याचिका मे क्या माग की गई थी
हाईकोर्ट के समक्ष दायर एक रिट आवेदन मे आग्रह किया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 13 सितबर, 2021 को जारी की गई उस अधिसूचना को असवैधानिक करार दिया जाए, जिसमे पश्चिम बगाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश, 2013 के एक प्रावधान मे सशोधन किया गया था।
कोलकाता , 28 सितम्बर 2022। पश्चिम बगाल के मुख्यमत्री ममता बनर्जी द्वारा सचालित राज्य के लोगो को राशन देने के लिए शुरू की गई दुआरे राशन योजना को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है । कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले से पश्चिम बगाल की ममता सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।
इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ बताया गया है । इसका मतलब है कि अब इस व्यवस्था के जरिए दरवाजे पर राशन पहुचाने की योजना ठप हो जाएगी । बता दे कि पश्चिम बगाल सरकार द्वारा पिछले साल ‘दुआरे राशन’ योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत लाभार्थियो के घर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन सामग्री उपलध कराई जा रही थी ।
पहले हाईकोर्ट ने कुछ और कहा था- कोर्ट ने अपने लेटेस्ट आदेश मे भले ही दुआरे राशन योजना को अवैध करार दिया हो, मगर इसी साल जून मे कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बगाल दुआरे राशन योजना मे कुछ भी अवैध नही है, जिसके तहत ममता बनर्जी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियो के घर पर खाद्यान्न वितरित करती है।
राज्य सरकार की दुआरे राशन योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने कहा था कि पहले भी इसी तरह के मुद्दे पर राशन दुकान विक्रेताओ ने याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने तब भी दुआरे राशन योजना मे हस्तक्षेप नही किया था।
नवबर 2021 मे हुई थी इस योजना की शुरुआत- नवबर 2021 मे पश्चिम बगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने ‘दुआरे राशन योजना’ का उद्घाटन करते हुए कहा था कि इससे राज्य के लगभग 10 करोड़ लोगो को लाभ होगा. ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत डीलर लाभार्थियो के घर तक राशन पहुचाएगे।
उन्होने कहा था कि सरकार इस तरह से लोगो तक राशन पहुचाने की व्यवस्था को लेकर वाहन खरीदने के लिए लगभग 21,000 राशन डीलर को एक-एक लाख रुपये की विाीय सहायता प्रदान करेगी।
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