नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2022। चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित किए गए व्यक्तियो की सूची को अपडेट कर दिया है, जिनमे 1000 से अधिक लोग है, जो चुनाव आयोग को चुनाव व्यय रिपोर्ट जमा करने मे विफल रहे है। कुल 1091 अयोग्य व्यक्तियो वाले सभी राज्यो मे, बिहार 174 के साथ शीर्ष पर है जबकि 107 अयोग्य व्यक्ति तेलगाना से है। इन व्यक्तियो को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10ए के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जिसमे कहा गया है कि यदि कोई चुनाव खर्च का लेखा-जोखा चुनाव आयोग को देने मे विफल रहता है, तो उम्मीदवार को आदेश की तिथि से तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने रिटर्निग अधिकारियो को भेजी सूची
अयोग्य घोषित उम्मीदवारो की सूची सभी रिटर्निग अधिकारियो और सहायक रिटर्निग अधिकारियो को उनके सदर्भ के लिए भेज दी गई है। आयोग ने कहा है कि आने वाले महीनो मे जिनके चुनाव होने है, उन्हे सूची उपलबध कराई जाए। नियम के अनुसार, प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव की घोषणा की तारीख और परिणाम की तारीख के बीच चुनाव से सबधित सभी खचरे का लेखा-जोखा रखना चाहिए। हर प्रत्याशी को 30 दिन के अदर अपने चुनावी खर्च का बयोरा देना होगा।
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारो को चुनाव समाप्त होने के बाद जिला कलेक्टरो के समक्ष अपना खर्च प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है। उन्हे व्यय निगरानी समिति के समक्ष अपने चुनाव खर्च को प्रस्तुत करना होगा। आयोग ने उम्मीदवारो के चुनाव खर्च की निगरानी के लिए कई कदम उठाए है और अतीत मे व्यापक दिशानिर्देश जारी किए है और उन्हे चुनाव व्यय निगरानी पर निर्देशो का सग्रह मे अद्यतन (अपडेट) किया है। इसमे दिन-प्रतिदिन के लेखा रजिस्टर को निर्धारित तरीके से सधारित करने और चुनाव अवधि के दौरान चुनाव अधिकारियो द्वारा इसका निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए है।
उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले दिन-प्रतिदिन के चुनावी खर्च पर नजर रखने और नकदी, शराब, ड्रग्स आदि के वितरण द्वारा मतदाताओ के प्रभाव को रोकने के लिए चुनाव के दौरान विभिन्न निगरानी तत्र स्थापित किए जाते है। पूरी चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए चुनाव अवधि के दौरान सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षको की नियुक्ति की जाती है।
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