसभा में दावेदारी का मौका उन्हें मिले, जिसे लेकर खींचातानी भी शुरू हो सकती है पर अंदर खाने में भितरघात का अंदेशा है।
उप चुनाव की जीत हार से तय हो सकते हैं विधानसभा प्रत्याशी, और तय हो सकती है उनकी किस्मत
इस चुनाव का परिणाम दिग्गजों के लिए भी काफी अहम हो गया है कांग्रेस से स्थानीय विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो वहीं भाजपा से पूर्व कैबिनेट मंत्री की प्रतिष्ठा भी दांव पर है अब देखना यह है की जीत किसकी प्रतिष्ठा की होती है नगर पालिका बैकुंठपुर के अध्यक्ष ना बना पाने को लेकर पहले से ही स्थानीय विधायक माइनस में चल रही है, वही शिवपुर चरचा में नगर पालिका अध्यक्ष ना बनाने की वजह से पूर्व कैबिनेट मंत्री भी माइनस में चल रहे हैं यहां पर दोनों के अंक बराबर है पर यदि इस अंतिम दौर में हार मिली तो अगला विधानसभा का टिकट भी खतरे में पड़ सकता है।


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