- ठिठुरते पहुंच रहे हैं ये लोग स्कूल
- कलेक्टर का ये फरमान आत्मानंद स्कूल के लिए क्यों नहीं हो रहा लागू,सीएम साहब से स्टूडेंट और टीचर्स ने की गुजारिश
भूपेंद्र सिंह
अम्बिकापुर/बलरामपुर, 09 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग में इन दिनों शीत लहर का प्रकोप है. लोग ज़बरदस्त ठंड की आग़ोश में समाए हुए हैं. हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में जि़ला प्रशासन ने कुछ दिन पहले एक आदेश जारी किया. जिसमें जि़ले के सरकारी और निजी स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया है. जिससे स्कूल स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ पैरेंट्स ने राहत की साँस ली है. लेकिन कलेक्टर द्वारा इस आदेश के अंत में लिखी एक लाइन ने एक विशेष स्कूल के बच्चों और टीचर्स के अंदर ठिठुरन पैदा कर दी है. और सच में ये आदेश ना केवल हैरान कर देने वाला है. बल्कि स्कूल बच्चों को बीमार कर देने वाला भी साबित हो रहा है.
स्कूल सुविधाओं से लैश,
लेकिन ठंड मुसीबत…
छाीसगढ का अधिकांश इलाका आदिवासी बाहुल है और मध्य छाीसगढ का इलाका किसान प्रधान है. ऐसे में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से छाीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की शुरुआत करवाई. जिसमें अन्य सरकारी स्कूल से हटकर गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. इन सरकारी स्कूलों में किसी निजी संस्था की तजऱ् पर स्मार्ट क्लास, लैब, कंप्यूटर कमरा, वाई-फ़ाई कैंपस, लाईब्रेरी, खेल मैदान, संगीत क्लास, गार्डन समेत सभी आधुनिक सुविधा रहती हैं. लेकिन ठंड के मौसम आने के बाद जो संकट टीचर्स और स्टूडेंट के सामने आ रहा है. वो ना केवल बच्चों को बीमार कर रहा है. बल्कि आत्मानंद स्कूल के बच्चों को अन्य सरकारी स्कूलों से सच में एकदम अलग कर रहा है.
स्टूडेंट्स और टीचर्स मुसीबत में…
बलरामपुर-रामानुजगंज जि़ले में कुल 17 आत्मानंद स्कूल संचालित हैं. जिसमें 10 अंग्रेज़ी मीडियम और 7 हिंदी मीडियम स्कूल है. क्लास वन से क्लास 12 तक संचालित इस स्कूल में प्रति क्लास 40 स्टूडेंट्स के हिसाब से क¸रीब 7 हज़ार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं. और क¸रीब 300 स्टाफ़ और टीचर्स इनमें बेहतर शिक्षा देने के लिए तैनात किए गए हैं. ख़ैर ठंड का दिन है कलेक्टर के आदेश ने इन स्कूलों के कई हज़ार स्टूडेंट्स टीचर्स और स्टाफ की मुश्किलें बढ़ा दी है. ऐसे में इस स्कूल से जुड़े तमाम लोग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इन पर नज़रें इनायत करने वाला कोई नज़र नहीं आ रहा है.
कलेक्टर का आदेश…
बलरामपुर जिले में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है. कलेक्टर विजय दयाराम के. ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के अनुसार दो पालियों में संचालित होने वाली कक्षाएं प्रथम पाली में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9ः00 बजे से 12ः30 बजे तक तथा शनिवार को दोपहर 12ः45 से 4ः15 बजे तक लगेंगी. इसी क्रम में द्वितीय पाली में संचालित होने वाली कक्षाएं सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 12ः45 बजे से 4ः15 बजे तक व शनिवार को सुबह 9ः00 बजे से 12ः30 बजे तक संचालित होंगी. इसी प्रकार एक पाली में संचालित होने वाली कक्षाएं सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9ः45 बजे से 4ः00 बजे तक तथा शनिवार को सुबह 9ः00 बजे से 12ः30 बजे तक संचालित की जाएंगी. इस आदेश में हैरान करने वाली बात यह है कि ठंड को देखते हुए कलेक्टर ने जिले के स्कूलों के संचालन के समय में जो बदलाव किया है. वह स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय (हिंदी एवं इंग्लिश) दोनों विद्यालय में लागू नहीं होगा. मतलब कलेक्टर के आदेश से तय हो गया है कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के स्कूल के बच्चे हाड़ कपा देने वाली ठंड में सुबह-सुबह ही स्कूल जाएंगे. टीचर्स और स्टूडेंट्स के अभिभावक ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि हम सबसे अलग है. हमे भी ठंड से राहत चाहिए.
शासकीय आत्मानंद स्कूल वाड्रफनगर के प्रिंसिपल आरके सिंह से बच्चों को ठंड से हो रही परेशानी से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि, समिति का स्कूल है, कलेक्टर अध्यक्ष हैं. तो हम क्या कर सकते है. 8 घंटे का सेटप है. चार ही घंटा मिल रहा है. उसको भी कम कर देंगे तो पढ़ाई कैसे हो पाएगी. राजपुर शासकीय आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल विजय कुमार तिर्की ने कहा कि, बच्चों और टीचरों में ठंड का प्रभाव तो पड़ रहा है. हालांकि, बच्चों उपस्थिति में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है.
जिला शिक्षा अधिकारी केएल महिलांगे ने कहा कि, आत्मानंद स्कूल वाले स्वतंत्र हैं. स्वामी आत्मानंद स्कूल सुबह पाली में है. छोटे बच्चे रहते है व 12वीं तक है. स्कूलें दो पालियों में भी लग रही है. इसमें प्रिंसिपल आपस में समन्वय करके कर सकते है. प्रिंसिपल आपस में तय करके चाहें तो छोटे बच्चों को डे शिफ्ट में कर लें. और बड़े बच्चों को प्रथम पाली में कर लें. वहां के प्रिंसिपल 9वीं से 12वीं को सुबह कर सकते है. हम उनको बोले भी है.