कोरबा, 17 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरबा जिले के करतला वन क्षेत्र में 38 हाथियों का दल ने वनविभाग की बढ़ाई मुश्किल, जमकर मचाया उत्पात । जिनमें 08 शावक भी हैं । शुक्रवार रात को हाथियों ने पसरखेत रेंज में किसानों की फसलों को रौंद दिया। कोटमेर जंगल में भी कुछ हाथी विचरण करते देखे गए। हाथी ने कोटमेर के ग्रामीणों की बाड़ी में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। करतला वन क्षेत्र के ग्राम गेराव और कोटमेर से 05 किलोमीटर दूर हाथियों का दल मौजूद है। वन विभाग ने लोगों से जंगल में जाने से मना किया है। साथ ही हाथियों के नजदीक जाकर फोटो-वीडियो बनाने की कोशिश नहीं करने की भी चेतावनी दी है। ओडिशा और झारखंड के रास्ते जंगली हाथियों का प्रवेश कोरबा जिले में हो रहा है। हाथियों ने केले और मूंगफली की फसल को नुकसान पहुंचाया है। कोरबा डीएफओ अरविंद पीएम ने बताया कि दो साल बाद करतला रेंज में हाथियों का झुंड पहुंचा है। वन विभाग के कर्मचारी और हाथी मित्र दल हाथियों के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं । वन विभाग ने मुनादी भी करवाई है। किसानों की फसलों के नुकसान को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। हाथियों के दल में 08 शावक होने के कारण खतरा ज्यादा बना हुआ है। शावकों की सुरक्षा के लिए हाथी काफी आक्रामक हो जाते हैं। खतरा देखकर वे किसी पर भी हमला करने से नहीं चूकते। पिछले कुछ सालों में हाथियों का व्यवहार बहुत बदल गया है, जिसके कारण विभाग को रणनीति बनाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले हाथियों के अलग-अलग दल हुआ करते थे और कोई भी हाथी दूसरे दल में शामिल नहीं होता था, लेकिन अब हाथी न सिर्फ दूसरे हाथियों के दल में शामिल हो रहे हैं, बल्कि दलों की संख्या में भी परिवर्तन कर रहे हैं। हाथी अब नए-नए इलाकों की तलाश कर रहे हैं। इसके पहले हाथियों के आने-जाने का रूट एक जैसा हुआ करता था, इससे प्रभावित इलाके वन विभाग की जानकारी में होते थे, लेकिन इनके रास्तों और ठिकानों में बदलाव ने मुश्किल बढ़ा दी है।
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