गाजियाबाद,25 नवंबर 2022 (ए)। दिल्ली से सटे नोएडा में ट्विन टावर की तर्ज पर अब गाजियाबाद में भी एक बहुमंजिला इमारत गिराई जाएगी, क्योंकि इसके निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ है। दरअसल, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की जांच में पाया गया है कि वसुंधरा योजना में 17 मंजिली मर्लिन सोसायटी का निर्माण करने में तमाम अनियमितताएं बरती गईं। इसी कड़ी में बहुमंजिला इमारत का निर्माण करने के दौरान यूपीएव्हीपी से बिल्डर को अनुमति सिर्फ 114 फ्लैट बनाने की थी वहीं, बिल्डर ने 257 फ्लैटों का निर्माण कर दिया। जांच में भ्रष्टाचार की बात सामने आने पर इसे ढहाने का फैसला लिया गया है।
ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी को मिल सकता है जिम्मा
ट्विन टावर ध्वस्त करने वाली कंपनी को ही इस इमारत को गिराने का टेंडर मिल सकता है। इसका इशारा यूपीएव्हीपी के अधिकारियों की ओर से किया गया है। इसके साथ ही नोएडा सेक्टर-93 ए स्थित ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफाइस को ही इसका जिम्मा दिया जा सकता है।
सोसायटी में रहते हैं सैकड़ों लोग
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की इस सोसायटी में बेसमेंट से लेकर सभी फ्लोर में अवैध निर्माण किया गया है। वर्तमान में यहां 100 से अधिक परिवार रह रहे हैं, जिनमें सैकड़ों लोग रहते हैं। इमारत को ढहाने की जानकारी मिलते यहां पर रह रहे लोग टेंशन में आ गए हैं। लोगों का कहना है कि इसमें हमारा क्या कसूर? सोसायटी के लोग इंसाफ के लिए कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं।
गुरुग्राम में भी इमारत गिराने की तैयारी
बता दें कि इससे पहले हरियाणा के गुरुग्राम में सेक्टर 109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के डी टावर को भी गिराने का आदेश दिया गया है। टावर को गिराने के लिए गुरुग्राम के डीसी ने बिल्डर को आदेश दे दिए हैं। साथ ही ई और एफ टावर भी खाली करने का आदेश दिया गया है। इस इमारत को भी ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी ही जमींदोज करेगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है।
सिर्फ 9 सेकेंड में हुआ था नोएडा काट्विन टावर ध्वस्त
गौरतलब है कि नोएडा के सेक्टर 93्र में बने सुपरटेक बिल्डर के एपेक्स और सियान टावर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त किया गया था। दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। वहीं, टावर गिराने से पहले आसपास के इलाके में रह रहे लोगों को खाली करा दिया गया था, क्योंकि इससे अन्य इमारतों के नुकसान का खतरा था। कंपनी ने दोनों टावरों को गिराने के लिए कई महीनों से तैयारी की थी, जिसके बाद दोनों इमारतों को तोड़ने में महज 9 सेकेंड का समय लगा था।
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