नई दिल्ली@नए साल की शुरुआत से बैंक लॉकर को लेकर नए नियम होंगे लागू

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नई दिल्ली,20 दिसम्बर 2022 (ए)। नए साल की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में अगर आपका किसी बैंक में लॉकर है या आप लॉकर लेने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ये खबर बेहद जरूरी है। दरअसल, बैंक लॉकर लेकर बनाए गए नियमों में से कई में बदलाव होने जा रहे हैं, जो एक जनवरी 2023 से दिखाई देने लगेंगे। आरबीआई की संशोधित अधिसूचना के मुताबिक, नए नियम लागू होने के बाद बैंकों की मनमानी पर लगाम लगेगी और साथ ही कस्टमर्स को नुकसान की स्थिति में अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं फेर सकेगा।
बैंक एसएमएस भेज दे रहे जानकारी
भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत देश के अन्य बैंक अपने कस्टमर्स को इन बदलावों की जानकारी दे रहे हैं। ये बैंक अपने ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए नए नियमों की जानकारी साझा कर रहे हैं। इनमें कहा जा रहा है कि एक 1 जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ लॉकर एग्रीमेंट रिन्यू किया जाएगा। ऐसे में बैंक लॉकर ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने नए एग्रीमेंट पर साइन किया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के मैसेज में लिखा है कि ‘आरबीआई गाइडलाइंस के मुताबिक न्यू लॉकर एग्रीमेंट 31 दिसंबर 2022 से पहले एक्जीक्यूट किया जाना है।
1 जनवरी से दिखेंगे ये बदलाव!
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि नए नियमों के तहक बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दिखानी जरूरी होगी। इसके अलावा बैंकों के पास लॉकर के लिए कस्टमर्स से एक बार में ज्यादा से ज्यादा तीन साल का किराया लेने का अधिकार होगा। सबसे बड़ी बात यह कि किसी ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में बैंक की शर्तों का हवाला देकर अब मुकरा नहीं जा सकेगा, बल्कि ग्राहक की पूरी भरपाई हो सकेगी।
शर्तों का हवाला देकर नहीं मुकर सकेंगे बैंक
गौरतलब है कि आरबीआई के संशोधित नियमों के मुताबिक, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त तो शामिल नहीं हैं, जिससे ग्राहक को नुकसान होने पर बैंक आसानी से किनारा कर सके। दरअसल, आरबीआई ने बैंक ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए नियमों में ये चेंज किया है. कई बार देखने को मिलता है कि बैंक एग्रीमेंट में दर्शायी गई शर्तों का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लेते हैं।
लॉकर एग्रीमेंट को ऐसे समझें
लॉकर एग्रीमेंट को आसान शब्दों में समझने के लिए पंजाब नेशनल बैंक के करार को देखते हैं। इसके मुताबिक किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय, बैंक उस ग्राहक के साथ एक एग्रीमेंट करता है. इसके तहत जिस ग्राहक को लॉकर दिया जाता है, वो विधिवत मुहर लगे कागज पर ये समझौता करता है। दोनों पार्टी द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक प्रति लॉकर को किराए पर लेने वाले, जबकि ओरिजनल कॉपी उस बैंक की शाखा के पास रहती है, जिसमें दिया गया लॉकर मौजूद होता है।
बैंक ग्राहकों को मुआवजा देगा
आरबीआई रूल्स के अनुसार, बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री के किसी भी नुकसान के मामले में बैंक भुगतान करने के पात्र होंगे। आरबीआई के मुताबिक, बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं, जिसमें लॉकर हैं। यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंक की है कि नुकसान आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना बैंक के परिसर में उसकी अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक/कमीशन के कारण नहीं होता है। वहीं संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक प्राकृतिक आपदाओं या भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने या आंधी-तूफान जैसी ईश्वरीय गतिविधियों या ग्राहक की एकमात्र गलती या लापरवाही के कारण किसी भी तरह के नुकसान या लॉकर सामग्री के नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। इसके अलावा दिन खत्म होने से पहले बैंकों को ग्राहक की ईमेल आईडी या फिर उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर अलर्ट भेजना जरूरी होगा, जिसमें उन्हें अनधिकृत लॉकर एक्सेस की स्थिति में दिनांक, समय और संभावित उपाय के बारे में जानकारी देनी होगी।


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