कई ऐसे अधिवक्ता नोटरी बने जो प्राथमिक सदस्य भी पार्टी के नहीं।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व विधायकों की अनुशंसा पर बनाये गए हैं नोटरी अधिवक्ता, सूची हुई है जारी।
-रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 9 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिवक्ताओं को नोटरी पद प्रदान किया गया है और यह पद सत्ताधारी दल से जुड़े अधिवक्ताओं को मिलता आया है जैसी की परंपरा रही है लेकिन एमसीबी जिले से जिन अधिवक्ताओं को नोटरी पद मिला है उनमें से कुछ अधिवक्ताओं को लेकर अन्य अधिवक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है क्योंकि जिन्हें नोटरी बनाया गया है वह कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं जबकि जो सदस्य हैं और नोटरी के लिये आवेदन भी प्रस्तुत किये थे उन्हें यह पद नहीं दिया गया ऐसा आरोप है।
वैसे नोटरी अधिवक्ता बनाये जाने को लेकर सत्ताधारी दल से जुड़ा होना अनिवार्य है यह अधिवक्ताओं का ही कहना है और इसी आधार पर वह विरोध दर्ज कर रहें हैं और अपने ही नेताओं को कोस रहें हैं। जिन अधिवक्ताओं को नोटरी बनाया गया है उनको लेकर एक सूची भी वायरल हो रही है और दावा किया जा रहा है कि इसी सूची के अनुसार नोटरी उन्हें बनाया गया है जिनके सामने नेताओं विधायकों की अनुसंशा है, वैसे सूची में न तो कार्यालय का नाम दर्ज है न ही उसमें किसी के हस्ताक्षर हैं न ही दिन और दिनांक दर्ज है सूची सही है या गलत यह तो नहीं बताया जा सकता लेकिन दावा है यही सूची है जिसके अनुसार नियुक्ति हुई है, वैसे इस सूची में जो नाम हैं उन्हें ही नोटरी बनाया गया है यह सत्य है।
एमसीबी जिले में दो अधिवक्ताओं के नोटरी पद पर नियुक्ति को नाराजगी आई सामने
एमसीबी जिले में दो अधिवक्ताओं के नोटरी पद पर नियुक्ति को लेकर अन्य अधिवक्ताओं में नाराजगी है जिसमे से एक नाम है मोहम्मद शमशाद जो अधिवक्ता हैं और जिन्हें नोटरी नियुक्त किया गया है और बताया जा रहा है कि वह कांग्रेस पार्टी में कभी किसी पद पर नहीं रहे और उन्हें नोटरी बनाया गया जबकि अन्य कांग्रेसी अधिवक्ताओं के आवेदनों को किनारे कर दिया गया वहीं मनेंद्रगढ़ के अधिवक्ता जयलाल सिंह करीयाम को नोटरी बनाया गया है और वह भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद पर हैं और उन्हें भी नोटरी नियुक्त किया गया है जबकि अन्य कांग्रेस से जुड़े अधिवक्ताओं के आवेदनों को किनारे कर दिया गया है, आरोप यह भी अन्य अधिवक्ता लगा रहें हैं कि जिह्ने भी नोटरी पद पर नियुक्ति दी गई है उनसे नियुक्ति उपरांत दो लाख रुपये सहित कुछ खास लोगों को गोवा टूर पर ले जाने की शर्त दी गई है और इसी शर्त पर नियुक्ति मिली है। पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी के सदस्य अधिवक्ता काफी नाराज है और नेताओं के निर्णय को गलत ठहरा रहें हैं, अधिवक्ताओं का कहना है कि जो पार्टी के लिए कभी खड़ा नहीं हुआ उसे नियुक्ति दे दी गई जबकि पार्टी के लिए प्रतिपल खड़े अधिवक्ताओं का नाम ही गायब कर दिया गया।