- महिला पटवारी की दबंगई,शासकीय जमीन कर दी निजी व्यक्ति के नाम।
- सिंचाई विभाग का नहर भी अब निजी व्यक्ति के नाम, मामले पर तहसीलदार ने जारी किया नोटिस, दलाल जुटे बचाव में।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। जिले में राजस्व विभाग के कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही कहें या निचले स्तर के कर्मचारियों की दबंगई लेकिन इनकी मनमर्जी से जनता काफी परेषान रहती है। शासकीय विभागों में यदि देखा जाए तो यही विभाग ऐसा है जिससे कि आम जनमानस का सबसे ज्यादा काम पड़ता है लेकिन कहा जाए कि यह विभाग और विभागीय कर्मी लोगो की परेशानी का सबब बने हुए हैं तो इसमे कोई अतिश्योक्ति नही होनी चाहिए।
ताजा मामले में एक महिला पटवारी जो कि वर्तमान में बैकुंठपुर तहसील अंतर्गत एक हल्के में ही पटवारी है उसके द्वारा अपने पूर्व हल्के में स्थित शासकीय जमीन को हेरफेर करते हुए एक निजी व्यक्ति के नाम कर दिया अब मामला प्रकाश में आने के बाद गहरी नींद में सोए अधिकारी हरकत में आ गए हैं और एक नोटिस जारी करते हुए पटवारी से जवाब तलब किया गया है। पर सवाल यह उठता कि क्या सिर्फ एक पटवारी को नोटिस देकर जवाब ले लिया जाएगा और मामले को किसी भी प्रकार से रफा दफा कर दिया जाएगा या कि उस दौरान उच्च पद पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी किसी प्रकार की कार्यवाही की जाएगी। क्योंकि एक पटवारी ने अधिकारी के सहयोग बिना इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया यह भी सोचनीय और जांच का विषय है।
पटवारी को नोटिस जारी,जवाब मांगा गया
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के तहत वर्तमान में बैकुंठपुर तहसील के हल्का नंबर 5 खरवत में पदस्थ पटवारी के पास पूर्व में पटवारी हल्का नंबर 19 बस्ती का भी प्रभार था उस दौरान उक्त पटवारी के द्वारा शासकीय बेसकीमती जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर दिया गया है अब मामला सामने आने के बाद तहसीलदार बैकुंठपुर द्वारा बीते 21 अक्टूबर को पटवारी वंदना कुजुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जानकारी के तहत जारी नोटिस में तहसीलदार बैकुंठपुर ने उल्लेख किया है कि मीडिया वाट्सअप गु्रप से प्राप्त सूचना के आधार पर ग्राम बस्ती स्थित आबादी भूमि खसरा नंबर 281/1 व ग्राम मंडलपारा स्थित शासकीय भूमि(नहर) खसरा नंबर 83 को तात्कालीन हल्का पटवारी द्वारा हेराफेरी करते हुए शासकीय भूमि को निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज करनें व हल्का पटवारी द्वारा अपने करीबी को लाभ पहुंचाने की षिकायत पर वर्तमान हल्का पटवारी अंजली गुप्ता से जांच प्रतिवेदन लिया गया। हल्का पटवारी द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में ग्राम बस्ती पटवारी हल्का क्रमांक 19 राजस्व निगम मंडल बड़गांव में पदस्थ के दौरान स्थित भूमि खसरा नंबर 281/1 वर्तमान राजस्व रिकार्ड खसरा पंचषाला 2021-22 से 2026-26 में सुभगिया जौजे रामधन पता साकिब देह अनुसूचित जाति के नाम पर दर्ज है। तथा खसरा नंबर 281/2 रकबा 0.708 हेक्टेयर आबादी भूमि दर्ज है। इसके अतिरिक्त खसरा पंचषाला वर्ष 2016-17 से 2020-21 में प्रिंट दिनांक 22 अक्टूबर 2016 में खसरा नंबर 281/2 सुभगिया जौजे रामधन के नाम पर तथा खसरा नंबर 281/2 रकबा 0.708 हेक्टेयर आबादी भूमि दर्ज है। जिसका मिसल वर्ष 1945-46 के अनुसार खसरा नंबर 281 बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है। आबादी नक्षा सीट क्रमांक 1 पैमाना 1/500 सन 2015-16 में 281/1 रकबा 0.708 दर्ज है। इसके अतिरिक्त ग्राम मंडलपारा स्थित भूमि खसरा नंबर 83/1, 83/2, 83/3, 83/4, 83/5, 83/6, 83/7 जिस पर सिंचाई विभाग नहर स्थित होना प्रतिवेदित किया है। वर्ष 2018-19 के नामांतरण पंजी के अवलोकन में उक्त नहर स्थित होने का आपके द्वारा ग्राम पंचायत प्रस्ताव के बिना मौका जांच किए गोविंद दास, अशोक कुमार व अन्य के नाम पर नामांतरण कर दिया गया है। जिससे यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि आपने उक्त शासकीय भूमि को तात्कालिन समय में हेराफेरी करते हुए लापरवाही बरतना इंगित होता है। उपरोक्तानुसार आपका यह कृत्य छत्तीसगढ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत होकर जनहित जैसे महत्वपूर्ण कार्यो में लापरवाही किया गया है। उक्त नोटिस जारी करते हुए तहसीलदार बैकुंठपुर द्वारा पटवारी वंदना कुजुर से जवाब तलब किया गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि एक पटवारी के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी के सहयोग के बगैर इस प्रकार का कृत्य कैसे किया जा सकता है। वहीं गुप्त सूत्रों ने बताया कि उक्त पटवारी को क्षेत्र में सक्रिय जमीन दलालों का पूरा सहयोग प्राप्त है, पटवारी को नोटिस जारी होने के बाद उसके बचाव में दलाल सक्रिय हो गए हैं और पूरी तरह से आष्वस्त हैं कि किसी भी प्रकार से सेटिंग कर पटवारी को बचा लिया जाएगा।
उच्च न्यायालय से स्थगन पर है पटवारी
जानकारो ने बताया कि पटवारी वंदना कुजुर की विभाग में अच्छी खासी पैठ है पूर्व में यहां पदस्थ एक तहसीलदार समेत एक राजस्व निरीक्षक से उसकी गहरी दोस्ती के कारण उसे सबसे प्रमुख हल्का खरवत में तगड़ी सेटिंग के बाद बैठाया गया था,यहां पर भी बाईपास सड़क में काफी लंबा खेल खेला गया है। पूर्व में खरवत हल्के में पदस्थ पटवारी ने तो यहां करोड़ो रूपये का खेल किया है ऐसी जनचर्चा है। उक्त पटवारी के द्वारा राजस्व निरीक्षक बनने के बाद अन्यत्र पदस्थापना के बाद लंबी सेçंटंग कर पटवारी वंदना कुजुर को खरवत हल्के का प्रभार दिलाया गया था यह चर्चा विभागीय कर्मियों समेत आमजन में चर्चा का विषय भी है। खरवत हल्के में पदस्थापना के दौरान उक्त पटवारी के द्वारा जमीन दलालो के साथ मिलकर पूर्व के पटवारी व वर्तमान के राजस्व निरीक्षक के द्वारा किए गए काले कारनामों में पूरा सहयोग किया गया। और कई मामलो की लीपापोती कर दी गई। बताया जाता है कि जब पिछले वर्ष तात्कालिक कलेक्टर ने पटवारी वंदना कुजुर को खरवत हल्का से हटाकर सोनहत तहसील भेज दिया गया था तब उक्त पटवारी ने उच्च न्यायालय की शरण ले ली थी और आज तक स्थगन पर खरवत हल्का में ही कार्यरत है। आखिर खरवत हल्का में आखिर क्या ऐसी दिलचस्पी है कि पटवारी वहां से जाना नही चाहती है। वही खरवत, छिदडाड़ आदि क्षेत्र के लोगो की माने तो उक्त पटवारी के द्वारा काफी मनमर्जी की जाती है। लोगो से उनका बर्ताव ठीक नही रहता, पटवारी अपने कार्यालय से हमेशा गायब भी रहती हैं और ज्यादातर उनके कार्यालय में दलाल ही नजर आते हैं यह स्थानीय जनो का आरोप है कि उक्त महिला पटवारी द्वारा खुले तौर पर डिमांड किया जाता है, यदि कोई व्यक्ति विरोध करता है तो किसी भी केस में फंसाने की धमकी तक दी जाती है। जिससे कि लोग काफी परेशान हैं। बहरहाल विभागीय अधिकारियों समेत दलालो के साथ लंबी सेटिंग रखने वाली उक्त महिला पटवारी द्वारा शासकीय व नहर की जमीन को अफरा तफरी कर जिस प्रकार से निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर दिया गया है उस मामले में प्रषासन किसी प्रकार की कार्यवाही करेगी या खानापूर्ति के तर्ज पर नोटिस की औपचारिकता और जवाब आने के बाद नाम मात्र की कार्यवाही कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा यह देखने वाली बात होगी।