याचिकाओं में की थी स्वतंत्र जांच की मांग
नई दिल्ली ,26 अक्टूबर 2021 ( ए )। पेगासस मामले से जड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा। अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केन्द्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं? केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए मामले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था। ये याचिकाएं इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए सरकारी संस्थानाओं द्वारा कथित तौर पर नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी कराए जाने की रिपोर्ट की स्वतंत्र जांच के अनुरोध से जुड़ी हैं। इसी साल जुलाई माह में रिपोर्ट आई थी कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए थे। जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल थे। इस साल संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले यह रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट के कारण विपक्ष ने संसद में काफी हंगामा भी किया था। विपक्षी पार्टियां इस जासूसी कांड की जांच कराए जाने की मांग को लेकर विरोध कर रही थी।
केंद्र ने शीर्ष अदालत में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर किया था और कहा था कि पेगासस जासूसी अरोपों में स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाएं अनुमानों या अन्य अप्रमाणित मीडिया रिपोर्टों या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं। शीर्ष अदालत ने 17 अगस्त को याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि वह (अदालत) नहीं चाहती कि सरकार ऐसा कुछ भी खुलासा करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो।