- क्या चिरमिरी व मनेंद्रगढ़ थाने में रहने के लिए थाना प्रमुख कुछ भी करने को तैयार?
- चिरमिरी सबसे महंगा थाना, उसके बाद नंबर आता है मनेंद्रगढ़ का, आखिर क्या है वजह?
- चिरमिरी थाना क्षेत्र में कबाड़ व कोयले का अवैध कारोबार, मनेंद्रगढ़ थाना क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार का गढ़।
- एमपी का अवैध शराब कैसे पहुंच रहा एनसीबी जिले में जब नहीं है सांठगांठ तो?
- क्या एमपी का शराब एमसीबी पुलिस के बिना अनुमति जिले में पहुंचना संभव?
- एमसीबी के मनेंद्रगढ़ कोतवाली क्षेत्र के दो प्रतिष्ठित होटलों तक अवैध शराब पहुंचाने की अनुमति कैसे?
- दो प्रतिष्ठित होटलों में जंहा शराब बिक रहा वहा छापा मारने में पुलिस क्यों घबरा रही, बार के नाम पर पहुच रहा अवैध शराब?
- जिले की पुलिस इतनी ही मुस्तैद व ईमानदार है तो कैसे पहुंच रहा एमपी का अवैध शराब?
–रवि सिंह –
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर 9 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। जब भी खाखी या पुलिस का नाम आता है तो लोगों के अंदर का विश्वास होता है कि उनके क्षेत्र में शांति बनी रहेगी अवैध कारोबार पर अंकुश लगेगा और अपराध कम होगा पर इस समय नवीन जिले एमसीबी के चिरिमिरी व मनेन्द्रगढ़ थाना इन दोनों थाना क्षेत्रों की बात आती है तो सबके जुबां पर सिर्फ एक ही बात होता है कि एक थाने के अंतर्गत कबाड़ व कोयले बड़ा व्यापार पनप रहा है, तो वहीं दूसरे थाने के अंतर्गत अवैध शराब का व्यापार हो रहा है, अब सवाल यह उठता है यह दोनों थाने अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए बने हैं या फिर थाना प्रभारी के कमाई का जरिया है? चर्चा तो यह है यह दोनों थाना जिले के वह थाने है जहां के प्रमुख बनने के लिए पुलिसकर्मी लोग तरसते हैं, एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं ताकी यह थाना मिल सके, इसके लिए जो करना पड़े उसके लिए तैयार रहते हैं, चर्चा तो इस बात की भी है कि इस थाना में आने के लिए व थाने में लंबे समय तक रहने के लिए भारी-भरकम रुपए भी खर्च होते हैं और यह रुपए खर्च कोई और नहीं वही व्यक्ति कर सकता है जिसे थाने से अपनी कमाई करना हो, इसकी पुष्टि तो हम नहीं करते पर इस बात की पुष्टि इस बात से जरूर होती है क्योंकि इस क्षेत्र में अवैध कारोबार फल फूल रहा है और इसके बावजूद इन दोनों थाने के प्रमुख की कुर्सी पर दो ऐसे प्रभारी बैठे हुए हैं ऐसा लगता है कि इन्हें हमेशा के लिए यहां का थाना प्रभारी बना दिया गया है और यह यहां पर फेविकोल लगाकर चपक से गए है इनके रहते हुए इस पर अंकुश लगना तो संभव नहीं है पर इनके लिए मलाई वाला थाना यह माना जाने लगा है, अब यह मलाई कब तक यह खाते रहेंगे यह तो इन के उच्च अधिकारी ही जाने? इनके उच्च अधिकारियों से ज्यादा पहुंच पकड़ तो इन थाना प्रभारियों का है यही कारण है कि उनके उच्च अधिकारी भी इनसे डरते होंगे?
ज्ञात हो कि पक्ष विपक्ष और पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद बंद हुए कबाड़ के काम से जहां आम जनता ने राहत की सांस ली थी वही दो-तीन दिनों में कबाड़ चोरी की घटनाएं फिर देखी जा रही है! पूरा मामला नवीन एमसीबी जिले के नगरीय क्षेत्र चिरमिरी का है, कोल माइंस से घिरे हुए चिरमिरी के इर्द गिर्द बड़े-बड़े मशीनों का जमावड़ा है, बंद हुई खदानों के बाद लोहे के इन मशीनों को काट कर चोरी करने का कार्य स्थानीय कबाड़ी सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन बीते कुछ माह पूर्व सत्ता पक्ष के विधायक डॉ विनय जयसवाल और पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल सहित भाजपा चिरमिरी मंडल के पदाधिकारियों द्वारा सीधे हस्तक्षेप करने पर चिरमिरी पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई की और कबाड़ चोरी पर विराम लगाया, लेकिन बीते एक-दो दिनों से फिर कबाड़ की चोरी होने की जानकारी मिल रही है! चिरमिरी के गोदरी पारा ऑफिसर कॉलोनी के पीछे 3 दिन पूर्व की तस्वीर आपके सामने हैं लेकिन वर्तमान समय में अब लोहे की मशीन चोरी कर ली गई, मतलब बिल्कुल साफ है कि रात के अंधेरे में चोरी का काम किया जा रहा है, फिलहाल चिरमिरी पुलिस इस खबर के बाद अपनी सक्रियता दिखाते हुए निश्चित तौर पर चोरी की घटनाओं को विराम लगाने में सक्षम होगी।
एमपी के अवैध शराब की खपत अविभाजित कोरिया जिले में
एमपी का अवैध शराब जब कोरिया का विभाजन नहीं हुआ था तभी से जिले के कुछ प्रतिष्ठित होटलों में लंबे पैमाने पर खपाया जाता रहा है, तब भी पुलिस कुछ नहीं कर पाती थी और जिला विभाजन के बाद 2 जिले की पुलिस अब भी कुछ नहीं कर पा रही, आखिर एमपी के बॉर्डर से एमसीबी और अंदर कोरिया जिला कैसे मध्यप्रदेश का अवैध शराब आ रहा है? यह एक बड़ा सवाल है कुछ दिन पहले भी इनोवा में शराब पकड़ाया था, अब यह बात एक बड़ा प्रश्न है कि आखिर जब पुलिस की सेटिंग नहीं है तो फिर तो उस गाड़ी को मनेन्द्रगढ़ में ही पकड़ा जाना था पर आखिर कैसे गाड़ी कोरिया जिला पहुंच गई और पुलिस के हत्थे चढ़ गई? सूत्रों की माने तो एमसीबी जिले के मनेन्द्रगढ़ व एमपी के बॉर्डर बिजूरी पर स्थित एक शराब दुकान से अवैध तरीके से भारी मात्रा में शराब मनेंद्रगढ़ के दो प्रतिष्ठित होटलों में भारी मात्रा में लाया जाता हैं, आखिर इतने भारी मात्रा में यह शराब बिना पुलिस के मिलीभगत से वहां तक पहुंचना तो नामुमकिन है और पुलिस भी यह बात को जानती है कि अवैध शराब कहां पहुच रहा है पर पुलिस भी वहां तक पहुंचने में घबरा जाती है, क्योंकि वह इतना बड़ा नाम है कि पुलिस की हिम्मत नहीं कि वहां पर छापेमारी कर सकें, यही वजह है कि पुलिस बाकी छोटे-मोटे होटलों व ढाबों में छापा मारकर अपनी कार्यवाही की लिस्ट लंबी कर लेती है और बता देती है कि हम तो अवैध कारोबार नहीं चाहते इसलिए हम लगातार कार्यवाही कर रहे हैं और पुलिस के नाक के नीचे ही अवैध कारोबार हो जाता है और पुलिस सिर्फ सफाई देते रह जाती है। वही पुलिस प्रमुख की कमाई होती रहती है।
पूरे शहर को पता है कि किस प्रतिष्ठित होटल में अवैध शराब बिक रहा पर पुलिस को बात नहीं पता?
मनेंद्रगढ़ के जिस प्रतिष्ठित होटल में शराब बिक रहा है उसे कौन नहीं जानता और किसी से यह छुपा भी नहीं है पर सवाल यह है कि पुलिस के पास भी इतनी हिम्मत नहीं कि उन ठिकानों पर छापा मार ले इसीलिए पुलिस भी कहीं ना कहीं वहां तक पहुंचने से घबरा जाती है, यदि पुलिस वहां तक कम से कम नहीं पहुंच पा रही तो कम से कम वहां तक शराब ना पहुंचे इसकी ऐसी व्यवस्था कर दी जाए पर यह भी पुलिस नहीं कर पा रही, क्योंकि कहीं ना कहीं यह भी आरोप लग रहे हैं कि पुलिस की अच्छी सांठगांठ है और यदि ऐसा कर दिए तो उनके लाभ पर असर पड़ेगा, पर लाभ पर असर क्यों पड़ने दें वह अपने ही तरीका बदल कर अधिकारियों को खुश करने की छोटी मोटी कार्यवाही दिखा दे रहे हैं, कार्यवाही दिखावे की हो रही है इस लिए तो नतीजा यह है की एमपी का अवैध शराब तो जिले में प्रवेश हो रहा है।
लंबी सेटिंग से एमपी का शराब जिले में होता है प्रवेश
सूत्रों की माने तो मनेंद्रगढ़ पुलिस की इतनी अच्छी सेटिंग है की अवैध शराब तो जिले में आने से कोई नहीं रोक सकता? यही वजह है कि अवैध शराब यदि आता भी है तो उन प्रतिष्ठानों में जाता है जहां पुलिस भी कार्यवाही करने से घबरा जाती है घबराराती भी इसलिए है क्योंकि मलाई की चिंता रहती है, सूत्रों के अनुसार बिजुरी व मनेंद्रगढ़ के सरहद इलाके पर एक शराब भट्टी है जो मध्य प्रदेश में पड़ता है जहां से शराब को मनेंद्रगढ़ कोरिया सहित तमाम जगहों पर भेजा जाता है पर कार्यवाही वहां होती है जहां पर सेटिंग नहीं होती जहां सेटिंग होती है वहां कार्यवाही नहीं होती।