- विवेक चतुर्वेदी ने मांगा किया है की जिला स्तरीय 5 अनुभवी सदस्यीय टीम गठित कर जांच करायी जाये।
- जांच नहीं कराए जाने पर पार्षदगण नगर पंचायत कार्यालय में धरना, क्रमिक भूख हडताल व आमरण अनशन जैसे आन्दोलन करेगे।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। इस समय यह कहना गलत नहीं होगा कि जिसे भी मौका मिल रहा है वह कमाई का चौका मार रहा है और यह सिर्फ दायित्व मिलते ही शुरू हो जाता है, अविभाजित कोरिया में जिसे भी जिम्मेदार पद पर बैठाया गया वह ऐसे जिम्मेदारी निभाता है कि फिर मानो की लोग चाहते हैं कि वह तुरंत यहां से चला जाए और उसकी शिकायत भी होना शुरू हो जाती है, कुछ ऐसा ही हाल नवीन जिला मनेन्द्रगढ चिरिमिरी भरतपुर के नगर पंचायत खोंगापानी का है जहां नगर पालिका अधिकारी बदलते तो है पर बदलने के बाद भी स्थितियां बदलती नहीं ऐसा लगता है कि पुराने वाले अधिकारी ने आने वाले अधिकारी को पूरा सिखा कर जाते हैं कि जैसे मैं चल रहा था वैसे ही तुम भी चलो खूब फायदा होगा, यही वजह है की अने वाला अधिकारी भी उसी के रस्ते चलना लगते है, कुछ ऐसा ही इस समय खोंगापानी के वर्तमान नगर पालिका मुख्य अधिकारी का भी देखा जा सकता है जिसकी शिकायत एक बार फिर हुई है और गंभीर आरोप लगाए गए पर शिकायत व गंभीर आरोप तो लगते रहते हैं कार्यवाही का तो पता नहीं। इसे पहले के अधिकारियों ने भी खूब नाम कमाया है जो किसी से छुपा नहीं है। विवेक चतुर्वेदी ने कलेक्टर मनेन्द्रगढ चिरिमिरी भरतपुर को शिकायत कर नगर पंचायत खोंगापानी मुख्य नगरपालिका अधिकारी तरूण कुमार एक्का पर गभीर आरोप लगाए है उनका आरोप है की नगर पंचायत अध्यक्ष के विरूद्व अविष्वास प्रस्ताव लगाये जाने के उपरान्त आज दिनांक तक फर्जी भुगतानों किया गया है जो नियम विरुद्ध है, श्री चतुर्वेदी का आरोप है की नगर पंचायत खोंगापानी अध्यक्ष के विरूद्व अविष्वास प्रस्ताव लगाये जाने के उपरान्त दिनांक 27.05.2022 से आज दिनांक तक लगातार फर्जी भुगतान किया जा रहा है जो कि उच्च स्तरीय जांच का विषय है जबकि अध्यक्ष के खिलाफ लगाये गये अविष्वास प्रस्ताव का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है। उक्त प्रकरण के निराकरण होने तक कार्यालय नगर पंचायत खोंगापानी द्वारा आगामी भुगतानों पर रोक एवं किये गये भुगतानों की जांच होनी चाहिए, अति आवश्याक भुगतान हेतु प्रशासनिक अधिकारियों से मार्गदर्शन एवं आदेश उपरान्त भुगतान की कार्यवाही सुनिष्चित करायी जावें। पार्षद विवेक चतुर्वेदी ने शिकायत के साथ मांगा किया है की जिला स्तरीय 05 अनुभवी सदस्यीय टीम गठित कर जांच करायी जाये यदि जांच नहीं करायी जाती है तो हम पार्षदगण नगर पंचायत कार्यालय परिसर में धरना, क्रमिक भूख हडताल, आमरण अनशन जैसे आन्दोलन करने हेतु विवष हो जायेगें।
इन विंदुबार विषय पर हो जाँच
पार्षद विवेक चतुर्वेदी ने कहा की जांच हेतु विंदुबार विषय मेरे द्वारा दिया गया जिस पर जाँच अति आवश्यक है जिसमे अस्मिता इंटरप्राईजेज को माह अक्टुबर 2022 में किये गये कार्य का नाम, भुगतान राशि मद का नाम के संबंध में। साई फलैक्स मनेन्द्रगढ को माह सितम्बर 2022 एवं अक्टुबर 2022 में किये गये कार्य का नाम, भुगतान राशि एवं भुगतान राशि मद का नाम के संबंध में। कोरोना से बचाव हेतु शासन से प्राप्त राशि 10 लाख के भुगतान कार्य का नाम, भुगतान राशि के संबंध में। अध्यक्ष निधि से कराये गये कार्यो एवं भुगतानों की जांच के सम्बंध में वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23, नगर पंचायत खोंगापानी क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक 13 में स्थित जानकी वाटिका में कराये गये आरसीसी, पोल लाईटिंग एवं जिम सामग्री के भुगतान के जांच के संबंध में। मरम्मत संधारण मद द्वारा कराये गये कार्यो एवं भुगतानों की जांच के संबंध में वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23, परिषद एवं पीआईसी बैठकों के संबंध में कार्यवाही रजिस्टर, एजेण्डा सहित भुगतानों की जांच के संबंध में (बिना परिषद एवं पीआईसी के अनुमोदन), माह सितम्बर 2022 में अली ब्रदर्स मनेन्द्रगढ को किये गये भुगतान की जांच, छत्तीसगढ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कुल गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कार्य में किये गये समस्त भुगतानों की जांच, पार्षदों को वर्तमान अध्यक्षीय कार्यकाल (दिनांक 08.01.2020 से आज दिनांक तक) में किये गये भुगतानों की जानकारी सूचीमय निम्न प्रारूप में प्रदान करने व चेक लेजर भुगतान पंजी क्र फर्म का नाम किस कार्य किस मद से कितना भुगतान राशि किस चेक क्रमांक से किस दिनांक कों हुआ सभी की जाँच होनी चाहिए, नगर पंचायत खोंगापानी कार्यालय के ई-प्रोक्योरमेंट निविदा सूचना क्रमांक 966/न0पं0/2022-23 दिनांक 05.08.2022 के सिस्टम टेण्डर नम्बर 106368 कार्य का नाम एल-01 ठेकेदार को कार्यादेश जारी ना करने के संबंध में, जबकि उक्त निविदा का दर पूर्व निविदा की दर से आधा है। ऐसे में निकाय को भारी खर्च से बचाया जा सकता है, पार्षदों के द्वारा उपरोक्त विषयों की जानकारी सूचना के अधिकार 2005 के तहत मांग करने पर भी उपलब्ध नही करायी जाती कई आवेदन द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित है।