रायपुर@आदिवासियो के लिए रोजगार,शिक्षा जरूरी है या नृत्य ?

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रायपुर, 29 अक्टूबर 2022। भारतीय जनता पार्टी के महामत्री व पूर्व मत्री केदार कश्यप व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर चिता जाहिर किया है। भाजपा नेताओ ने बताया कि पूरे प्रदेश के 32% आदिवासी आबादी काग्रेस की इस ठगेश सरकार से नाराज है। विभिन्न जिलो के दर्जनो आदिवासी सगठनो ने राज्यपाल और जिला कलेक्टरो को ज्ञापन सौपकर अपनी नाराजगी जताई है।
बीजेपी ने सवाल किया है कि भूपेश बघेल और काग्रेस सरकार स्पष्ट करे आदिवासियो के लिए शिक्षा और नौकरी के अधिकार जरूरी है या नृत्य ? आदिवासी नृत्य महोत्सव के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है और उनके द्वारा इस नृत्य महोत्सव के बहिष्कार की भी घोषणा की गई है। आदिवासी समाज की इस भारी नाराजगी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी भी भूपेश बघेल की इस सरकार से सवाल पूछती है कि:
प्रदेश का 32′ आबादी वाला सम्पूर्ण आदिवासी समाज जब आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध कर रहा है तब भूपेश बघेल यह नृत्य महोत्सव किसके लिए करवा रहे है?
आदिवासियो के 32′ आरक्षण का सवैधानिक अधिकार इस सरकार की लापरवाही के कारण छीन लिया गया है तो फिर यह काग्रेस सरकार क्यो आदिवासियो के नाम पर महोत्सव मनाकर हमारे जले मे नमक छिड़क रही है?
बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर सभाग के पाचवी अनुसूची वाले जिलो से स्थानीय भर्ती मे 100′ प्राथमिकता का अधिकार छीनकर क्या भूपेश बघेल खुशी मनाना चाहते है और इसीलिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कर रहे है?
आदिवासी समाज अपने सवैधानिक अधिकारो की प्राप्ति के लिए लड़ाई लड़ रहा है और प्रदेश की यह आदिवासी विरोधी सरकार देश-विदेश से आदिवासियो को बुलाकर प्रदेश के आदिवासियो का अपमान क्यो कर रही है?
भूपेश बघेल और काग्रेस सरकार स्पष्ट करे आदिवासियो के लिए शिक्षा और नौकरी के अधिकार जरूरी है या नृत्य ? वो नाच गाना दिखाकर बहलाने की कोशिश करेगे , तुम अपने 32प्रतिशत की माग पर अड़े रहना।

पूर्व मत्री केदार कश्यप व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रेस वार्ता कर भूपेश सरकार के आयोजन को कटघरे मे ला खड़ा किया है


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