- चौक का नाम बदलने को लेकर सियासी ड्रामा मनेन्द्रगढ़ पालिका में शुरू।
- सत्ता मिलती तो है जनता की मर्जी से, पर चलती नहीं जनता के मर्जी से।
- चौक महाराणा प्रताप के नाम रहेगा और मूर्ति रहेगी बिसाहू दास महंत की, क्या यह उचित है?
- मुगल आतताइयों के खिलाफ डटकर लड़ने वाले महाराणा प्रताप को क्यों नहीं माना जा रहा महान?
- क्या केवल राजनीति में शामिल व्यक्ति ही देश मे होंगे महान,देश की अखंडता और उसकी संप्रभुता के लिए लड़ने वालों की नहीं होगी इज्जत।
- सत्ता मिलने तक नेताओं के लिए सभी जाति धर्म होते हैं एक समान,सत्ता मिलते ही शुरू होती है बहुसंख्यक आबादी की राजनीति।
-रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़ 30 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। एमसीबी नवीन जिले में मनेंद्रगढ़ नगरपालिका अंतर्गत आने वाले महाराणा प्रताप चौक का नाम बिसाहूदास महंत किये जाने को लेकर नगरपालिका में प्रस्ताव हुआ है और जिसे लेकर अब विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि जिस चौक को लोग वर्षों से महाराणा प्रताप चौक के नाम से जाना करते थे उसे बिसाहूदास महंत चौक नया नामकरण किया जा सकता है और अब इसकी सूचना मिलते ही विरोध भी दर्ज होने लगा है।
महाराणा प्रताप चौक का नाम किन वजहों से बदला जा रहा है उनमें से जो मुख्य वजह सामने आ रही है वह यह कि स्व बिसाहूदास महंत विधानसभा अध्यक्ष के पिता हैं और क्षेत्रीय सांसद के स्वशुर और केवल उन्ही को प्रसन्न करने की कवायद में चौक का नाम परिवर्तित किया जा रहा है और ऐसा करके उनके सबसे खास समर्थंको में अपना नाम जोड़ने की यह कवायद भी मानी जा रही है। वैसे भले ही प्रसन्न कर किसी को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने का यह एक राजनीतिक प्रयास हो लेकिन सवाल यह भी उठता है कि महाराणा प्रताप को महान माना जाए या बिसाहूदास महंत को, दोनों का सार्वजनिक जीवन था और दोनों ही समाज के लिए कुछ न कुछ किये थे लेकिन महाराणा प्रताप मुगल आतताइयों से लड़कर देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान किये थे वहीं बिसाहूदास महंत राजनीतिक रूप से समाज की सेवा में रत थे।
इतिहास बदलने का और ऐतिहासिक लोगों के नामों को बदलने का एक नया ही अध्याय
वैसे इतिहास बदलने का और ऐतिहासिक लोगों के नामों को बदलने का एक नया ही अध्याय आजकल लिखा जा रहा है और उसमें भारत देश के लिए देश की अखंडता के लिए कुछ कर गुजर गए लोगों को महत्व न देकर केवल राजनीतिक रूप से सार्वजनिक जीवन जीने वालों को ही महान बनाया जा रहा है जो एक तरह से नया इतिहास लिखा जा रहा है ऐसा कहा जा सकता है। पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष मनेंद्रगढ़ नगरपालिका ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के लिए महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है और मुगल शासकों से लड़कर देश पर मुगल शासन का विरोध करने वाले वीर महापुरषों के नाम पर बने चौक का नाम अपने नेता के पिता के नाम पर किया जा रहा है जिसका हम विरोध करेंगे और स्वयं महाराणा प्रताप चौक जाकर विरोध दर्ज करेंगे।
चौक महाराणा प्रताप के नाम और मूर्ति होगी बिसाहूदास महंत की कैसे यह सही होगा?
यह कैसे सही कहा जा सकता है कि चौक का नाम कुछ और होगा और वहां मूर्ति किसी और की होगी, अभी तक हमने जो भी देखा है कि जिसके नाम की चौक है उसी के नाम की मूर्ति होती है इस बार एक अलग ही मामला सामने आ रहा है, जिसमें चौक तो रहेगा महाराणा प्रताप के नाम पर मूर्ति होगी बिसाहू दास महंत की, इसे लेकर मनन करने चर्चा का बाजार गर्म है और बड़ी तेजी से इस समय हर चौक चौराहों पान ठेला पर यही चर्चा हो रही है कि आखिर यह कैसे होगा? ऐसा होना भी नहीं चाहिए, आखिर विधायक ने नया ही क्या प्रस्ताव दे दिया कि चौक का नाम कुछ और मूर्ति कुछ और होगी, विधायक की घोषणा ही चौक को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने वाली है, अब पैसा विधायक मत का है चाहे वह मूर्ति किसी की भी लगा दे क्या ऐसा संभव है? नगरपालिका अध्यक्ष ने अपने बयान में बताया है कि विधायक मनेंद्रगढ़ का प्रस्ताव था और उन्होंने ही अपनी निधि से 5 लाख देने की घोषणा की है और उसी का परिपालन किया जा रहा है जिसमे चौक का नाम वही होगा जो है लेकिन मूर्ति अलग स्थापित होगी यह प्रस्ताव लाया गया है।
महाराणा प्रताप की मूर्ति नहीं है केवल चौक का नाम है, क्या नपा इसी प्रयास में है कि मूर्ति स्थापित कर नाम भी परिवर्तित कर दिया जाए?
वैसे मामले में जो लोग इसका विरोध कर रहें हैं उनका कहना है कि चौक में महाराणा प्रताप की मूर्ति नहीं है केवल चौक का नाम महाराणा प्रताप चौक है और नगरपालिका इसी प्रयास में है कि मूर्ति स्थापित कर नाम भी परिवर्तित कर दिया जाएगा और ऐसे में विरोध भी दर्ज नहीं हो सकेगा। अब हकीकत जो हो मामले में अपने बड़े नेता को खुश करने पूरा प्रयास जारी है और देखना है कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्य महापुरुष महाराणा प्रताप नगरपालिका के लिए महापुरुष हैं या उनके ही नेता के पिता।
चौक के नाम मे परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नगरपालिका अध्यक्ष की तरफ से नहीं आया है:सीएमओ इशहाक खान
पूरे मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनेंद्रगढ़ इशहाक खान का बयान भी सामने आया है और उन्होंने कहा है कि मनेंद्रगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष ने चौक के नाम मे परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं लाया है वहीं चौक के ही पास स्वर्गीय बिसाहूदास महंत जी की मूर्ति लगाए जाने की उनकी तरफ से बात कही गई है जिसमे चौक के नाम परिवर्तन की कहीं कोई बात नहीं है।
महाराणा प्रताप चौक महाराणा प्रताप चौक ही रहेगा,प्रभा पटेल अध्यक्ष नगरपालिका मनेंद्रगढ़
मनेंद्रगढ़ में महाराणा प्रताप चौक का नाम बदलकर बिसाहूदास महंत चौक किये जाने के मामले में नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल का बयान सामने आया है,नगरपालिका अध्यक्ष का कहना है कि महाराणा प्रताप चौक का नाम नहीं बदला जा रहा है वहीं उन्होंने बताया कि विधायक मनेंद्रगढ़ ने अपनी निधि से 5 लाख की राशि बिसाहूदास महंत की प्रतिमा स्थापित करने हेतु देने की घोषणा की है जिसे लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है।
जहां महाराणा प्रताप चौक प्रस्तावित था उस चौक को बिसाहूदास महंत चौक नाम से किये जाने का हुआ है प्रस्ताव,श्याम सुंदर पोद्दार पार्षद
मनेंद्रगढ़ के ही पार्षद ने बताया कि जिस चौक का नाम महाराणा प्रताप चौक था या जहां महाराणा प्रताप चौक प्रस्तावित था उसे ही बिसाहूदास महंत चौक किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है, अग्रसेन चौक, महात्मा गांधी चौक में भी प्रतिमाएं स्थापित किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है। अग्रसेन चौक पर अग्रेसन की प्रतिमा, भगत सिंह चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा, गांधी चौक पर गांधी जी की प्रतिमा लेकिन महाराणा प्रताप चौक पर बिसाहूदास महंत की प्रतिमा ये कैसे संभव है?
कुछ महत्वपर्ण सवाल
सवाल: महाराणा प्रताप महान या बिसाहू दास महंत महान?
सवाल: मनेंद्रगढ़ में चौक का नाम बदले जाने के बाद उठ रहा सवाल?
सवाल: चौक महाराणा प्रताप के नाम रहेगा और मूर्ति रहेगी बिसाहू दास महंत की, क्या यह उचित है?
सवाल: मनेंद्रगढ़ में चौक चौराहों का नया नामकरण और जारी सियासी ड्रामा,क्या नाम बदलना ही विकास?
सवाल: मुगल आतताइयों के खिलाफ डटकर लड़ने वाले महाराणा प्रताप को क्यों नहीं माना जा रहा महान?
सवाल: महाराणा प्रताप चौक का नाम बदले जाने के पीछे की वजह कहीं किसी को खुश करने का प्रयास तो नहीं?