चिरमिरी@किस फर्जी कंपनियों के नाम पर चिरमिरी निगम में हो रहा है बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार?

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  • क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का वरदहस्त प्राप्त ठेकेदार कर रहा है बेहद घटिया और गुणवत्ताविहीन कार्य।
  • पुराना एसओआर, महंगाई चरम पर 50 से 60 प्रतिशत बिलों लेकर कैसे होगा गुणवत्तापूर्ण निर्माण, समझ से परे?  
  • जिम्मेदार अधिकारियों और अभियंताओं की स्थिति संदिग्ध।

-रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर/चिरमिरी 10 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)।  नगर निगम चिरमिरी में एक ठेकेदार का बड़ा बोलबाला है सत्ता किसी की भी हो सभी से अपने बढ़िया सेटिंग बनाकर उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति कर निर्माण, सप्लाई, खरीदी, सहित निगम के सभी फर्जी कार्य जो बिना टेंडर गुपचुप तरीके से कराए जाते हैं, उन सब का भुगतान कुछ फर्म पर लगातार किया जाता रहा है, आज भी यह ठेकेदार निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का खासम खास बना बैठा है, नगर निगम में लगभग दो दर्जन ठेकेदार हैं उन ठेकेदारों की फाइलें कई महीनों और कई सालों से लंबित हैं उन फाइलों का भुगतान नही  हो पा रहे हैं, वही चहेते ठेकेदार का कार्य अधूरा रहता है उसका भुगतान दूसरे मदों का पैसा निकाल कर पूरा कर दिया जाता है, जांच होतो क्षेत्र में अनेकों उदाहरण देखने को मिलेंगे, निगम के जनप्रतिनिधि और निगम के बड़े साहब का मधुर संबंध बताया जाता है पिछले सात-आठ सालों में इसके द्वारा चिरमिरी की सभी टॉप ठेकेदारों को पछाड़ कर आज नंबर एक ठेकेदार के रूप में अपनी ख्याति बनाकर लगभग सभी कार्य 50 से 60 प्रतिशत बिलों में लेकर यह ठेकेदार निर्धारित मापदंड में मटेरियल ना डाल कर खूब भ्रष्टाचार कर रहा है, इसके सभी कार्यों की शिकायत की जाती है किंतु धृतराष्ट्र बने अधिकारी इसके बेहद घटिया निर्माण कार्यों की जांच भी नहीं करते और महज कुछ घंटों में उसके खाते में राशि भी आवंटित कर दी जाती है।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो की ठेकेदार करते है अच्छी खातिदारी
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो के सेवक के रूप में ख्याति प्राप्त यह ठेकेदार बड़ी महंगी महंगी तीन गाड़ियां इनकी सेवा के लिए रखता है, रायपुर के महंगे होटलों में भी काफी अच्छी पकड़ भरता है जहां वह आवश्यकता के अनुरूप अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सेवा करता है ऐसो आराम और शान शौकत की सभी चीजें इसके पास मौजूद हैं यही वजह है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी आंख बंद करके इसके गलत कार्यों को कर रहे हैं, ठेकेदार निगम में शाम छ बजे पहुंच जाता है इसके पहुंचने के बाद ऑफिस का माहौल बड़ा खुशनुमा और रंगीन सा हो जाता है बड़े गेट में ताला लगा दिया जाता है इस दौरान आम आदमी की दखल पूरी तरह बंद रहती, देर रात तक अधिकारियों और इंजीनियरों से मिलकर अपने काले कारनामे करते रहता है।
महंगाई के दौर में कैसे हो रहा 40 से 30 प्रतिशत में काम
इतनी महंगाई के इस दौर में जहां बेहतर गुणवत्ता युक्त कार्य करने वाले ठेकेदार अब कार्य करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करते हैं पुराना एसओआर है महंगाई चरम पर है उसके बाद भी 100 रूपए का काम को मात्र 40 रूपए और 30 रूपए में करने को तैयार है और एसईसीएल निगम में कई करोड रुपए के कार्य इसके अभी भी चल रहे हैं सभी 60 से 70 प्रतिशत बिलो बताए जाते हैं। विदित हो कि चिरमिरी नगर निगम इन दिनों भ्रष्टाचार में पूरा डूबा हुआ है, सारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी सिर्फ शासकीय राशि में अपनी अधिक से अधिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने में लगे हैं, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने मद का 70 प्रतिशत एक व्यक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा कर उससे बिल प्राप्त कर शासकीय राशि का बंदरबांट कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण इन दिनों स्वच्छता के जागरूकता के नाम पर पिछले दिनों दस लाख रुपए की राशि सीधे-सीधे डकार जाने की खबर मिल रही है।
क्या अभियंता ठेकेदार का काफी करीबी है
इन दिनों रायगढ़ से 3 माह पूर्व स्थानांतरण हो कर एक अभियंता ठेकेदारो का काफी करीबी बताया जाता है उसकी पदस्थापना के बाद निगम में लूट सी मच गई है निगम कार्यालय के अनावश्यक कार्य जिन की आवश्यकता नहीं है लेकिन कमीशन खोरी के इरादे से शासकीय राशि का बंदरबांट का खेल खेला जा रहा है इंजीनियर सप्ताह में 2 दिन रायपुर से आता है और इसकी सभी फाइलों को चेक करता है और भुगतान करा कर दूसरे दिन ठेकेदार द्वारा प्रदत कार से रायपुर चला जाता है, यह इंजीनियर निगम का ऑपरेशन रायगढ़ में अटैच था, वहां भी काफी भ्रष्टाचार किया उसे सजा के तौर पर चिरमिरी निगम भेजा गया था लेकिन कहते हैं कमाने वाला हर जगह अपना जुगाड़ बना ही लेता है, वाली कहावत चरितार्थ करते हुए निगम के सभी मदों में डाका डालने का कार्य ठेकेदार  के दोनों फर्मों में लगातार कर रहा है 40 वार्डों में विभिन्न निर्माण कार्यों को किए जाने हेतु जोन वाले कार्यों को ठेकेदार ने ले रखा है उसमें किसी भी तरह का कार्य नहीं किया गया है सिर्फ फर्जी बिल बनाए जा रहे हैं, 50 प्रतिशत निगम के कर्ण धार लेते है 50 प्रतिशत अधिकारी लेता है इस पद्धति पर लगातार चेक काटे जा रहे हैं, निगम मद जो सिर्फ अधिकारियों कर्मचारियों के मासिक वेतन हेतु शासन ने उस मद को सुरक्षित किया है उस समय से भी काफी राशि निकाली जा रही है, यही वजह है कि निगम में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है।
इन कार्यो में भी हुई दिखी अनिमताता
सूत्रों की मानेतो तालाब में बना छठ घाट में ठेकेदार अल्लू मटरू और निगम के अभियंता के द्वारा मिलकर काफी भ्रष्टाचार किया गया है जो काम पूर्व में किए गए थे उन कामों में पुनः दूसरा निर्माण बताकर फर्जी तरीके से टेंडर लगाकर करोड़ों रुपए निकाले गए हैं, वही कॉलोनी की पुलिया और रिटर्निंग वालों जो महज कुछ लाख रुपए में बन जानी थी लगभग 3 से 4 करोड रुपए रिटर्निंग वॉल और सीसी रोड के नाम पर पैसे निकाले गए है, भ्रष्टाचार की सीमा यहीं पर खत्म नहीं होती जोन के काम पिछले कई साल से यह ले रहा है, यदि हम पिछले 5 साल के कार्यों की समीक्षा करें तो कार्य ही नहीं हुए, सिर्फ फर्जी बिलों के आधार पर राशि का बंदरबांट किया गया है, अभी भी वह जोन का निर्माण कार्य इसी ठेकेदार के पास है, इसके पूरे भ्रष्टाचार में पिछले 20 सालों से अंगद की तरह पैर जमा कर बैठे अभियंता सोनकर और साहू जी की स्थिति काफी संदिग्ध है इन दोनों अभियंताओं कि इसके कार्य में पार्टनरशिप भी बताई जाती है, इन दोनों अभियंताओं की शिकायत कोरिया कलेक्टर सहित जल्द ही ईओडब्लू व सरकार की विभिन्न जांच एजेंसियों में इनकी शिकायत की जाने की रूपरेखा तय की जा रही है, आगामी दिनों और भी इस के काले कारनामे हमारे में समाचार पत्र के माध्यम से उजागर किए जाएंगे।
विजेंद्र सिंह सारथी कमिश्नर नगर निगम चिरमिरी
इन से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सारे टेंडर कम दर पर ही नहीं अधिक दर पर भी होते हैं, कौन से खरीदी फर्जी नाम पर हो रहा है इसकी जानकारी दें तो मैं उसका बिल रोक दूंगा, कार्यालय बंद होने के बाद कौन ठेकेदार आता है इसकी जानकारी में ले लेता हूं यदि ऐसा होगा तो जरूर कार्रवाई होगी।




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