- सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों से मांग रखते-रखते हो गए निराश,अब विपक्ष से आस
- पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े के साथ महिला पुलिस स्वयंसेवकों के प्रतिनिधिमंडल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री के पास
- विधानसभा सत्र में सदन के पटल में आवाज उठाने के लिए की गई मांग
- क्या भैयालाल के नेतृत्व में हो पाएगा इनका समाधान,मसीहा बनकर भैयालाल पहुंचे रायपुर
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 22 नवम्बर 2022 (घटती-घटना) छत्तीसगढ़ शासन में पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े, जिनका नाम सुनते ही जेहन में एक ऐसे व्यक्ति की तस्वीर उभरती है जो वास्तव में जनसेवक है। राजनीति में पदार्पण से लेकर वर्तमान तक हर स्तर में शायद ही किसी को भैयालाल राजवाड़े से निराश होना पड़ा हो। संभावी सभी प्रकार के मदद के लिए इनके दरवाजे आम जनता के साथ-साथ पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए सदैव खुले रहे। अपनी सत्ता शासन में पूरे प्रदेश के लिए इन्होंने अपना रायपुर वाला बंगला एक तरह से जनता को समर्पित कर दिया था। पूरे प्रदेश के लोग अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर जब राजधानी पहुंचते थे, तो उन्हें एकमात्र आसरा भैयालाल जी के साथ दिखाई पड़ता था। पीड़ित और बीमार लोगों की तीमारदारी और भैयालाल जी द्वारा उपलब्ध कराएं जाने वाले सुविधाओं के चलते लोग इन्हें इलाज वाले बाबा की उपाधि से भी नामित किए। दिन हो, रात हो, मंत्री रहते हुए भी चौबीसों घंटे जन सेवा में लगे रहने वाले भैया लाल राजवाड़े जी कभी बाइक पर तो कभी और किसी रूप में सदैव पीड़ितों और वंचितों के लिए आशा का किरण बने रहे। यही कारण है कि कोरिया जिले की राजनीति में स्वर्गीय श्री रामचंद्र सिंहदेव के समकक्ष और सर्वमान्य नेता के रूप में भैया लाल राजवाड़े जी आज भी ख्यातिलब्ध हैं। कहीं ना कहीं विगत चुनाव में इनके पराजय की टीस आज भी जनता के सीने में उठती है। वर्तमान सरकार के 4 साल के कार्यकाल और विगत 4 साल से कोरिया जिले की स्थिति परिस्थिति से दो-चार होने वाले बैकुंठपुर विधानसभा की जनता पछतावा महसूस करती है कि बरगलाव में आकर सच्चे जनसेवक को स्वयं सै दूर कर दिया। परंतु आज भी लोगों को सत्ता पक्ष से ज्यादा उम्मीद कोरिया जिले में भैयालाल राजवाड़े जी से है। शायद यही कारण है कि अपनी समस्याओं को लेकर महिला पुलिस स्वयंसेवकों ने भैयालाल जी से मिलकर उन्हें अवगत कराया और मार्ग प्रशस्त करने की गुहार लगाई।
मामला महिला पुलिस स्वयं सेवकों से जुड़ा हुआ है। विगत सरकार में सामाजिक अपराधों की रोकथाम, होने वाले अपराधों की त्वरित सूचना, महिला और बाल अपराधों की रोकथाम के लिए पंचायत स्तर पर प्रत्येक वार्ड में महिला स्वयं सेवकों की भर्ती पुलिस विभाग के सहयोग से की थी। जिन्हें महिला पुलिस स्वयंसेवक नाम दिया गया था। इनकी नियुक्तियों से बहुत हद तक पुलिस विभाग को भी सहयोग प्राप्त हो रहा था। जिसके एवज में प्रत्येक महिला पुलिस स्वयंसेविका को 1000 का मानदेय दिया जा रहा था। सरकार बदलते ही बिना किसी पूर्व सूचना या बगैर कारण बताएं और कई महीनों का भुगतान दिए बगैर इन्हें कार्य से निकाल दिया गया। अपने अप्राप्त मानदेय और कार्य में बने रहने को लेकर महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं नै सरकार के नुमाइंदों और जनप्रतिनिधियों के समक्ष समय-समय पर गुहार लगाई। विभिन्न मंचों, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी बात रखी, परंतु कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। जब सत्ता पक्ष से पूरी तरह आस टूट गई तो महिला पुलिस स्वयं सेविकाओं ने विपक्ष से उम्मीद लगाई और विधानसभा में सदन में अपनी बात रखने के लिए भैया लाल राजवाड़े जी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। अपने चरित्र अनुसार भैयालाल जी ने तत्काल इनकी समस्याओं को सुना और उचित पहल करते हुए सदन के पटल पर इनकी बात रखने के लिए इनके प्रतिनिधियों का मुलाकात छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी से कराया। जहां इन्हें पूर्णरूपेण आश्वासन दिया गया की उचित मांगों के समर्थन में सदन के पटल पर इनकी बात रखी जाएगी। रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी से कोरिया जिले नै महिला पुलिस स्वयंसेविका के प्रतिनिधि मण्डल के साथ भेंट कर वार्ड महिला पुलिस के देय भत्ता और पुलिस महिला स्वयं सेविका योजना को फिर से लागू करने विधानसभा के पटल पर रखने का आश्वासन दिया।
लोगों की फिक्र ही पूर्व कैबिनेट मंत्री को बनाती है एक अलग जनसेवक
भाजपा नेता संदीप दुबे ने बताया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े स्वयं के लिए नहीं लोगों के लिए सोचते हैं उनकी सोच ही उन्हें बाकी जनप्रतिनिधियों से अलग बनाती है, यही वजह है कि वह इस क्षेत्र के नेताओं में इनकी गिनती अलग होती है, लोगों से इनकी सरोकार ही भैयालाल को महान नेता बनाती है, इनके अंदर जो सत्ता रहते हुए था वही बिना सत्ता रहते हुए भी देखा जा सकता है और यह आज की नहीं बहुत पुरानी बात है भैया लाल अपने लिए कम अपने क्षेत्र की जनता वह अपने लोगों के लिए हमेशा ही सोचते हैं, श्रम मंत्री रहते हुए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री जैसे काम भी किया था, जिसकी तारीफ आज भी क्षेत्र में होती है, एक बार फिर विपक्षी होने के नाते भैयालाल को जब लोगों ने याद किया तो उनकी समस्याओं को लेकर वह अपने पूर्व मुख्यमंत्री के समक्ष है ताकि उनकी बातों को विधानसभा सत्र में रख सकें, यदि केंद्र से कोई मदद मिल सके तो वह केंद्र से ही इनकी मदद करें और इनका भला हो सके।