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रायपुर@भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव आज

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मतदान केंद्रों के लिए रवाना हुआ दल
रायपुर,04 दिसम्बर 2022 (ए)
। भानुप्रतापपुर विधानसभा उप निर्वाचन के लिए 5 दिसम्बर को होने वाले मतदान हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र (श्वक्कढ्ढष्ट) के साथ ही 12 तरह के अन्य वैकल्पिक पहचान पत्रों को मान्य किया है। वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे मतदाता इनमें से कोई एक पहचान पत्र दिखाकर अपने मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं।
वोटर आई कार्ड न हो तो इन दस्तावेज को दिखा कर सकते मतदान
आयोग ने वैकल्पिक पहचान पत्र के रूप में आधार कॉर्ड, मनरेगा जॉब कॉर्ड, बैंकों या डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कॉर्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कॉर्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कॉर्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र, राज्य सरकार, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों को जारी किया गया सरकारी पहचान पत्र तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कॉर्ड को मान्यता दी है। निर्वाचक नामावली में पंजीकृत प्रवासी मतदाताओं के पहचान पत्र के रूप में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) को ही मान्यता दी जाएगी।
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर कल सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा। आठ दिसम्बर को चुनाव परिणाम आएंगे। विधानसभा सीट पर पोलिंग पार्टियां मतदान केन्द्रों के लिए रवाना कर दी गई हैं। पीजी कालेज कांकेर परिसर में मतदानदलों को मतदान सामग्रियां वितरित की गई। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए कुल 256 मतदान दलों का गठन किया गया है। 30 सेक्टर अधिकारी भी नियुक्त किये गए हैं।
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती,
कांकेर के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है। चुनाव कराने के लिए रविवार सुबह से मतदान दलों की रवानगी शुरू हुई। आज सुबह 7 बजे से पोलिंग पार्टियों को सामग्री का वितरण शुरू हुआ।
1100 से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में 256 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 1100 से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 256 में से 82 मतदान केंद्र संवेदनशील के दायरे में है, जबकि 17 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील के अंतर्गत आते हैं।
इसे देखते हुए पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। मतदान के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। भानुप्रतापपुर विधानसभा में 1 लाख 95 हजार 822 मतदाता हैं, जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।
कांग्रेस भाजपा में सीधा मुकाबला
कांग्रेस ने दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि लोगों की सहानुभूति वोटों में जरूर तब्दील होगी। वहीं भानुप्रतापपुर से ब्रह्मानंद नेताम बीजपी प्रत्याशी हैं।
ब्रह्मानंद नेताम भानुप्रतापपुर से साल 2008 में विधायक रह चुके हैं। मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं। आदिवासी संगठनों में इनकी पैठ अच्छी मानी जाती है। इस बार भाजपा आदिवासी आरक्षण के मुद्दे के साथ चुनाव में है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023- 90 विधानसभा सीट और 36 जिलों में होंगे चुनाव संपन्न!
2023 का विधानसभा चुनाव प्रदेश के 36 जिलों में संपन्न होगे। दरअसल शासन स्तर पर 36 जिले बनाए जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें पाटन, पत्थलगांव और भानुप्रतापपुर को जिला बनाए जाने पर विचार शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 36 जिलों के लिए सारी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अलग-अलग स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसके तहत पाटन का नया मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। दुर्ग जिले में शामिल पाटन के आसपास के 13 गांवों को जोड़कर उसे शहर का स्वरूप दिए जाने की कवायद की जा रही है।
इधर मास्टर प्लान के लिए पाटन को चिन्हित किए जाने के साथ ही पाटन को जिला बनाए जाने की तैयारी भी तेज हो गई है। इसे लेकर अलग-अलग स्तर पर चर्चाएं भी शुरू कर दी गई है। वर्तमान में पाटन के आसपास की सभी प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण किया गया है। साथ ही हेल्थ और अन्य क्षेत्रों में सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस क्षेत्र से ही आते हैं। इस वजह से पाटन को जिला बनाए जाने के कयास लग रहे हैं।
बता दें कि भानुप्रतापपुर का जिला बनना लगभग तय है। मगर मामले मुख्यालय को लेकर ही अटका है। सूत्रों की मानें तो शासन जल्द ही इसकी घोषणा कर सकता है। ऐसे में ऐसी संभावन है कि छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा के चुनाव जो 90 सीटों पर होने वाले हैं वह 36 जिलों को मिलाकर संपन्न होंगे।


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