चिरमिरी/मनेंद्रगढ़@पति-पत्नी क्या अपना विधानसभा आगामी चुनाव में बचा पाएंगे या फिर बाजी दूसरा मार ले जाएगा?

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क्या वर्तमान विधायक से लोगों का असंतोष पूर्व विधायक को श्याम बिहारी जायसवाल पुनः बना सकता है विधायक?
क्या 2023 में एक बार फिर एक श्याम बिहारी जयसवाल हो सकते हैं अजय योद्धा?
वर्तमान विधायक से समर्थक के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर जनता में असंतोष व आक्रोश क्या डूबा सकता है लुटिया?
पति पत्नी को लेकर कश्मकश में जनता,कैसे दोनों पर भरोसा कर 2023 में क्षेत्र की कमान फिर सौपें जनता
पति विधायक तो पत्नी हैं महापौर,दोनों मिलकर भी जनता के बीच अपनी बेहतर छाप छोड़ पाने में हुए असफल
मनेंद्रगढ़ विधानसभा व चिरमिरी नगरनिगम में जनता नहीं दिख रही दोनों के कार्यों से संतुष्ट
पार्टी के भी वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं से पति पत्नी की बढ़ चुकी है दूरी
पति पत्नी की कार्यप्रणाली से पूर्व विधायक की क्षेत्र की जनता को आने लगी याद
पूर्व विधायक को लेकर जनता दिख रही उत्साहित,वर्तमान से जनता दिख रही निराश

रवि सिंह –
चिरमिरी/मनेंद्रगढ़ 2 दिसम्बर 2022 (घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ प्रदेश का दो नंबर विधानसभा है जिससे मनेंद्रगढ़ के नाम से जाना जाता है यहां दो पंचवर्षीय भाजपा के विधायक रहे जिसके बाद कांग्रेस के विधायक को जनता ने मौका दिया मौका मिलने के बाद जनता को लगा कि उन्होंने अच्छा जनप्रतिनिधि जनसेवक के तौर पर चुना है क्योंकि उससे पहले इनके अंदर की जनसेवा खूब देखने को मिल रही थी, जिस जनसेवा को देखकर लोग मोहित हुए और डॉक्टर विनय जायसवाल को मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का विधायक बनाया, इन्हें 4 साल विधायक बने हो चुका है पर इस चार साल में इन्होंने जो डैमेज किया, उस डैमेज को कंट्रोल नहीं कर पाए अब 10 महीने ही शेष बचे हैं, अब इस 10 महीने में कितना डैमेज कंट्रोल करते हैं यह तो समय बताएगा पर अभी वर्तमान स्थिति में जो सामने आ रहा है उसके अनुसार तो यही पता चल रहा कि जनता में असंतोष तो है ही वहीं इनके खुद के पार्टी के अंदर खाने में भी असंतोष है कार्यकर्ता से लेकर संगठन के लोग भी इनसे खफा है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े जनाधार वाले नेता से यदि जनाधार रखने वाले लोग खफा हो जाए तो फिर क्या इनकी वापसी हो पाएगी?
इस समय हर तरफ कंपैरिजन की स्थिति हो गई है पूर्व भाजपा के विधायक अच्छे थे या फिर वर्तमान कांग्रेस के विधायक अच्छे हैं जिसे लेकर चर्चा तो हो रही है पर इस चर्चा के बीच यदि किसी को जनसमर्थन मिल रहा है तो वह पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल को मिल रहा है और यह समर्थन सिर्फ इसलिए मिल रहा है क्योंकि वर्तमान विधायक की कमी ही उनके अगले विधानसभा की जीत में रोड़ा बनेगी और उनकी कमी ही पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल को टिकट मिलने पर उनके लिए वरदान साबित होगी। एमसीबी नवीन जिले के मनेंद्रगढ़ विधायक व चिरमिरी नगर निगम की महापौर पति पत्नी आगामी विधानसभा चुनाव में क्या मनेंद्रगढ़ विधानसभा में अपना परचम लहरा पाएंगे मनेंद्रगढ़ विधानसभा की अपनी सीट बचा पाएंगे? वहीं नगर निगम में भी क्या पुनः महापौर का पद पति पत्नी मिलकर हासिल कर पाएंगे यह एक बड़ा सवाल मनेंद्रगढ़ विधानसभा व चिरमिरी नगर निगम को लेकर खड़ा दिख रहा है।
इन वादों का क्या?
मनेंद्रगढ़ विधानसभा से विधायक बनने से पहले चिरमिरी नगर निगम को स्थायित्व दिलाने की बात कहने वाले पहाड़ों से निकलने वाले हर जल स्रोत पर स्टाप डेम बनाकर जल संरक्षण कर जल आपूर्ति की बात करने वाले सोशल मीडिया में विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले मनेंद्रगढ़ के वर्तमान विधायक पर विश्वास कर क्षेत्र की जनता ने उन्हें विधानसभा की जिम्मेदारी प्रदान की वहीं उन्ही की बातों में आकर उनकी धर्मंपत्नी को महापौर की जिम्मेदारी प्रदान की लेकिन दोनों ही जिम्मेदारियां पति पत्नी मिलकर नहीं सम्हाल सके और आज स्थिति यह दिख रही है कि आगामी चुनाव दोनों के लिए मुश्किलों भरा होने वाला है पराजय की ओर ले जाने वाला है।
4 साल आरोपों का
मनेंद्रगढ़ विधायक व उनकी धर्मपाल चिरमिरी महापौर के चार सालों के कार्यकाल में जहां उनपर जमकर आरोप लगते रहे वहीं कोरोना महामारी के दौरान सेनिटाइजर तक मे कमीशन की बात सामने आई जो आपदा में अवसर वाला मामला साबित हुआ। पति पत्नी के कार्यकाल में क्षेत्र को न तो कोई बड़ी सौगात मिली और न ही क्षेत्र अपराध व अवैध कारोबार मुक्त हो सका। कोयला चोरों कबाड़ चोरों के लिए तो जैसे यह सुनहरा चार वर्ष रहा चिरमिरी क्षेत्र की बात की जाए तो  कोयला चोरों, कबाड़ चोरों शराब के अवैध कारोबारियों की चांदी रही वहीं मनेंद्रगढ़ सहित खड़गवां क्षेत्र में शराब सहित कबाड़ के व जुआ फडों के अवैध रूप से संचालनकर्ताओं की चांदी रही। चार वर्षों में एक उपलब्धि जो किसी तरह भरतपुर सोनहत विधायक के बलबूते और उनकी मुख्यमंत्री से करीबी की वजह से क्षेत्र को मिल सकी वह नवीन जिला गठन रहा जिसमें भी चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र जो पलायन का दंश झेल रहा है वह ठगा हुआ ही महसूस कर गया और उसे जिला चिकित्सालय के नाम पर एक लॉलीपॉप के शिवाय कुछ नहीं मिला, मेडिकल कालेज जो नवीन जिले में संभावित है उसकी वजह से मनेंद्रगढ़ वासी जिला चिकित्सालय को लेकर मौन रह गए वरना जिला चिकित्सालय भी चिरमिरी को मिलता यह संभव नहीं दिख रहा था।
जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा आंदोलनरत था, विधायक या उनके समर्थकों की हिम्मत नहीं हुई कि वह मंच साझा कर सके
ट्विन सिटी तक की नवीन जिला गठन के दौरान घोषणा करने वाले मनेंद्रगढ़ विधायक की जिला गठन में कितनी भूमिका रही उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्विन सिटी तो दूर की बात चिरमिरी के और खड़गवां के कुछ क्षेत्रों के लिए नवीन जिला मुख्यालय इतनी दूर हो गया कि उससे करीब पूर्व जिला कोरिया का जिला मुख्यालय उनके लिए आज भी करीब है और उनके लिए सुविधाजनक है। नगर निगम में भी जमकर भ्रष्टाचार की बातें लगातार सामने आती रहीं वहीं विधानसभा में अवैध कारोबारियों की धमक जमकर रही यही कुल उपलब्धि बतौर यदि देखा जाए तो चार वर्षों का लेखा जोखा रहा। विधायक का जनता से संवाद कैसा रहा इसका भी अंदाजा इसबात से लगाया जा सकता है कि जब चिरमिरी जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा आंदोलनरत था विधायक या उनके समर्थकों की हिम्मत नहीं हुई कि वह मंच साझा कर सकें और लोगों को अपना पक्ष बता सकें।
दोपहिया में भ्रमण मात्र से विकास बताते बताते विधायक व महापौर ने 4 वर्षीय कार्यकाल के महत्वपूर्ण वर्ष बिता दिए
दोपहिया में मोहल्ला भ्रमण करने मात्र को विकास बताते बताते विधायक महापौर ने अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के महत्वपूर्ण वर्ष बिता दिए और अब जनता जब समीक्षा करने बैठी है उसे पूर्व विधायक का कार्यकाल बेहतर नजर आ रहा है और उन्हें महसूस हो रहा है कि पूर्व विधायक की सरलता और उनकी सहजता के साथ विकास की गति ज्यादा बेहतर थी और स्व विकास का मामला कम नजर आता था। पूर्व विधायक क्षेत्र में लगातार अपनी उपस्थिति जहां बनाये रखते थे वहीं वह क्षेत्र में कोरी घोषणाएं साथ ही अवैध कारोबार को इस तरह सह नहीं दिया करते थे जो आज की स्थिति में उन्हें मिल रहा है। आज मनेंद्रगढ़ विधानसभा में शायद ही अवैध कारोबार का कोई ऐसा कारोबार हो जो न संचालित होता हो केवल चिरमिरी से ही कोयला और कबाड़ की चोरी इस स्तर पर हुई जिसे यदि आंका जाए तो आंकलन भी असंभव हो जाये और व्यवस्था पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाये।


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