- हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में हों रहीं हैं विधायक उपस्थित,क्षेत्र भ्रमण में भी दिखने लगी हैं सक्रिय
- अपनी दावेदारी को लेकर जहां बैकुंठपुर की वर्तमान विधायक आश्वस्त हैं वहीं विपक्ष में कौन होगा दावेदार अभी स्पष्ट नहीं?
- भाजपा यदि प्रत्याशी चयन में नए चेहरे को देती है अवसर तो कौन होगा नया चेहरा कई हैं दावेदार
- भाजपा के प्रत्याशी चयन के आधार पर भी तय होगा बैकुंठपुर विधानसभा का भविष्य, पुराने प्रत्याशी की दावेदारी फिलहाल मजबूत
–रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के इकलौते विधानसभा बैकुंठपुर में कांग्रेस पार्टी से विधायक पद की दावेदारी आगामी विधानसभा 2023 के लिए वर्तमान विधायक की ही तय है ऐसा बैकुंठपुर विधायक की वर्तमान की गतिविधियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है और आजकल बैकुंठपुर विधायक लगातार विधानसभा के प्रत्येक कार्यक्रमों में शामिल होती नजर आ रही हैं और उन्हें क्षेत्र के भ्रमण पर भी लगातार देखा जा रहा है और वह लोगों से लगातार भेंट मुलाकात भी करती नजर आ रहीं हैं।
बैकुंठपुर की वर्तमान विधायक अपनी तरफ से तो अपनी दावेदारी को लेकर आश्वस्त हैं वहीं कांग्रेस पार्टी से अन्य कई भी अपनी अपनी दावेदारी को लेकर लोगों के बीच जाने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं लेकिन यदि अंदाजा भी फिलहाल कांग्रेस पार्टी से दावेदारी को लेकर लगाया जाए तो वर्तमान निर्वाचित विधायक की ही दावेदारी दमदार नजर आती है और उन्हें ही पार्टी मौका देगी यह कहा जा सकता है। भले ही कांग्रेस पार्टी से वर्तमान विधायक अपनी दावेदारी को पुख्ता मान रहीं हैं लेकिन अलग अलग कई अन्य दावेदारों की दावेदारी से बैकुंठपुर में कांग्रेस पार्टी में भी नए नाम के सामने आने की बात को नकारा नहीं जा सकता। बैकुंठपुर विधानसभा से भले ही बैकुंठपुर विधायक अपनी दावेदारी को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन उनके सामने भाजपा से कौन दावेदार होगा इससे भी उनके चुनाव पर असर पड़ने की उम्मीद है क्योंकि यदि भाजपा ने अपने पुराने चेहरे को मौका दिया तो वह मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं और चुनाव रोचक हो सकता है। भाजपा से भी कई दावेदार सामने आ रहें हैं और अपनी दावेदारी ठोंक रहें हैं कुछ दावेदार चिरपरिचित और लगातार सक्रिय रहने वाले हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो दबी में अपनी दावेदारी ठोंक रहें हैं और किसी को नहीं मिला तो उनका नम्बर लगेगा इस उम्मीद में टिके हुए हैं। भाजपा प्रत्याशी का तय होना भी बैकुंठपुर विधानसभा की रोचकता के लिए मायने रखेगा और तभी बेहतर तस्वीर और चुनावी समर का अनुमान लगाया जा सकता है।
बैकुंठपुर विधायक दिख रहीं हैं लगातार सक्रिय
बैकुंठपुर विधानसभा और वर्तमान विधायक की यदि बात की जाए तो बैकुंठपुर विधायक वर्तमान में लगातार सक्रिय नजर आ रहीं हैं और वह कुछ दिनों से क्षेत्र में ही डटी हुईं हैं और जनसंपर्क लगातार कर रहीं हैं। बैकुंठपुर विधायक इस दौरान सभी कार्यक्रमों में शिरकत कर रहीं हैं और जनता से जुड़ाव का कोई मौका गवां नहीं रहीं हैं। क्षेत्र में भी उन्हें लगातार भ्रमण पर देखा जा रहा है वहीं अभी वह धान खरीदी केंद्रों में भी जाकर किसानों से मिल रहीं हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण कर रहीं हैं। क्षेत्र में कोई उद्घाटन हो या कोई भी सार्वजनिक आयोजन बैकुंठपुर विधायक अब लगातार उन जगहों पर पहुचने लगीं हैं और अब कयास यही लगाया जा रहा है कि यह सबकुछ आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधायक की सक्रियता है।
दो साल कोविड में बिता दो साल अपनी ही व्यवस्तता में बिता दिए अब जनता की आई याद
वर्तमान सरकार और वर्तमान विधायकों की बात की जाए और उनकी सक्रियता की बात की जाए जनसरोकार की बात की जाए तो बीते चार वर्षों में दो वर्ष कोविड में बीत गए वहीं दो वर्ष विधायक अपनी ही व्यस्तता में व्यस्त रहे अब जब चार साल बीत चुके हैं और अंतिम पांचवा वर्ष सामने है जिसके बाद चुनाव होना है विधायक अपने अपने विधानसभा में सक्रिय नजर आ रहें हैं और लगातार जनसपंर्क कर रहे हैं।
बैकुंठपुर विधानसभा का चुनाव होगा रोचक,जनता सोच समझकर करेगी वोट
बैकुंठपुर विधानसभा का चुनाव बड़ा रोचक होने वाला है,जिला विभाजन का दंश झेल चुके कोरिया जिले के एकमात्र विधानसभा का चुनाव चुनाव लड़ने वालों के बड़ा महत्वपूर्ण है जहां एक तरफ वर्तमान विपक्ष जिला विभाजन का मुद्दा लेकर जनता के सामने जाती नजर आएगी वहीं सत्ताधारी दल जिला विभाजन मामले में मौन साधे रहेगी क्योंकि जिला विभाजन से कोरिया जिले को नुकसान तो हुआ है और इसके लिए जिम्मेदार वर्तमान सरकार ही है जो जनता भी मानती है और वह जरूर वोट करते समय इसबात का ध्यान देगी।
वर्तमान में होने वाले जिला पंचायत सदस्य उपचुनाव से तस्वीर होगी साफ,दोनों दलों के प्रत्याशियों के भाग्य का होगा फैसला
पूर्व कैबिनेट मंत्री एवम पूर्व बैकुंठपुर विधायक के पुत्र जो जिला पंचायत कोरिया के सदस्य थे और जिनका निधन हो चुका है और उनके निधन से रिक्त हुए जिला पंचायत सदस्य सीट पर हाल में ही चुनाव है,पूर्व मंत्री की बहू को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने एक पुरूष उम्मीदवार को मौका दिया है ऐसे में अब यह चुनाव भी दोनों दलों के लिए विधानसभा का मार्ग प्रसस्त करेगी और जो दल अपने समर्थित उम्मीदवार को चुनाव में विजयी बना ले जाएगा उसके लिए ऐन विधानसभा चुनाव से पूर्व यह तय हो जाएगा कि जनता में किस दल की तरफ का रुख है और जनता परिवर्तन चाहती है या वह वर्तमान सरकार के कामकाज से खुश है। बैकुंठपुर विधायक के लिए यह चुनाव बड़ा महत्वपूर्ण है और यदि उनकी पार्टी की तरफ से समर्थित उम्मीदवार की यदि हार होती है तो ऐन विधानसभा चुनाव के पूर्व विधायक के लिए यह बड़ी हानि होगी जिसका असर चुनाव पर पड़ेगा। वहीं भाजपा समर्थित उम्मीदवार की यदि जीत होती है तो भाजपा से पूर्व मंत्री की दावेदारी मजबूत होगी विधानसभा के लिए और जो अन्य दावेदारों के लिए खतरे का संकेत होगा।