गुजरात में भाजपा की सबसे बड़ी जीत
नड्डा बोले-नई पार्टी के नेता जनता से माफी मांगे
गांधीनगर/शिमला ,08 दिसंबर 2022(ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनता जनार्दन का आशीर्वाद अभिभूत करने वाला है। जेपी नड्डा के नेतृ्त्व में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया है उसकी खुशबू चारों तरफ महसूस कर सकते हैं। मैं गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की जनता का विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव में एक प्रतिशत से भी कम अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ है। इतने कम अंतर से हिमाचल प्रदेश में कभी नतीजे नहीं आए हैं। हिमाचल में हर 5 साल में सरकार बदली है लेकिन हर बार 5-7त्न के अंतर से सरकार बदली है। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर भाजपा के प्रति स्नेह का साक्षी है। मैं गुजरात, हिमाचल और दिल्ली की जनता का विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रति ये स्नेह देश के अलग अलग राज्यों के उपचुनाव में भी दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के रामपुर में भाजपा को जीत हासिल हुई है। बिहार के उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन आने वाले दिनों का स्पष्ट संदेश है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने एक कहावत कही है, आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’। अगर यह हिसाब रहेगा तो क्या स्थिति होगी यह हम अपने आस-पास के देशों में देख रहे हैं। आज इसलिए देश सतर्क है। देश के हर राजनीतिक दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता।
भाजपा की जीत पर नड्डा ने क्या कहा?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जब हम गुजरात के नतीजे देखते हैं तो यह जीत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व मिली है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को लेकर जिस अथक प्रयास के साथ गुजरात और देश की जनता की सेवा की वह हमें प्रचंड जीत में दिखती है।
उन्होंने कहा कि एक नई पार्टी गुजरात का आपमान करने के लिए आई। वह नई पार्टी क्या करती थी? उनके एक नेता पेपर लेकर आए और भविष्यवाणी करते थे कि गुजरात में सरकार उनकी पार्टी की आ रही है। ऐसा नेता जो जनता की आंखों में धूल झोंक ता हो उसे लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने गुजरात में 52.5 प्रतिशत वोट और 157 सीट हासिल की, तो वहीं कांग्रेस 41.4त्न से घटकर 27.3त्न प्रतिशत पर आ गई है। वंशवाद, परिवारवाद, अकर्मण्य नेता व गैर जिम्मेदारना विपक्ष के कारण कांग्रेस की ये हालत हुई है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्र्रेस ने ४० सीट जीतकर बहुमत हासिल की
हिमाचल प्रदेश में पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज जारी है। इसका फैसला हो चुका है। गुरुवार को विधानसभा चुनाव के लिए हुई मतगणना के नतीजों में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं, 25 सीटों पर ही सिमट गई। तीन सीटों पर निर्दलियों ने जीत हासिल की है। इस बार एक मात्र महिला प्रत्याशी जीत कर विधानसभा पहुंची हैं। हालांकि, भाजपा की एक प्रतिशत से भी कम मतों के अंतर से हार हुई है। कांग्रेस को 43.90 और भाजपा को 43.00 प्रतिशत वोट पड़े। इस बार चुनावी मैदान में कुल 412 प्रत्याथी थे। मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
कुछ मतगणना केंद्रों के बाहर सुरक्षा बलों ने ड्रोन से भी निगरानी की। राज्य की चौदहवीं विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था। 8 दिसंबर को सुबह 8:00 बजे 68 केंद्रों पर कड़े सुरक्षा घेरे और सीसीटीवी की कड़ी निगरानी में मतगणना शुरू हुई। हर मतदान केंद्र पर लगभग 50 कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। 10 में से आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं। केवल दो मंत्री सुखराम चौधरी और बिक्रम सिंह ही जीत पाए हैं। एक अन्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर ने भी उनकी परंपरागत सीट गंवा दी है।
हिमाचल के सीएम ने दिया इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश में 10 में 8 मंत्री हारे, नए सीएम के लिए मंथन शुरू, भूपेश बघेल चंडीगढ़ पहुंचे
हिमाचल प्रदेश में हार के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने इस्तीफा दे दिया है। चुनाव में जयराम के अलावा दो मंत्री बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए। बाकी आठ मंत्री चुनाव हार गए। कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर अब सरकार बनाने का प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीएम के चयन के लिए मंथन शुरू हो गया है। हिमाचल के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, चीफ ऑब्जर्वर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। सीएम चयन के लिए शुक्रवार को विधायकों की बैठक बुलाई गई है। फिलहाल जो दो नाम सबसे ’यादा चर्चा में हैं, उनमें पूर्व मु यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं। प्रतिभा सिंह वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और मंडी लोकसभा से सांसद भी हैं।
हर बार बदलाव का रिवाज कायम
हिमाचल प्रदेश में हर बार नई सरकार को मौका देने का रिवाज कायम रहा। सत्ताधारी पार्टी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी &5 का आंकड़ा पार कर 40 सीटें जीती हैं। भाजपा को 2017 के मुकाबले 19 सीटों का नुकसान हुआ है। तीन सीटों पर निर्दलीय विधायक जीतकर आए हैं। आम आदमी पार्टी यहां खाता भी नहीं खोल पाई। हर बार सरकार बदलने के साथ-साथ मंत्रियों के हारने का भी रिकॉर्ड कायम है। इस बार 8 मंत्री हारे हैं। इनमें सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं।
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