- क्या स्थानीय जनप्रतिनिधि की नही है कुछ जिम्मेदारी?
पूर्व कलेक्टर श्याम धावड़े के जाने के बाद क्या फाईल रद्दी की टोकरी में? व्यापार संघ का षडयंत्र सड़क चौड़ीकरण में बनना बाधक
–रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 19 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। गत वर्ष बैकुंठपुर शहर के युवाओं ने सड़क चौड़ीकरण को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी, एक महीने तक विभिन्न माध्यमों से शासन र्प्रषासन का ध्यान भी सड़क चौड़ीकरण के लिए आकृष्ट कराया था, युवाओं की आवाज और जनता की मांग को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भी उनकी मांगो का समर्थन किया था, जनहित से जुड़े इस उद्दे को देखते हुए तात्कालिक कलेक्टर ने एक टीम का गठन किया था जिसके बाद हरकत में आई टीम ने पूरे शहर में नापजोख करते हुए सड़क चौड़ीकरण का खाका तैयार किया और प्रस्ताव भी शासन को भेज दिया था। लेकिन लगता है कि समय के साथ-साथ अब सड़क चौड़ीकरण की फाईल भी रद्दी की टोकरी में चली गई है, स्थानीय जनप्रतिनिधि की इस ओर अनदेखी के कारण अब जनता और चौड़ीकरण की चाहत रखने वाले व्यापारी भी शांत पड़ गए हैं। इससे स्थानीय जनप्रतिनिधि यानि की विधायक और संसदीय सचिव के प्रति भी गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है आने वाले समय में यह भी एक मुद्दा स्थानीय स्तर पर उभरेगा इसकी संभावना प्रबल होती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कोरिया जिला मुख्यालय में इन दिनों व्यापार जगत में काफी निराषा देखने को मिल रही है, जिला विभाजन और दूसरी ओर बाईपास सड़क बन जाने के बाद से शहर में लोगो की आवाजाही काफी कम हो गई है, तो वहीं सड़क चौड़ीकरण न होने से स्थानीय लोगो को भी अपनी चारपहिया वाहन लेकर बाजार आने जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, स्थानीय नागरिक बाजार आने जाने में खुद को काफी असहज महसूस करते हैं। सभी का मानना है कि समय के साथ-साथ शहर में चाहरपहिया वाहन बहुत संख्या में बढे हैं उस हिसाब से सड़क चौड़ीकरण किया जाना अत्यंत आवष्यक है। सड़क चौड़ीकरण न होने से आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होती है। किसी भी धार्मिक, राजनैतिक आयोजन में बड़ी संख्या में लोगो का आना जाना शहर में होता है, जिससे कि घंटो जाम की स्थिति निर्मित होती है जिसका नुकसान प्रत्यक्ष तौर पर स्थानीय व्यापारियों को उठाना पड़ता है। आयोजन के समय व्यापार एकदम चौपट होने से व्यापारी वर्ग खासा परेषान रहते हैं। लेकिन इस ओर शासन प्रषासन की चुप्पी समझ से परे है।
पूर्व कलेक्टर ने बनाई थी सड़क चौड़ीकरण की योजना
सड़क चौड़ीकरण के संबंध में पिछले वर्ष पूर्व कलेक्टर श्याम धावड़े ने स्थानीय स्तर पर व्यापारियों, आमजन व युवाओं की आवाज को देखते हुए एक टीम का गठन किया था। सीईओ जिला पंचायत की अगुवाई में बनी टीम में एसडीएम, तहसीलदार, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका समेत अन्य विभागो को इसमें शामिल किया गया था जिसके बाद टीम में वृहद स्तर पर अभियान चलाकर सड़क चौड़ीकरण के लिए मार्किंग इत्यादि करते हुए एक रोडमैप तैयार किया था, अभियान के बाद पूर्व कलेक्टर ने रूचि दिखलाते हुए सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को भेजा था,उसके कुछ दिन बाद ही कलेक्टर श्री धावड़े का स्थानांतरण हो गया और उनके जाते ही यह अभियान और सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है।
क्यों जिम्मेदारी से बचती हैं स्थानीय विधायक
शहर में सड़क चौड़ीकरण का कार्य अति आवष्यक हो गया है, इससे आए दिन लगने वाले जाम से निजात तो मिलेगा ही साथ ही व्यापार में भी बढोत्तरी हो सकती है,लेकिन इस बारे में स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव की चुप्पी समझ से परे है । विगत दिनों मुख्यमंत्री भूपेष बघेल के आगमन पर भी उनके द्वारा कोई मांग नही किया गया और न ही आज तक स्थानीय प्रषासन से समन्वय स्थापित करते हुए सड़क चौड़ीकरण की दिशा मे कोई पहल किया जाता है। स्थानीय नागरिकों समेत व्यापारियों को मानना है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए विधायक को आगे आना चाहिए लेकिन उनकी चुप्पी समझ से परे है जिससे कि लोग विधायक के खिलाफ काफी आक्रोषित हैं।
व्यापार संघ का षडयंत्र व्यापार के लिए बना ग्रहण
शहर में जब भी सड़क चौड़ीकरण की बात सामने आती है तो यहां का तथाकथित व्यापार संघ बहुत ही योजनाबद्व तरीके से एक षडयंत्र करते हुए अधिकारियों समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समक्ष नए नए तर्क लेकर पेष हो जाता है जिससे कि सड़क चौड़ीकरण का काम आज तक ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अधिकारी या कि जनप्रतिनिधि इस बात से वाकिब नही होते हैं कि चंद लोगो के तथाकथित एक संगठन द्वारा आखिर क्यों बार-बार सड़क चौड़ीकरण मंे टांग अड़ाया जाता है। यहां यह उलेखनीय है कि पूर्व में जब सड़क चौडीकरण के लिए एक निर्धारित मापदंड तय करते हुए मार्किंग का काम किया गया था उससे व्यापार संघ के प्रमुख लोगो की दुकाने भी काफी प्रभावित हो रही थी, तब एक षडयंत्र के तहत व्यापार संघ से जुडे चंद लोगो ने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को बरगलाने में प्रमुख भूमिका निभाई और इस प्रकार चौड़ीकरण का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। व्यापार संघ की इस प्रकार की कार्यप्रणाली से ही आज सभी व्यापारियों का इससे मोह भंग हो गया है और व्यापारियों की इच्छा है कि नए सिरे से संघ का गठन होना चाहिए क्योंकि इस संघ के जिम्मेदार चुनिंदा पदाधिकारी आज अपना स्वार्थ देखते हुए ही सड़क चौड़ीकरण पर अड़ंगा लगाकर बैठै हुए है जिससे कि स्थानीय व्यापार पर ग्रहण लग चुका है,व्यापारी जगत इससे काफी परेषान है। बहरहाल स्थानीय नागरिकों से लेकर व्यापारियों का एक वर्ग भी सड़क चौड़ीकरण के लिए आषान्वित है और अब एक बार फिर नए प्रषासनिक प्रमुख से सड़क चौड़कीरण की दिषा में कदम उठाए जाने का उम्मीद कर रहा है।