बैकु΄ठपुर@पुलिस कार्यवाही पर उठा सवाल,एक ही स्थान पर चार बार कार्यवाही

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सरकारी गौठान में चल रहा था जुआ…किला भेदने की जिम्मेदारी निभाने में सफल हुए प्रधान आरक्षक…पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में बड़ी कार्यवाही

रवि सिंह-

बैकु΄ठपुर 28 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। लोगों का कहना क्या पुलिस जुआरियों को पकड़ रही थी फिर पकड़कर थाने ले जा रही थी, वहीं जुआरी आते जा रहे थे और पुलिस पकड़ती जा रही थी, लगता है जुआरी पुलिस के पकड़ में आने के लिए उतावले थे और जुआ फड़ पर बार-बार आ रहे थे और पुलिस गश्त भी सिर्फ एक ही जगह पर कर रही थी, पुलिस ने अपने ही कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया, एक ही स्थान पर पुलिस ने चार बार जुआरियों को पकड़ना बताया जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है और पुलिस अधीक्षक को भी इस सवाल को समझना व सुलझाना जरूरी है।
मिली जानकारी के अनुसार पटना थाना के अंतर्गत रनई के पास एक सरकारी गौठान में काफी संख्या में जुआरी जुआ खेल रहे थे वहां पर अचानक पुलिस की टीम पहुंची और सभी जुआरियों को पकड़ने का प्रयास किया गया, जुआरीओं की संख्या अधिक थी पर पुलिस कम पड़ गए जिस वजह से पुलिस सारे जुआरियों को पकड़ पाने में असफल रही फिर भी काफी संख्या में जुआरी पुलिस के हत्थे लगे जो तारीफ ए काबिल है पर पुलिस ने अपनी कार्यवाही में जो चीजें दर्शायी हैं वह भी कई सवाल को खड़ा करती है, पुलिस ने एक ही जगह पर कई कार्यवाही करते हुए चार एफआईआर दर्ज कर अलग-अलग समय पर जुआरियों को पकड़ना बताया पर जगह सिर्फ एक थी एक ही जगह पर चार बार जुआरी पकड़े गए, जो किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि पुलिस की यह कैसी कार्यवाही है जहां की कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पुलिस ज्यादा मात्रा में एक ही मामले में गिरफ्तारी इसलिए नहीं दिखाना चाह रही कि कहीं उनके बड़े अधिकारी उनसे सवाल ना करने लगे कि इतने भारी मात्रा में जुआ चल रहा था और स्थानीय पुलिस कैसे अंजान थी, जिसे देखते हुए पटना पुलिस ने एक अलग ही कहानी बना ली और उसी कहानी मे दर्ज एफआईआर के अनुसार पुलिस पहले बार गई उस गौठान में एक बार छापामारी की कुछ लोगों को पकड़ा फिर कुछ देर बाद दोबारा गई फिर छापा मारा फिर कुछ लोगों को पकड़ा पुलिस ऐसे कर चार बार एक ही जगह पर छापामारी की बात कह रही है जबकि वहां पर कुछ मौजूद लोगों का कहना है कि पुलिस ने एक ही बार कार्यवाही की काफी संख्या में लोग पकड़े गए। जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही पंजीबद्ध कर पुलिस ने सक्षम जमानतदार प्रस्तुत करने पर सभी जुआçड़यों को छोड़ दिया वहीं अब आगे की विवेचना पुलिस जारी रखने वाली है। पूरी कार्यवाही थाना प्रभारी पटना के नेतृत्व में विभिन्न थानों से आये पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में कई गई, इस दौरान मुख्य रूप से थाना प्रभारी द्विवेदी, सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक कमलेश पाण्डेय, प्रधान आरक्षक रामकृपाल सिंह, प्रमित सिंह, अंबुज सिंह, समीर राय की भूमिका महत्वपूर्ण रही, मुख्य रूप से कार्यवाही को बेहतर मुखबिरी की सूचना पर संपन्न कराने का सबसे बड़ा श्रेय प्रधान आरक्षक नवीन दत्त तिवारी का रहा।

पुलिस महानिरीक्षक के जाते ही हुई कार्यवाही

पूरे मामले में यह भी बात बताई जा रही है कि,सरगुजा पुलिस महानिरीक्षक का दो दिवसीय कोरिया जिला दौरे के दूसरे दिवस उनके लौटते ही यह कार्यवाही तय की गई वहीं आईजी सरगुजा के सरगुजा मुख्यालय पहुंचने से पहले तक यह कार्यवाही कर ली गई थी। पूरे मामले में आईजी सरगुजा के निर्देशों को भी अहम माना जा रहा जिसमे उन्होंने अवैध कारोबार पर रोक लगाने निर्देश जारी किया हुआ है।

थाना प्रभारी व प्रधान आरक्षक की जोड़ी कानून व्यवस्था के मामले में प्रभावी जोड़ी

इस पूरे कार्यवाही में एक बात और सामने आ रही है और वह यह कि पटना थाने में पदस्थ थाना प्रभारी व प्रधान आरक्षक की जोड़ी एकसाथ मिलकर बेहतर कानून व्यवस्था कायम करने में माहिर मानी जाती है, जुआ फड़ जिसपर कार्यवाही हुई है वह पटना क्षेत्र में ही संचालित था और अब थाना प्रभारी सहित प्रधान आरक्षक की जोड़ी के इस कमाल को लेकर सभी यह मानने लगे हैं कि यह जोड़ी वाकई में कानून व्यवस्था के हिसाब से बेहतर जोड़ी है।
प्रधान आरक्षक के द्वारा मुखबिरों की सहायता से संभव हो सकी कार्यवाही
सूत्रों की माने तो कार्यवाही जिसको अंतरजिला स्तर के बड़े जुआ फड़ मानकर पुलिस ने कार्यवाही की है में प्रधान आरक्षक नवीन दत्त तिवारी की मेहनत रंग लाई वहीं लगातार मुखबिरों से प्राप्त सूचना के आधार पर कार्यवाही तब तय की गई जब फड़ पर ज्यादा जुआçड़यों का जमावड़ा था। वैसे प्रधान आरक्षक अपनी जिम्मेदारी को लेकर सक्रिय व सजग रहने वाले सिपाही हैं वहीं उनका मुखबिरी तंत्र मजबूत है यह भी पुलिस विभाग में ही चर्चा होती है।

अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हुए कई जुआड़ी

पूरे कार्यवाही के दौरान कुछ जुआçड़यों को भागने का भी मौका अंधेरे की वजह से मिल सका और वह फरार हो सके यह भी बताया जा रहा है, वहीं ज्यादातर जुआçड़यों को पुलिस ने जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया यह सूचना मिल रही है।

इन पर जुआ एक्ट के तहत की गई कार्यवाही,मुचलका पर छोड़ा गया

पुलिस द्वारा रनई ग्राम के बांसापरा शासकीय गौठान के भीतर घुसकर जुआ खेल रहे अंतरजिला जुआçड़यों को पकड़े जाने मामले में जुआ फड़ से पकड़े गए जुआçड़यों में मनोज कुशवाहा, सोखी अग्रवाल, बसंत सिंह, कुन्नू सिंह, महबूब आलम, आकाश, आमिर खान, आशिफ खान, जाकिर हुसैन, श्याम दास, राजकुमार, राहुल, राकेश गुप्ता महेश, शैलेन्द्र, प्रमोधन, पर जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही की गई वहीं जुआçड़यों के पास से लगभग 80000 रुपये मय 52 पत्ती ताश बरामद किए गए, वहीं जुआ फड़ के सामने जुआçड़यों की गाçड़यों को भी पुलिस ने कार्यवाही कर सुपुर्द लिया जिसमे कई दोपहिया चार पहिया वाहन जब्त किए गए।

चिरिमिरी व मनेन्द्रगढ़ के जुआ फड़ पर कब होगी कार्यवाही

जिले के सबसे बड़े जुआ फड़ पर कार्यवाही हुई ऐसा पुलिस का दावा है वहीं जिले में चिरिमिरी क्षेत्र में भी बड़े स्तर का जुआ फड़ संचालित है और जिसकी शिकायतें भी मिलती रहती हैं, अब इस कार्यवाही के बाद यह भी उम्मीद की जा रही है कि चिरिमिरी क्षेत्र में संचालित जुआ फड़ पर भी कार्यवाही होगी ऐसा लग रहा है।

जुआ फड़ पर पुलिस कार्यवाही के दौरान के कुछ अनसुलझे सवाल, जिनका भी जनता ढूंढ रही जवाब

सवाल 1. पुलिस ने यदि सभी जुआçड़यों को एकसाथ पकड़ा तो चार चार एफआईआर दर्ज करने की वजह क्या थी?
सवाल 2. कार्यवाही में सबसे ज्यादा लोग सूरजपुर जिले के थे, महीनों से जारी जुआ फड़ पर स्थानीय पुलिस मौन क्यों थी, क्या कार्यवाही की पूर्व स्थानीय पुलिस की संलिप्तता थी।
सवाल 3. सूत्रों के अनुसार यह प्रायोजित जुआ फड़ था और यदि ऐसा था तो इसका संचालन किसके द्वारा किया जा रहा था, इस बात को छिपाने के उद्देश्य से तो चार-चार एफआईआर दर्ज नहीं कि गई।
सवाल 4. बकौल पुलिस एफआईआर पुलिस मौके पर थी, 9 बजकर 45 मिनट रात से 11 बजकर 50 मिनट तक कि एफआईआर को पढ़ने पर एक सवाल और खड़ा होता है और वह यह कि पुलिस ने क्रमशः रेड जुआçड़यों पर डाली और उस दौरान अलग अलग समय पर रेड हुई क्या जुआड़ी रेड का इन्तेजार कर रहे थे, क्या बेखौफ जुआ तब तक खेलते रहे जबतक रेड जारी रही?
सवाल 5. क्या अंतरजिला जुआ फड़ पर चार एफआईआर दर्ज करके जुए के स्वरूप को छोटा दिखाना का प्रयास किया गया? बड़े फड़ पर कोरोना के मद्देनजर भी जारी गाइडलाइन अनुसार प्रतिबंधात्मक कार्यवाह जुआçड़यों पर न करते हुए केवल जुआ एक्ट की कार्यवाही करना बड़ा सवाल?
सवाल 6. स्थानीय पुलिस की जगह एक प्रधान आरक्षक के नेतृत्व में अन्य थानों के पुलिस के सहयोग से रेड डालना, क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत बनी हुई थी। कई ऐसे सवालों के जवाब अभी पुलिस के सामने खड़े हैं, जो उन्हें देने की जरूरत है।


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