बिलासपुर, 21 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर मे दिव्याग और किडनी पेशेट टीचर के ट्रासफर आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही शासन को उनका ट्रासफर आदेश निरस्त करने पाच सप्ताह मे पुनर्विचार करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार 27 खोली निवासी राजेद्र शर्मा 70′ दिव्याग होने के साथ ही कई तरह की बीमारी से ग्रसित है। उनकी पोस्टिग शासकीय बॉयज स्कूल सरकडा मे है। बीमार होने के बाद भी टीचर राजेद्र शर्मा लगातार स्कूल जा रहे है।
यहा तक किडनी खराब होने के बाद भी उन्होने स्कूल जाना बद नही किया। स्कूल टाइमिग के बाद ही वे अपना इलाज कराते है। बावजूद इसके शासन ने उनका तबादला जाजगीर-चापा जिले मे कर दिया, जहा उनके इलाज की कोई सुविधा ही नही है। ऐसे मे उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी।
स्थानातरण आदेश को दी थी चुनौती
राजेद्र शर्मा अपने स्थानातरण आदेश को चुनौती देते हुए एडवोकेट हर्षल चौहान के माध्यम से हाईकोर्ट मे याचिका दायर की थी। इसमे बताया गया कि याचिकाकर्ता टीचर 70′ दिव्याग होने के साथ-साथ हेपेटाइटिस सी के भी पेशेट है, जिसके कारण बिलासपुर के कुछ अस्पताल मे ही उनका डायलिसिस हो पाता है। शहर मे पदस्थ होने के कारण उनका इलाज सभव है। दूसरे जिले मे ट्रासफर होने के बाद उनके जीवन पर सकट की स्थिति बन गई है।
केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस पीपी साहू ने शासन के वकील से सवाल किया कि नियम के अनुसार दिव्याग कर्मचारियो के लिए उनके आवागमन का ख्याल रखते हुए ट्रासफर करना है। लेकिन, इस मामले मे ऐसे हालत क्यो बने, यह चिता का विषय है।
शासकीय वकील ने उनके सवालो का कोई जवाब नही दिया। तब कोर्ट ने स्थानातरण आदेश को निरस्त करने पर पाच सप्ताह के भीतर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। और तब तक उनके ट्रासफर पर रोक लगा दी है।
