आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के जनहित याचिका हाईकोर्ट में है पंजीकृत
-संवाददाता-
बैकुण्ठपुर 16 अक्टूबर 2022(घटती-घटना)। चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर मांग किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 45 अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों (आईएएस) के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय दिशा निर्देश जारी करें। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में यह जनहित याचिका क्रमांक 69/2021 के रूप में पंजीकृत किया गया है। जनहित याचिका के अनुसार दिनांक-16.12.2015 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक प्रश्न विधायक देवजी भाई पटेल के द्वारा पूछा गया था कि क्या- मुख्यमंत्री महोदय बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 17.11.2015 तक भारतीय प्रशासनीक सेवा के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध शिकायती प्रकरण लंबित है? उनके नाम पदस्थापना सहित व्यौरा दें।
पूर्व सरकार ने आईएएस 45 अधिकारियों का दिया था ब्यौरा
राजकुमार मिश्रा ने बताया कि भाजपा सरकार ने विधानसभा में उठ¸े प्रश्न के जवाब में बताया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित है। इस उत्तर में निम्न 45 अधिकारियों का नाम बताया गया जिसमें सी.के. खेतान, जी. आर. चुरेंद्र, छत्तर सिंह डहरे, डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुकेश बंसल, एन एम छीरसागर, श्रीमती शारदा वर्मी, श्रीमती रितु सेन, निरंजन दास, हिमशिखर गुप्ता, एन.के. खाखा, उमेश कुमार अग्रवाल, ओ.पी. चौधरी, श्रीमती आर. संगीता, टी. राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेंद्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पाल मेनन, के.सी. देवासेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा युनाईस टोपो, भीम सिंह, चंदन कुमार, सुश्री अमरमेलमंगई डी., रणवीर शर्मा, जी एस मिश्रा, विकास संदीपान, अवनीश कुमार शरण, डॉ. सारांश मित्तर, जे.पी. पाठक, अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टॉमन सिंह सोनवानी, केडीपी राव, सुरेंद्र कुमार जयसवाल, एम.के. राउत, अनबलगन पी, बी.के. धुर्वे, रजत कुमार, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ. रोहित यादव, भुवनेश यादव, सुब्रत साहू, अमृत खलखो, दिलीप वासनिककर. भारतीय प्रशासनिक सेवा के उक्त 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को अब तक यह निर्णय ले लेना चाहिए था कि उनके विरुद्ध जांच करना है अथवा नहीं, इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति का है। इस जनहित याचिका में पूर्व सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध किस प्रकार की शिकायतें लंबित है।
माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता ने कहा कि आईएस के मामले में उच्च न्यायालय ही करे जांच
जनहित याचिका के सुनवाई में 28 सितंबर 2022 हुआ था। इस सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा बेहतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय की मांगी गयी थी और जनहित याचिकाकर्ता के अनुरोध पर इस प्रकरण की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किए जाने के अनुरोध को स्वीकार कर दिया गया था। इस महत्वपूर्ण जनहित याचिका की अग्रिम सुनवाई 16 नवंबर 2022 को निर्धारित किया गया है। जबकि पिछले सुनवाई में पूछे जाने पर आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा कहा गया कि “आईएएस अधिकारी ही किसी राज्य को सुव्यवस्थित रीति से संचालित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं और उन आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से शिकायतें लंबित है जो बेहद गंभीर प्रकृति की है। असल बात यह है कि इस तरह के आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच भी उन्हीं के स्तर का कोई व्यक्ति करता है जिसमें न्याय उचित जांच होकर दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना बेहद कठिन और दुष्कर होता है यदि इस प्रकार का जांच उच्च न्यायालय के देखरेख में होता है तभी जांच निष्पक्ष संपन्न हो सकता है।
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