एमसीबी/मनेंद्रगढ़@अवैध कारोबार को लेकर जहां खाखी बदनामी का दंश झेल रहा है,बदनामी से बचने प्रयास क्यों नहीं कर रहा?

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  • मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी की पदोन्नति में रोड़ा न बन जाये मनेंद्रगढ़ में जारी अवैध शराब का कारोबार
  • मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी को संदेश,अवैध शराब को लेकर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को पीटने की धमकी दे रहे अवैध शराब कारोबारी:सूत्र
  • मनेंद्रगढ़ में अवैध शराब मामले में खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को धमकी देने की हिम्मत किस पुलिसकर्मी की सह पर मिल रही है?
  • क्या मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना प्रभारी अवैध कारोबार को संरक्षण देते हुए लेंगे पदोन्नति?
  • अवैध कबाड़ का भी मनेंद्रगढ़ में हो रहा बड़े स्तर पर कारोबार,थाना प्रभारी की मिलीभगत भी है शामिल:सूत्र

रवि सिंह –
एमसीबी/मनेंद्रगढ़ 26  नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। एमसीबी जिले में जिस प्रकार से अवैध कारोबार ने अपनी जड़े जमाया हैं और यह जड़े सिर्फ जमी है तो संरक्षण से और यह संरक्षण खाखी और खादी ने दी है इस समय संरक्षण में खाकी और खादी दोनों बदनामी की दाग ले ली है पर यह दाग मिटेगा कैसे और क्या इसे मिटाने के लिए क्या करेंगे खाकी और खादी? एमसीबी की पुलिस बेदाग रहने का ढोंग तो कर रही है पर बेदाग बची नहीं, इसका उदाहरण सिर्फ अवैध कारोबार की फैलती जड़े हैं अवैध कारोबार करने वालों की संख्या से लेकर क्षेत्र का दायरा भी खूब बढा जिसमें पूरा सैनिकेट ही काम कर रहा। अवैध कारोबार में लिप्त लोग खबर प्रकाशन करने वाले पत्रकारों को धमकी देने से भी परहेज नहीं करते, यह धमकी की बात सूत्रों की माने तो पुलिस के मुंह से ही सुनने को मिल रहे हैं, अब सवाल यह उठता है क्या खबर प्रकाशन से पुलिस के अवैध कारोबार के मुद्दे उठाते है तो पुलिस तिलमिला कर पत्रकारों पर अपराध दर्ज करती है और क्या पुलिस ही पत्रकार को कारोबारियों से पिटवा ने की योजना बना रही है यदि इस बात में तोड़ी भी सचाई है तो आप सोच सकते हैं कि पुलिस किस कदर तक जाने को तैयार है पर अवैध कारोबार बंद करने को तैयार नहीं क्या अवैध कारोबार करके ही पदोन्नति पाएंगे प्रभारी?पुलिस का नाम आते ही जहां देशभक्ति जनसेवा का नारा याद आ जाता है मन मे सुरक्षा की भावना घर कर लेती है वहीं हाल के वर्षों में अविभाजित कोरिया जिले की पुलिसिंग देखकर सबकुछ गलत लगने लगता है देशभक्ति जनसेवा के नारों को मन झूठा मानने लगता है वहीं सुरक्षा को लेकर पर पुलिस पर से विश्वास उठ जाता है जो लगातार देखा जा रहा है महसूस भी किया जा रहा है। अविभाजित कोरिया जिले में विगत वर्षों में प्रायः यह देखा गया है कि अपराध जहां बढ़े हैं वहीं यह भी देखा गया है कि अपराध पर अंकुश लगाने वाली पुलिस अवैध कारोबार मामले में मौन साधे बैठी है। बैकुंठपुर, पटना, चिरमिरी, सहित मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना क्षेत्रों में तो विगत चार वर्षों से अवैध कारोबारियों की बाढ़ सी आई हुई है और इन पुलिस थानों में पदस्थ पुलिस कर्मियों को इसपर अंकुश लगाते नहीं देखा गया है।
अवैध कारोबारियों में पुलिस का भय क्यों नहीं?
कोयला चोरों का मनोबल तो इतना बढ़ा हुआ देखा गया हाल के दिनों में की उन्होंने कोयला चोरी रोके जाने की बात पर एसईसीएल कर्मचारियों पर जानलेवा हमला तक कर दिया और पुलिस भी तब पहुँची जब सब भाग चुके थे,बाद में उन्हें पकड़ तो लिया गया लेकिन उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब स्वयं संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन एवम बैकुंठपुर विधायक ने कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में धरने पर बैठने की चेतावनी पुलिस को दे डाली,स्पष्ट है कि संसदीय सचिव की चेतावनी न होती हमलावर कोयला चोर नहीं पकड़े जाते और पुलिस सबकुक जानकर भी मौन बनी रहती और चोरी के काम को सह देती रहती,पुलिस कोयला चोरों से किस तरह की सहानुभूति रखती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस थाना क्षेत्र से प्रतिदिन करोडों का कोयला बड़ी गाड़ियों में खुलेआम भरकर चोरी कर अन्य राज्यों को लेजाकर बेच दिया जा रहा है इसबात की पुलिस को भनक भी नहीं और जब जानलेवा हमला हुआ एसईसीएल कर्मचारियों पर तब भी पुलिस तब पहुँची जब हमला हो चुका था जबकि घटना स्थल बिल्कुल थाने से करीब था,वहीं मामले में दर्जनों गिरफ्तारियों के बाद जब इसबात की पुष्टि भी हो गई कि कोयला चोरी हो रही थी हमला भी जानलेवा हुआ थाना प्रभारी को नहीं हटाया गया मामले में जांच कार्यवाही उन्हें ही सौंप दिया गया जिसके रहते ही कोयला चोरी व्यापक रूप से जारी था। इसी तरह पटना चिरमिरी में भी कोयला चोरों का आतंक है और दोनों जगहों पर कोयला चोर अपनी परस्पर एसईसीएल की तर्ज पर अवैध कोयला खदानें संचालित कर रहें हैं और करोड़ों का कारोबार चोरी का आज भी जारी है।
मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र में जारी है अवैध शराब का कारोबार,कबाड़ चोरी का भी होता है बड़े स्तर पर काम
नवीन जिले एमसीबी की बात की जाए तो यहां शराब हर होटल में परोसी जार रही है इसकी पुष्टि स्वयं सत्ताधारी दल की महिला नेत्री कर रहीं हैं बयान दे रहीं हैं वहीं कबाड़ का भी व्यवसाय बड़े स्तर पर पुलिस की सह पर जारी है यह भी आरोप लग रहे हैं और उसके बावजूद भी दो वर्षों से ज्यादा समय से एक ही थाने में प्रभारी बनकर उपनिरीक्षक अपनी सेवा दे रहें हैं। थाना क्षेत्र में जारी अवैध कारोबार को लेकर खुद थाना प्रभारी कुछ लोगों को आगे कर पत्रकारों को धमकाते हैं लेकिन उसके बावजूद वह शराब और कबाड़ पर कार्यवाही नहीं करते और बताया जा रहा है कि उनके मधुर संबंध कार्यवाही के बीच मे आ जा रहें हैं। मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी या तो दयालु हैं और इसलिए ही वह अवैध कारोबारियों को कानून की जद में नहीं ला पा रहें हैं अब ऐसा सोचना भी मजबूरी हो गया है क्योंकि जिस थाना क्षेत्र में थाना के बगल में ही अवैध शराब सरेआम परोसी जा रही हो कबाड़ का जखीरा कुछ दूरी पर ही पड़ा हो और पुलिस की नजर न पड़े ऐसा शायद ही कोई मानने तैयार हो और इसलिए इसको थाना प्रभारी की दरियादिली कहना गलत नहीं होगा जो दिखाई भी दे रहा है।
अवैध कारोबार को लेकर खाकी है बदनाम,बदनामी से बचने खाकी क्यों नहीं कर रही बढ़िया काम
अविभाजित जिले में अवैध कारोबार को लेकर खाकी लगातार बदनाम होती आ रही है,खाकी पर आरोप लगते रहें हैं कि वह कुछ लाभ के कारण अवैध कारोबार को सह दे रहें हैं यह भी लोग कहते सुने जा सकते हैं,खाकी पर आरोप तो लग रहें हैं लेकिन खाकी अवैध कारोबार मामले में खुद पर लग रहे आरोपों को लेकर मौन है जबकि वह चाहे तो अवैध कारोबार एकदिन में बंद हो जाएंगे और उनपर लग रहा आरोप भी निराधार हो जाएगा,लेकिन लगता नहीं पुलिस की ऐसी कोई मंशा है क्योंकि कुछ बात तो है जो अवैध कारोबार मामले में पुलिस मौन है।
मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी की पदोन्नति में रोड़ा न बन जाये क्षेत्र में जारी अवैध कारोबार
मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी के कार्यकाल में मनेंद्रगढ़ में जमकर अवैध कारोबार फलाफूला है अवैध शराब और कबाड़ का करोबद मनेंद्रगढ़ में अपनी जड़ें जमा चुका है,कभी कभार एक दो कार्यवाही दिखावे के नामपर करते हुए थाना प्रभारी खुद को साबित तो कर रहें हैं लेकिन अब सत्ताधारी दल के लोग ही जब मुखर होकर कह रहें हैं कि शराब और कबाड़ का कारोबार हर जगह शहर में जारी है शहर में तो समझा जा सकता है किस स्तर पर अवैध कारोबार जड़ जमा चुका है,यही कारोबार कहीं थाना प्रभारी की पदोन्नति में रोड़ा न बन जाये इसकी संभावना अब बलवती होने लगी है।
मनेंद्रगढ़ में पत्रकारों को भी मिलती है धमकी,अवैध कारोबार की खबरों पर पत्रकारों को मिलती है चेतावनी,इसके पीछे किस पुलिसकर्मी की सहमति
मनेंद्रगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र में जारी अवैध कारोबारों की खबर पर पत्रकारों को धमकी मिलती है और अवैध कारोबारी पत्रकारों को चेतावनी भी देते हैं,अब इस सब के पीछे किस पुलिसकर्मी का सह है यह तो थाना प्रभारी जाने लेकिन जिस तरह पत्रकारों को धमकियां मिल रहीं हैं उससे स्पष्ट है कि पुलिस कर्मियों में से किसी न किसी का सह मामले में जरूर है। पत्रकारों की अवैध कारोबार को लेकर प्रकाशित की गई खबरों पर खुद थाना प्रभारी भी पत्रकारों की क्लास लेते हैं और डराते धमकाते है जिसका उदाहरण अभी हाल में ही तब देखने को मिला जब अवैध शराब पड़के जाने मामले में पत्रकारों ने आबकारी विभाग का भी पक्ष प्रकाशित किया जो खुद भी शराब पकड़ने की बात कह रहा था और तब थाना प्रभारी ने पत्रकारों को आबकारी विभाग से सवाल करने तक को कहा था और कहा था कि जाकर आबकारी विभाग से पत्रकार यह पूछें कि आबकारी विभाग कब कब शराब मामले में कार्यवाही किया है और कहां कहां।
क्या अवैध कारोबार को सह देने के इनाम बतौर मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी लेंगे पदोन्नति?
मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी का मनेंद्रगढ़ पुलिस थाने में पूरा कार्यकाल अवैध कारोबार को सह देने वाला रहा,अब देखना यह है कि जो थाना प्रभारी अपने थाना प्रभारी कार्यकाल में एकबार भी अवैध कारोबार मुक्त मनेंद्रगढ़ नहीं बना सका कयय उसे इसलिए पदोन्नति मिलेगी क्योंकि अवैध कारोबार न रोक पाने में उसे महारत हासिल है।


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