- मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता में कहा था पत्रकार भवन सारे संगठनों के लिए है ना की किसी एक संगठन के लिए
- क्या श्रेय लेने की होड़ में एक पत्रकार संगठन ने आनन-फानन में पत्रकार भवन का कराया भूमि पूजन?
- भूमि पूजन के शिलालेख में अंकित कराया संघ का नाम,बाकी संगठनों के पत्रकारों में दिखा रोष।
- प्रशासन किसके इशारे में नियम विरुद्ध तरीके से पत्रकार भवन को एक संगठन के नाम करने की जुगत में?
- क्या सत्ता समर्थित पत्रकार प्रशासन से मिलीभगत कर अपने संगठन के नाम कराना चाहते हैं पत्रकार भवन?
- कलेक्टर कुलदीप शर्मा की हठधर्मिता से जिले के पत्रकारों की प्रतिष्ठा पर चोट।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 06 अक्टूबर 2022(घटती-घटना)। यूं तो आज तक जिले के मुखिया अधिकारी निष्पक्षता और पारदर्शिता साथ दायित्व निर्वहन करते का दावा करते रहे, लेकिन न जाने खुद को बेस्ट दिखाने की इस तेज रफ्तार प्रतिस्पर्धा में कलेक्टर जैसे अधिकारियों की कार्यशैली की हवा कब बदल गई की अचानक नियम कानून, सही और गलत का खयाल ही नहीं रहा?
छोटी मुंह और बड़ी बात का दौर तो उन पर आज माए जाते हैं जिन्हे त्रुटि पर खेद का अवसर मिलता है पर जब मोस्ट सुपर कुर्सी पर बैठे शख्स की कार्यशैली ही दोयम दर्जे की हो जाए तो नियंत्रण जरूरी हो जाता है जो खुद पर साधने की जरूरत होती है, पूरा वाक्या कोरिया जिले के पत्रकार भवन का है जैसा की सभी जानते हैं की राज्य सरकार द्वारा जिले में दिया गया पत्रकार भवन स्वतंत्र रूप से सभी पत्रकारों के लिए था, जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा स्पष्ट भी किया गया था की यह पत्रकार भवन सभी पत्रकारों के लिए है किसी संगठन या किसी क्लब के लिए नही और जिस संबंध में कलेक्टर कोरिया कुलदीप शर्मा को भी यह बात पता भी थी बावजूद इसके एक तथाकथित पत्रकार संघ से मिलीभगत कर पत्रकार भवन का भूमिपूजन खुद के उपस्थिति में करा दिया जिले के तत्कालीन कलेक्टर ने,जिसके बाद उक्त पत्रकार संघ के अलावा जिले में कार्यरत अन्य पत्रकार संगठनों को पत्रकारों को दरकिनार करने सहित अनदेखी का सामना करना पड़ा है और जिस बात को लेकर अन्य सभी पत्रकारों में रोष व्याप्त है।
पत्रकारों के बीच प्रतिष्ठा पर छिड़े द्वंद क्या कलेक्टर की मंशा थी ?
आपको अवगत करा दें की विदित हो कि गत जून माह में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत कोरिया पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस क्लब की मांग पर पत्रकार भवन निर्माण हेतु 25 लाख रुपए के राशि की घोषणा की थी जिसके बाद विधायकद्वय द्वारा भी 20 लाख का सहयोग किया गया, जिसके बाद प्रेस क्लब के द्वारा जमीन आबंटन हेतु विधिवत एसडीएम कार्यालय में आवेदन दिया गया था किंतु उक्त आवेदन को दरकिनार कर जिला प्रशासन द्वारा एक हाल में ही जन्में पत्रकार संगठन को सत्ता शासन के दबाव में जमीन आबंटित कर दी गयी जबकि उस संगठन को बैन करने की मांग भी विभिन्न पत्रकार संगठनों द्वारा प्रेस काउंसिल इंडिया के दिशा निर्देशों के आधार पर शिकायत करते हुए की गई थी लेकिन कलेक्टर ने उक्त आवेदनों पर कोई कार्यवाही नही की और जिले के अन्य पत्रकार संघों के पत्रकारों की उपेक्षा करते हुए एकतरफा जमीन आबंटित कर दिया। जबकि जिला प्रशासन को पत्रकारों की आपसी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए और विवाद की स्थिति को देखते हुए çज़ले के सभी पत्रकार संगठनों की बैठक बुलाकर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन शायद पत्रकारों में आपसी द्वंद हो ऐसी मंशा ही रही होगी कलेक्टर कोरिया की इसलिए विवाद को शांत करने की बजाय ऐसा किया की अब सिर्फ आपसी रोष ही रह गया और अंतवोगत्वा 5 अक्टूबर को कलेक्टर कोरिया द्वारा खुद की उपस्थिति में एक तरफा और मनमाने ढंग से पत्रकार भवन का भूमिपूजन करा दिया गया।
किसी एक संगठन के नाम से पत्रकार भवन होना न्याय उचित नहीं
कृष्णा सिंह बाबा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य छग श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ ने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस सरकार आई और कोरिया में पहला दौरा मंत्री शिव कुमार डहरिया का हुआ उस समय भी मेरे द्वारा कोरिया जिले में पत्रकार भवन की मांग की गई थी, पत्रकार भवन जिले में बने आवेदन दिया गया था और जब जब सरकार की तरफ से किसी भी मंत्री का दौरा हुआ उनसे पत्रकार भवन की मांगा किया गया, सीएम साहब भी जब भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आए थे तो उनसे भी पत्रकार भवन के लिए आवेदन निवेदन किया गया था, उस समय सीएम साहब ने हामी भी भरी और भवन हेतु राशि की घोषणा भी की गई, कई संगठनों के द्वारा आवेदन दिया गया था जिस पर सीएम साहब ने कहा था कि यह भवन सभी के लिए होगा ना की किसी एक संगठन के लिए आप लोग आपस में तय कर ले पर आज उक्त भवन केवल किसी एक संघ के नाम से बन रहा है ये सरकार के फैसले का विरोध है जिला प्रशासन का ये फैसला सरकार के विरुद्ध है जिसका छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ इस फैसले का विरोध करता है।
प्रशासन किसके इशारे पर एक संगठन के नाम कराना चाहता है पत्रकार भवन को?
सावन कुमार अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ जिला कोरिया ने कहा कि प्रशासन कहीं ना कहीं किसी के दबाव में आकर बाकी संगठनों व पत्रकारों को नाराज कर ना जाने किसके इशारे पर एक संगठन के नाम पत्रकार भवन को करना चाह रहा है? जिसके लिए सारे नियमों को शिथिल कर दिया गया? राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा कोरिया जिले के समस्त पत्रकारों के लिए प्रेस भवन का निर्माण कराने स्वीकृति दिया गया है जो सामान्यतः सभी के लिए होना चाहिए। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा किसी एक संगठन के नाम भूमि पूजन के शिला लेख में अंकित करा पत्रकारों को अपमानित किया है, जिससे बाकी संगठन के लोग भी आहत हुए हैं। पत्रकार भवन किसी एक संगठन का नहीं समूचे पत्रकारों का होना चाहिए। अगर किसी एक संगठन के नाम से पत्रकार भवन बन रहा है और जिले के कलेक्टर इसमें सहयोग कर रहे हैं यदि आगे ऐसा ही मनमाना रुख चलता रहा तो। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ इस एकतरफा निर्णय का कड़ा विरोध करेगा, वरना जिला प्रशासन अपनी मनमानी बंद करे।
प्रशासन नियम विरुद्ध तरीके से पत्रकार भवन में बिना बैठक बुलाएं एक संगठन के नाम का किया उपयोग
कोरिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष कमलेश शर्मा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने सारे प्रशासनिक अधिकारियों के सामने यह स्पष्ट कर दिया था कि पत्रकार भवन सारे संगठनों के लिए होगा, जिसके लिए सब एक राय होकर इस भवन को बनाएं पर इस भवन को लेकर प्रशासन ने बिना पत्रकारों की बैठक लिए बिना व भवन के लिए नई समिति बिना गठित किए एक संगठन के नाम भवन बनाने का निर्णय ले रही है जो कहीं ना कहीं प्रशासन के ऊपर किसी ने किसी का दबाव साबित करती है, जबकि प्रशासन को पत्रकारों के एक बैठक बुलाना था जिसमें जिले के सारे संचालित संगठन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में चर्चा कर सभी संघ से दो दो या एक एक सदस्य को रखकर एक नई समिति तैयार करना था, उस समिति के तहत पत्रकार भवन का निर्माण करना था, प्रशासन चाहती तो पत्रकार भवन निर्माण समिति ही नई गठित करा लेती, जिसमें सारे पत्रकारों की रायशुमारी के बाद इस भवन का भूमि पूजन व बाकी कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता था पर जिला प्रशासन ने पूरी तरह अपनी मनमानी दिखाते हुए एक संगठन को महत्व दे बाकी संगठन के पदाधिकारियों को अपमानित करने का प्रयास किया है।
एक संघ के नाम शिला लेख कराकर उक्त पत्रकार भवन का भूमिपूजन कतई सही नहीं
विनोद शर्मा प्रदेश सचिव छग श्रमजीवी पत्रकार संघ जब शासन से पत्रकारों के लिए पत्रकार भवन बनाया जाना है तो उसका उपयोग सभी पत्रकारों के लिए होना चाहिए। चूंकि हर पत्रकार संघ में अच्छे अच्छे पत्रकार साथी हैं। तो किसी एक संघ के अधीन और उसके नाम से शिला लेख कराकर उक्त पत्रकार भवन का भूमिपूजन कतई सही है। इससे अन्य पत्रकारों की उपेक्षा है और इससे रोष भी बन सकता है।
पत्रकार भवन का भूमिपूजन करवा एक कतिपय संगठन के हवाले कर दिया
राम चरित्र दिवेदी प्रदेश उपाध्यक्ष छ ग सक्रिय पत्रकार संघ कोरिया जिले में सत्ता व जिला प्रशासन की मिली भगत से सामुहिक पत्रकार भवन का भूमिपूजन करवा एक कतिपय संगठन के हवाले कर दिया गया है। जो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। इससे प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन पत्रकारों के बीच फूट उत्पन्न करना चाहता है व अपने आपको मुख्यमंत्री से सर्वोपरि समझता है। जिला प्रशासन के इस कृत्य का प्रेस क्लब भर्त्सना करता है। एक वर्ग विशेष के हितैषी बनने के चक्कर में अन्य कई वर्गों के रोष का कारण न बनें।