बिलासपुर,28 सितम्बर 2022। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आईपीएस मुकेश गुप्ता की पदोन्नति निरस्त करने के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है। सरकार ने कैट और सिगल बेच के आदेश को डबल बेच मे चुनौती दी थी। इस महीने की शुरूआत मे चीफ जस्टिस की डबल बेच ने अतिम सुनवाई के बाद इस मामले मे फैसला सुरक्षित रखा था। ज्ञात हो कि आर्थिक अनियमितताओ के आरोप मे पिछले तीन साल से मुकेश गुप्ता निलबित चल रहे है। पूर्व मे भाजपा शासनकाल के दौरान सन् 2018 मे उन्हे पदोन्नत कर अतिरिक्त महानिदेशक से महानिदेशक बना दिया गया था। इसके बाद काग्रेस की सरकार बनने के बाद शिकायतो को आधार बनाकर उन्हे निलबित कर दिया गया था। उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने 26 सितबर 2019 को उनकी पदोन्नति का आदेश निरस्त कर दिया।
पदोन्नति निरस्त करने के खिलाफ गुप्ता ने केद्रीय प्रशासनिक ट्रियूनल (कैट) मे अपील की थी। कैट ने उनके पक्ष मे निर्णय दिया था और पदोन्नति निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया। कैट के आदेश के खिलाफछत्तीसगढ़सरकार ने हाईकोर्ट मे अपील की थी, जिसकी सिगल बेच मे सुनवाई हुई। बेच ने मुकेश गुप्ता के पक्ष मे आदेश देते हुए कैट के आदेश को सही ठहराया। राज्य सरकार ने सिगल बेच के आदेश के खिलाफ डिवीजन बेच मे अपील की। डिवीजन बेच ने सुनवाई के दौरान कैट के आदेश पर स्थगन दे दिया था। इसमे दोनो पक्षो की सुनवाई 6 सितबर को पूरी होने के बाद डिवीजन बेच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने इस पर आदेश जारी किया और कैट के आदेश को निरस्त करते हुए राज्य शासन के पक्ष मे फैसला दिया।
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