अम्बिकापुर@अगली सुनवाई तक नहीं की जायेगी कोई पेड़ की कटाई,अगली सुनवाई 13 नवम्बर के बाद

Share

अम्बिकापुर,19 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)। सुप्रीम कोर्ट में हसदेव अरण्य क्षेत्र की राजस्थान विद्युत् निगम को आवंटित खदानों की वन अनुमति को चुनौती देने वाले मामले में राजस्थान विद्युत् निगम और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगली सुनवाई तक कोई पेड़ कटाई नहीं की जायेगी। इस कथन के बाद कोर्ट ने सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाने का निवेदन स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आईसीऍफ़आरई द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्तुत सारी रिपोर्ट्स अगली सुनवाई तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। आईसीऍफ़आरई की रिपोर्ट दो भाग में है जिसमे भाग दो डब्लूआईआई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट है जो वन्य प्राणी आदि प्रश्नो पर प्राथमिकता से राय देती है। आज यह रिपोर्ट्स प्रस्तुत ना हो पाने के कारण केंद्र सरकार की और से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में समय की मांग की और कहा की इसकी सुनवाई दिवाली की छुट्टी के बाद की जाए और संभव हो तो सुनुवाई 13 नवंबर के बाद की जाए। प्रकरण में एनजीटी के समक्ष याचिकाकर्ता रहे और सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी नंबर एक सुदीप श्रीवास्तव की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और अधिवक्ता नेहा राठी ने कहा सुनवाई बढ़ने में आपत्ति नहीं है परन्तु राजस्थान विद्युत् उत्पादन निगम और सरकार के द्वारा आगे कोई पेड़ों की कटाई नहीं होनी चाहिए।
अधिवक्ता डीके सोनी की लगी है जनहित याचिका
इस प्रकरण के साथ ही अंबिकापुर निवासी अधिवक्ता डीके सोनी की एक जनहित याचिका भी सुनवाई के लिए साथ लगी है जिसमे राजस्थान विद्युत् उत्पादन निगम द्वारा अडानी कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम बना कर सभी खदान अडानी के हवाले कर देने को चुनौती दी गई है। गौरतलब है की उक्त अनुबंध सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 2014 के फैसले में ही अवैध घोषित हो चूका है और इस कारण राजस्थान का कोल ब्लॉक भी उस समय रद्द हुआ था। बाद में केंद्र सरकार ने नया कानून बना कर कोल ब्लॉक पुनः आवंटित किये परन्तु इसी कानून में 26त्न से अधिक शेयर निजी कंपनी को होने या खदान से उपजित किसी भी हित को निजी कंपनी को ट्रांसफर करने पर प्रतिबन्ध है. साथ ही इस अनुबंध के कारण राजस्थान विद्युत् उत्पादन निगम को अपना ही कोयला अडानी से खरीदना पद रहा है और वह भी कोल इंडिया से भी महंगे दरों पर इसके कारण राजस्थान के उपभोक्ताओं को बिजली भी मंहगी पड़ रही है। इस ममम्ले में 13 सितंबर की सुनवाई में कोयला मंत्रालय को भी नोटिस जारी हुआ था परन्तु उसकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।


Share

Check Also

कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला

Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …

Leave a Reply