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रामानुजगंज @सरकारें केन्द्र की हो या राज्य की,मजबूत न हो तो…

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समाज में बना रहता है अराजकता का खतराःबजरंग मुनि

रामानुजगंज 24 नवंबर 20-22 (घटती घटना) समाज विज्ञानी बजरंग मुनि जी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहां की भारत में विपक्षी दल यह बात लगातार प्रचारित-प्रसारित कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार तानाशाही की दिशा में बढ़ रही है। मैंने इस विषय पर गंभीरता से सोचा। यह बात सही है कि अव्यवस्था और अराजकता की रोकथाम के लिए भारत सरकार अवश्य ही सशक्त कदम उठा रही है और मेरा मानना है कि किसी भी सरकार को मजबूत होना ही चाहिए अन्यथा समाज पर हमेशा अव्यवस्था और अराजकता का खतरा बना रहता है। मेरा यह अनुभव है कि भारत में सन 1973 तक नेहरु खानदान की एकछत्र तानाशाही रही। बाद में थोड़ा-सा संतुलन बना भी लेकिन पुनः इंदिरा गांधी की तानाशाही आ गई और उसके बाद राजीव गांधी की तानाशाही देखने को मिली। वर्तमान में न्यायिक तानाशाही चल रही है। नरेंद्र मोदी के आने के बाद भारत धीरे-धीरे सुव्यवस्था की और बढ़ रहा है। तानाशाही का अर्थ होता है कि संविधान को तंत्र द्वारा गुलाम बना लेना। अब तक नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ना तो कोई न्यायपालिका पर आक्रमण हुआ है और ना ही संविधान के साथ कोई छेड़छाड़ हुई है। हां, इतना जरूर है कि संविधान को थोड़ा-सा स्वतंत्र किया गया है जो आदर्श लोकतंत्र की एक निशानी है। वास्तव में तो नेहरु तानाशाह थे जिन्होंने समय-समय पर न्यायपालिका के अधिकार कम कर दिए थे। इंदिरा भी एक तानाशाह ही थीं जिन्होंने पूरे देश में आपातकाल लगाया। राजीव गांधी तानाशाह थे और उन्होंने संविधान में मनमाने संशोधन किए। शाहबानो प्रकरण, दल-बदल कानून इनकी तानाशाही का सबूत है। यह तानाशाह प्रवृçा के लोग मोदी को तानाशाह कैसे कह सकते हैं? जिन्होंने अब तक संविधान में कोई ऐसा संसोधन नहीं किया है, जिन्होंने न्यायपालिका पर अब तक कोई बड़ा आक्रमण नहीं किया है।
यह बात सही है कि राजनैतिक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी अबतक के सर्वाधिक शक्तिशाली प्रधानमंत्री के रुप में सामने आए हैं जो कि एक अलग तरह की बुराई है लेकिन कोई खानदानी तानाशाही नहीं। इसे हम भाजपा की बुराई नहीं कह सकते हैं। नरेंद्र मोदी के अब तक के किसी कार्य से तानाशाही की संभावना नहीं दिख रही है और सच्चाई यह है कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई संवैधानिक शक्ति भी नहीं आई है। जब संसद में दो-तिहाई से अधिक बहुमत प्राप्त होता है, तब तानाशाही की संभावना बनती है और ऐसी तानाशाही हम कई बार देख चुके हैं। लेकिन अभी तक नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ऐसा कोई लक्षण नहीं दिख रहा है। अगर पिछले तानाशाह मजबूत प्रशासन को तानाशाही के रूप में प्रसारित कर रहे हैं तो माना जाएगा कि यह उनकी बुरी नीयत है। यही कारण है कि आज भारत में नरेंद्र मोदी का समर्थन दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि यह विश्वास लगातार मजबूत होता जा रहा है कि नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक तरीके से अराजकता और अव्यवस्था से देश को मुक्त रख सकते हैं।


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