अम्बिकापुर,27 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)।. लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय खाय से प्रारंभ हो जायेगा। इस पवित्र मौके पर छठ व्रतियों द्वारा साफ-सफाई के साथ प्रसाद की सामग्रियों की तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई। व्रती महिलाएं व्रत से पूर्व सारी सामग्रियों की तैयारी में जुट गईं हैं। पर्व को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल देखी गई। छठ की पूजा में प्रयुक्त सामग्रियों की खरीदारी के लिए बाजार में चहलकदमी बढ़ गई थी। नहाय खाय के दिन ही कद्दू भात खाने की परंपरा है। इसलिए कद्दू की खरीदारी के लिए बाजार में खरीदारों की लाइन लगी थी।
प्रकृति पर्व के रूप में विख्यात छठ में विधि-विधान का काफी महत्व रहा है। यही कारण है कि छठ पर्व में व्रती खुद से प्रसाद सामग्रियों की तैयारी करते हैं। इसलिए व्रती महिलाएं गेहूं और अन्य सामग्रियों से बनने वाले प्रसाद को खुद से साफ-सफाई करने के बाद बड़े ही निष्ठा पूर्वक तैयार करती हैं। दीपावली के छह दिन के उपरांत कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है। शुक्रवार के नहान खान के बाद शनिवार को खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। व्रती संतान की प्राप्ति, सुख-समृद्धि, संतान की दीघार्यु और आरोग्य की कामना के लिए साक्षात सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करती हैं। छठ महापर्व के के लिए खरीदारी शुरू हो गई है। गुरुवार को शहर के गुदरी बाजार में व्रती छठ की खरीदारी करतीं नजर आईं। लोगों ने बाजार से गेहूं, सूप, दउरा व फल, वस्त्र सहित फल व पूजन सामग्रियों की खरीदारी की। बाजार में दुकानदारों ने अच्छी खासी तैयारी भी कर रखी है। सूप 3 सौ रुपए जोड़ा तो दउरा 3 से 4 सौ रुपए प्रति पीस बिक रहा है। वही लोग पित्तल का सूप भी खरीद रहे हैं। सूप में ही प्रसाद भरकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का नियम है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में छठ घाट की साफ-सफाई अंतिम चरण हैं। समिति द्वारा दिन रात मेहनत कर छाठ घाटों की सफाई व रंगरोगन का काम कराया जा रहा है। शहर के शंकर घाट स्थित छठ घाट की सफाई पिछले कई दिनों से चल रही है। समिति द्वारा लाइट, रंगाई-पुताई के साथ-साथ व्रतियों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। उनके रूकने, कपड़ा बदलने, बैठने के लिए टेंट लगाए गए हैं। वहीं शहर से लगे घुनघुट्टा डेम स्थित छठ घाट की भी तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है। वहीं शहर के अन्य छट घाटों पर काफी तेजी से साफ-सफाई व अन्य काम चल रहे हैं।
चार दिनों तक चलता है यह महापर्व
छठ का महापर्व 28 अक्टूबर को नहाय खाय से शुरू हो गया है। इस दिन व्रती अनिवार्य रूप से नहा कर ही भोजन करते हैं। इसके बाद खरना 29 अक्टूबर को होगा। इस दिन पूरे दिन छठ श्रद्धालु उपवास रख कर शाम को खीर पूड़ी का प्रसाद ग्रहण करेंगी। 30 को अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। फिर इसके दूसरे दिन सुबह उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ चार दिवसीय छठ पर्व पूर्ण हो जायेगा।
शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु अधिकारियों की लगाई गई मजिस्टि्रयल ड्यूटी
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया है कि छठ पूजा का त्यौहार 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक मनाया जाना है। छठ पूजा त्यौहार के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों की मजिस्टि्रयल ड्यूटी लगाई गई है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी अम्बिकापुर प्रदीप कुमार साहू को संपूर्ण अनुभाग क्षेत्र अम्बिकापुर के लिए, अनुविभागीय दण्डाधिकारी उदयपुर शिवानी जायसवाल को अनुभाग उदयपुर, अनुविभागीय दण्डाधिकारी रवि राही को सीतापुर अनुभाग, अनुविभागीय दण्डाधिकारी रामसिंह ठाकुर को अनुभाग लुण्ड्रा का दायित्व सौंपा गया है। डिप्टी कलेक्टर जेआर सतरंज व नायब तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा को शंकरघाट, प्रभारी तहसीलदार दरिमा प्रमोद देवहरे व नायब तहसीलदार ईश्वर चंद्र यादव को श्याम घुनघुट्टा डैम दरिमा, तहसीलदार अम्बिकापुर भूषण सिंह मण्डावी को सिटी कोतवाली क्षेत्र अम्बिकापुर व समस्त पूजा स्थल, नायब तहसीलदार अजय गुप्ता को थाना गांधीनगर क्षेत्र व पूजा स्थल तथा नायब तहसीलदार सिद्धार्थ सिंह चौहान को मणीपुर चौकी एवं पूजा स्थल के लिए मजिस्टि्रयल ड्यूटी लगाई गई है।
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