-संवाददाता-
अम्बिकापुर,17 अक्टूबर 2022 (घटती-घटना)।. ईडी प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे भ्रष्टाचार के पैकेट की पोल खोल दी है। कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों, किसानों, आम जनता का मेहनत का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है। उक्त बतें सोमवार को छत्तीसगढ़ में छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के विषय पर संकल्प भवन भाजपा कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो दूसरी तरफ सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार सारी सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है। प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपए जबरन वसूले जा रहे हैं। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से भाजपा के जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिलोक कपूर कुशवाहा, निगम नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, आलोक दुबे, जिला संवाद प्रमुख संतोष दास एवं जिला सह संवाद प्रमुख रूपेश दुबे उपस्थित थे।
रोजाना लगभग दो करोड़ की राशि की जबरन वसूली
उन्होंने कहा कि बिना किसी एसपीओ के 30 हजार से अधिक एनओसी जारी किए गए, आवक और जावक रजिस्टर का रख रखाव नहीं किया गया, अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट नहीं किया गया, ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए, लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से डेढ़ करोड़ रुपए नगद बरामद किया गया जहां उसने स्वीकार किया कि वह रोजाना लगभग दो करोड़ की राशि जबरन वसूली करता था। लक्ष्मीकांत सीएम का खास है।
मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
अनिल सिंह मेजर ने प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया जब्त की गई, बेहिसाब राशि, आभूषण, नगदी की जानकारी आने के बाद मुख्यमंत्री बघेल कब इस्तीफा देंगे, भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए मुख्यमंत्री बघेल क्या जनता से माफी मांगेंगे, क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं और व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है, अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है तथा उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत है और जिन पर जांच हुई है उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नहीं गया।
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