रायपुर, 29 अक्टूबर 2022। गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शकराचार्य स्वामी निश्चलानद सरस्वती ने भारत को हिदू राष्ट्र बनाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि इसके लिए उन्होने करोड़ो हिदुओ की सेना तैयार कर ली है। डेढ़ साल मे वे अपना लक्ष्य हासिल कर लेगे। रावाभाठा स्थित सुदर्शन सस्थानम् मे मीडिया से बातचीत मे शकराचार्य स्वामी निश्चलानद सरस्वती ने कहा कि दुनिया मे कितने ही देश है। सभी अपने-अपने धर्म को खुलकर मानते है। दुर्भाग्य है कि भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की सज्ञा दी जाती है।
असल मे ऐसा कहकर हिदुओ को बेवकूफ बनाया जा रहा है। भला कोई वस्तु अपने गुण-धर्म से अलग कैसे हो सकती है! दीये का काम है रोशनी देना। दीया रोशनी न दे तो उसकी क्या उपयोगिता। यही बात राष्ट्र पर भी लागू होती है। जिस हिदू धर्म को मानने वाले लोग सबसे ज्यादा रहते है, वह राष्ट्र उस धर्म से अप्रभावित कैसे हो सकता है।
शकराचार्य स्वामी निश्चलानद सरस्वती ने कहा, सवर्ण, एसटी-एससी जैसे शबद राजनेताओ की देन है। देश मे रोज सवर्ण, एसटी, एससी पर बहस हो रही है। क्या यह व्यवस्था सनातन धर्म की देन है? नही। यह तो राजनेताओ का दिया शबद है। इन शबदो के जरिए वैदिक सनातनी हिदुओ को लड़ाया जा रहा है। इसमे उनके हित छिपे है। यह लोगो को समझना होगा कि वे राजनेताओ के बहकावे मे न आए।
आदिवासी प्रकृति की पूजा करते है इसलिए वे भी हिदू है। आदिवासी हिदू है या नही, यह भी बड़ी बहस का विषय है। इससे जुड़े सवाल पर शकराचार्य ने कहा कि आदिवासी पेड़, पौधो, नदी और पर्वतो यानी प्रकृति की पूजा करते है। इन्हे किसने बनाया? जाहिर है, ईश्वर ने, तो जो लोग ईश्वर पर आस्था रखते है वे हिदू कैसे नही होगे। सभी आदिवासी हिदू ही है।
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