Breaking News

नई दिल्ली@हत्या मामले मे केद्रीय मत्री बरी

Share


सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार की अपील को ट्रासफर करने से इनकार
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2022।
सुप्रीम कोर्ट ने केद्रीय मत्री अजय मिश्रा की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमे दो दशक से अधिक पुराने हत्याकाड मे उन्हे बरी किए जाने को चुनौती देने वाली यूपी सरकार की अपील को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ से स्थानातरित करने का निर्देश देने की माग की गई थी। हालाकि जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेच ने हाईकोर्ट से कहा कि वो 10 नवबर 2022 को अजय मिश्रा टेनी के मामले की सुनवाई करे। ध्यान रहे कि हाईकोर्ट ने इसी तिथि को टेनी की अपील पर सुनवाई के लिए तारीख दी थी। दोनो तरफ के सीनियर वकीलो ने प्रयागराज बेच के फैसले पर सहमति जताई थी। हत्या का मामला 22 साल पुराना है। इसमे वो बरी हो चुके है। पीठ ने कहा कि यदि वरिष्ठ वकील लखनऊ आने मे असमर्थ है तो उन्हे वीडियो कॉन्फ्रेसिग के माध्यम से दलीले पेश करने की अनुमति देने के अनुरोध पर हाईकोर्ट विचार कर सकती है। हम इस तरह के मामलो पर विचार नही करते है। 10 नवबर को होने वाली अपील की सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट से आग्रह किया जा सकता है।
वकील ने पीठ को बताया कि स्थानातरण की माग इस आधार पर की गई है कि वरिष्ठ वकील, जिन्हे लखनऊ मे मामले की बहस करनी है, वे आमतौर पर इलाहाबाद मे रहते है। उनकी उम्र अधिक है, इसलिए वे बहस के लिए लखनऊ नही जा सकते है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश मे कहा: शिकायतकर्ता द्वारा तत्काल रिट याचिका दायर कर यह निर्देश देने की माग की गई है।
कि जो मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है और जिसे बार-बार स्थगित किया जा रहा है, उसे जल्द से जल्द सूचीबद्ध और सुनवाई के लिए निर्देशित किया जाए। यह भी प्रस्तुत किया जाता है कि अपील वास्तव मे मार्च 2018 के महीने मे सुनी गई थी। हालाकि, अप्रैल 2022 तक, कोई निर्णय नही दिया गया था।
शिकायतकर्ता की ओर से अपील की सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया।
मिश्रा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पारित प्रशासनिक आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमे अपील को लखनऊ से इलाहाबाद स्थानातरित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया। मामला साल 2000 मे लखीमपुर खीरी मे हुई 24 वर्षीय प्रभात गुप्ता की हत्या से जुड़ा है।
अजय मिश्रा, गुप्ता की हत्या मे मुकदमे का सामना कर रहे थे, लेकिन निचली अदालत ने 2004 मे उन्हे और अन्य को सबूतो के अभाव मे बरी कर दिया। मिश्रा के बरी होने के बाद राज्य ने अपील दायर की और मृतक के परिवार ने भी फैसले के खिलाफ एक अलग पुनरीक्षण याचिका दायर की।


Share

Check Also

वायनाड@ प्रियंका गांधी ने सांसद पद की शपथ ली

Share वायनाड,28 नवम्बर 2024 (ए)। प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार (28 नवंबर) को संसद सत्र …

Leave a Reply