-राजेन्द्र कुमार शर्मा –
खडगवा, 22 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। लगातार अखबारों और सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहने वाला लोक निर्माण विभाग सडक निर्माण कार्य में सरकार को लगा रहे है करोड़ों का चूना, उच्चअधिकारी नींद मे ठेकेदार-इंजीनियरों की साठगांठ
विकास खड खडगवा में यदि सबसे ज्यादा अखबारों की सुर्खियों में रहने वाला लोक निर्माण विभाग गांवों में सड़कों के निर्माण के लिए जिम्म्ेदार है। गुणवाा की लापीपोती को लेकर सरकार और प्रशासन के ढीले रवैये से सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस योजना को पलीता लगाने का सिलसिला अनवरत जारी है। प्रदेश में गठित जांच एजेंसी ने आज तक शिकायतों को न महत्व दिया और न ही सड़क की गुणवाा की जांच की गई।
जानकारों का कहना है कि इसके पीछे एक सिंडिकेट काम कर रहा है जो कागज मे ही सड़क निर्माण कार्य की जाच करा लेता है। ऐसे में जांच एजेंसी आखिर जांचेगी क्या? उसे तो वहां तक पहुंचने ही नहीं दिया जाता । होटलों में सेवादारी करके ठेकेदार और इंजीनियर वापसी की रवानगी डलवा देते है।
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार कर स्तरहीन निर्माण सामग्री का उपयोग कर सड़क निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश में हर जगह सड़कें बनायी गई एवं पांच साल का मेंटनेन्स की पूर्ति भी किया जाना है, किन्तु भ्रष्टाचार के कारण सड़कें केवल नाम मात्र के लिए ही निर्मित की गई, जिसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ। गुणवााहीन सड़क निर्माण से कुछ महीनों में ही सड़कों पर दरारें आ रहीं हैं और जगह-जगह धंसने भी लगी हैं। योजना के तहत बनी सड़कों का कमोबेश पूरे जिले में एक जैसा हाल है। अधिकारियों ने इस योजना को तिजोरी भरने का माध्यम बनाकर ठेकेदारों को घटिया निर्माण करने का लाइसेंस दे दिया है। जो सड़कें वर्तमान में बन रही हैं उसकी गुणवाा निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर जांचा जा सकता है वहीं कुछ साल बनी सड़कों की दुर्दशा घटिया निर्माण की कहानी खुद ही बयां कर रही हैं। पांच साल तक सड़कों के मेंटनेंस की जिम्मेदारी भी ठेकेदार पूरा नहीं कर रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने जमकर कमाई की है। लोक निर्माण विभाग भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान में लेने की जगह ठेकेदारों और कमीशन खोर अधिकारियों को उपकृत कर रहा है। सड़क घोटालों को छुपाने के लिए राज्य सरकार मरम्मत के लिए भी टेंडर जारी कर उन्हें कमाई का मौका देती है जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
निर्माण कार्यों की
नहीं हो रही मानिटरिंग
इस तरह सडक निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार और घोटालों को रोकने के लिए राज्य सरकार को एक निगरानी समिति बनानी चाहिए, जो सडकों की गुणवाा एवं भ्रष्टाचार पर निगरानी रखें।
इस लोक निर्माण विभाग में कार्य कर रहे अधिकारी सालों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं, जिनके कभी ट्रांसफर हुए भी वे कुछ ही महीने में पुन: उन्ही इलाकों में पदस्थ हो गए।
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बनायी गई सड़कें बहुत कम समय में खराब होने व गुणवााहीन निर्माण की शिकायते लगातार ग्रामीण राज्य सरकार से भी कर रहे हैं।
सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग किए जाने सहित कार्यों की खराब गुणवाा से संबंधित कई गंभीर शिकायतें मंत्रालय को मिली हैं। कई बार निविदा तथा ठेका प्रबंधन एवं गुणवाा नियंत्रण सहित कार्यक्रम के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को आदेशित भी किया गया तथा राज्यों से ये अपेक्षा की गई है कि वे ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करें। बावजूद अधिकारी शिकायतों पर परदा डालकर ठेकेदारों को मनमाने ढंग से काम करने की छूट देकर भ्रष्टाचार का मौका दे रहे हैं।
एक भी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं
सड़क निर्माण में लगीं एजेंसियों और ठेकेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार और गड़बडिय़ों की शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ज्यादा सड़कों के घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है, कई निर्माणाधीन सड़कों में गुणवाा हीन और घटिया मटेरियल के साथ सड़कों के निर्माण को लेकर मीडिया में खबरें आ रही है. ग्रामीण इसे लेकर अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंप रहे हैं लेकिन किसी भी शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आज तक किसी ठेकेदार को लैक लिस्ट तक नहीं किया गया है। मैदानी स्तर पर जमे अधिकारी उच्चाधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदारों को मोटे कमीशन लेकर शिकायतों पर परदा डाल रहे हैं।
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