बैकुण्ठपुर@क्या सिर्फ रावण दहन के लिए सत्ता पक्ष ने स्व.रामचंद्र सिंहदेव का नाम राजनीति के लिए नई समिति बना झोंक दिया?

Share

  • कोरिया में राजनीति का शिकार हुआ रावण दहन,कई वर्षो से रावण दहन करने वाली समिति को नही मिली अनुमति।
  • सत्ता पक्ष की दखलंदाजी के बाद प्रशासन ने टेके घुटने,नई समिति को मौका।
  • चरचा में भी फंसा पेंच,कालरी प्रबंधन ने स्टेडियम में आयोजन पर लगाई रोक।
  • संसदीय सचिव व स्थानीय विधायक की हो रही जमकर किरकिरी।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। देश में लंबे समय से मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के नाम पर राजनीति होती थी, जिसे लोगो ने काफी करीब से देखा सुना, लेकिन कोरिया जिला मुख्यालय में इस बार अहंकार के प्रतीक रावण को लेकर बहुत ही गंदी राजनीति देखने को मिल रही है, यहां प्रदेश में सत्तारूढ कांग्रेस समर्थित विधायक व संसदीय सचिव की दखलंदाजी के बाद पिछले 10-12 वर्षो से रावण दहन करने वाली समिति को इस बार रावण दहन की अनुमति नही दी गई। सत्ता पक्ष ने पूर्व वित्त मंत्री स्व. रामचंद्र सिंहदेव के नाम पर एक नई समिति बना ली और सत्ता के दबाव में प्रशासन ने उनके सामने अपने घुटने टेक कर नई समिति को रावण दहन करने की अनुमति प्रदान कर दी है। काफी उठापटक के बाद अंततःपुरानी समिति ने अपना पैर पीछे कर लिया लेकिन उसके बाद भी सोशल मीडिया में रावण दहन को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। तो वहीं शिवपुर चरचा नगरीय निकाय क्षेत्र में भी रावण दहन को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई जिसके बाद कालरी प्रबंधन ने अपने स्टेडियम में रावण दहन सहित अन्य आयोजन पर ही प्रतिबंध लगा दिय है। उक्त पूरे मामले में संसदीय सचिव श्रीमती अंबिका सिंहदेव की जमकर किरकिरी हो रही है। धार्मिक त्यौहार में इस प्रकार की गंदी राजनीति पहले कभी नही देखी गई यह चर्चा अब आम नागरिकों की जुबान पर है।

कोरिया सर्व विकास समिति को नही दी गई अनुमति
उक्त पूरे मामले में बताया जाता है कि रामानुज मिनी स्टेडियम में पिछले 10-12 वर्षो से कोरिया सर्व विकास समिति के द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम दशहरा पर्व के दिन किया जा रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे थे। कोरोना के कारण पिछले दो वर्ष से उक्त आयोजन नही किया गया था। इस वर्ष सब कुछ सामान्य होने पर समिति द्वारा बाहर से कारीगरों को बुलाकर रावण पुतला का निर्माण मिनी स्टेडियम में शुरू किया गया एवं आयोजन की अनुमति हेतु अनुविभागीय अधिकारी के यहां आवेदन प्रस्तुत किया गया। लेकिन इसी बीच रावण दहन कार्यक्रम पर संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव समेत उनके समर्थको की नहर पड़ गई और उन्होने पूर्व वित्त मंत्री डॉ.रामचंद्र सिंहदेव के नाम पर आनन-फानन में एक समिति बनाई और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के यहां इस वर्ष खुद की समिति के माध्यम से रावण दहन करने की अनुमति मांग ली। जिसके बाद मामला दिलचस्प हो गया। सत्ता पक्ष एवं पूर्व की समिति द्वारा एक ही स्थल पर रावण दहन करने की अनुमति मांगने के बाद प्रशासन के लिए भी अजीबो गरीब स्थिति निर्मित हो गई। जिसके बाद प्रशासन एवं दोनो समितियों के मध्य कई दौर की बैठको के बाद सत्ता पक्ष द्वारा बनाई गई समिति को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा रावण दहन करने की अनुमति दे दी गई है। जिसके बाद यह तय हो गया है कि मिनी स्टेडियम बैकुंठपुर में सत्ता पक्ष द्वारा इस वर्ष रावण दहन समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

सोशल मीडिया में छाया है रावण दहन का मुद्दा
सत्ता पक्ष द्वारा रावण दहन कार्यक्रम में अड़ंगा के बाद उन्हे प्रषासन द्वारा अनुमति तो दे दी गई लेकिन इससे सत्ता पक्ष की किरकिरी भी जमकर हो रही है। रावण दहन को लेकर पुरानी व नई समिति के सदस्यों,गणमान्य नागरिकों व प्रषासनिक अधिकारियों के बीच अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में भी बैठक रखी गई थी जहां पर दोनों पक्षों के बीच यह बात रखी गई कि पुरानी समिति द्वारा रावण पुतला के निर्माण में अभी तक जो राषि खर्च कर दी गई है उसे नई समिति द्वारा पुरानी समिति को दी जाएगी। समझौते के तहत मंगलवार को पुरानी समिति को लागत राशि का भुगतान तो कर दिया गया लेकिन इसी बीच भुगतान का स्क्रीन शाट एक सोषल मीडिया मे वायरल कर दिया गया जिसके बाद एक सोशल मीडिया गु्रप में जमकर विवाद देखने को मिला। यही नही दूसरे दिन सोषल मीडिया में ही पुरानी समिति के सदस्य व भाजपा नेता देवेंद्र तिवारी ने भी खुले तौर पर स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव पर भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होने लिखा कि बैकुंठपुर के इतिहास में किसी भी जनप्रतिनिधि की इतनी अलोकप्रियता नही रही जितना वर्तमान विधायक की है। पर्व,उत्सव मे दबाव के राजनीति की परंपरा इन्ही के समय में शुरू हुई आज प्रशासन भी बेबस है। उन्होने कहा कि जल्द ही सत्ता का अहंकार चूर होगा। श्री तिवारी के उक्त पोस्ट के बाद सत्ता पक्ष के खिलाफ जमकर आको्रष देखने का मिल रहा है। बैकुंठपुर समेत आसपास क्षेत्र में इस विवाद को देखते हुए जब लोग मजे तो ले ही रहे साथ ही सत्ता पक्ष व स्थानीय विधायक की जमकर किरकिरी भी हो रही है। लोगो का कहना है कि रावण का दहन अहंकार के प्रतीक के रूप में किया जाता है लेकिन सत्ता के अहंकार में रावण का दहन किया जाएगा यह अजीबो गरीब स्थिति इससे पहले कभी निर्मित नही हुई। लोग इसे गलत राजनीतिक परंपरा की शूरूआत मान रहे हैं।
शिवपुर-चरचा में भी विवाद,प्रबंधन में लगाई रोक
जिला मुख्यालय में रावण दहन कार्यक्रम में विवाद की आग षिवपुर चरचा क्षेत्र में भी देखने को मिल रही है। बताया जाता है कि यहां श्रमवीर स्टेडियम में रावण दहन का कार्यक्रम प्रति वर्ष आयोजित किया जाता था, इस वर्ष भी यहां पुरानी समिति के द्वारा रावण दहन करने की अनुमति कालरी प्रबंधन से ली गई थी जिसके बाद हस्तक्षेप करते हुए यहां भी सत्ता पक्ष से जुड़ी नपा अध्यक्ष लालमुनी यादव ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष आवेदन देकर रावण दहन करने की अनुमति मांगी। जिसके बाद स्थानीय विधायक के दबाव में प्रषासन ने शिवपुर चरचा नपा की अध्यक्ष को रावण दहन की अनुमति दे दी। काफी उठापठक के बाद पुरानी समिति ने कालरी प्रबंधन के समक्ष जाकर इस बात की आपत्ति दर्ज कराई तो बीते मंगलवार को विवाद को देखते हुए कालरी प्रबंधन ने अपने अधिपत्य के श्रमवीर स्टेडियम में रावण दहन व अन्य कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। जिसके बाद शिवपुर चरचा निकाय में रावण दहन कार्यक्रम पर ही संषय की स्थिति निर्मित हो गई है। यहां भी रावण दहन कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया में जमकर भड़ास निकाली जा रही है। इस निकाय में कांग्रेस समर्थित नेता व पूर्व नपाध्यक्ष अजीत लकड़ा व वर्तमान नपाध्यक्ष पति भूपेंद्र यादव के बीच सोषल मीडिया में जंग देखी जा रही है। दोनो एक दूसरे पर सोषल मीडिया के माध्यम से आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार बैकुंठपुर व षिवपुर चरचा मे अहंकार के प्रतीक रावण दहन का कार्यक्रम सत्ता पक्ष की दखलंदाजी के कारण विवाद का रूप ले लिया है। जिसे लेकर सत्ता पक्ष की किरकिरी हो रही है। संभवतःप्रदेश में यह पहला स्थान होगा जहां अहंकार में डूबे सत्ता पक्ष को रावण दहन कार्यक्रम में इस प्रकार दखलंदाजी करते देखा जा रहा है। बहरहाल सत्ता पक्ष को इसका फायदा होगा या नुकसान यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन लोग इस प्रकार धार्मिक आयोजन मे विवाद के लिए सत्ता पक्ष को जमकर कोस रहे है।


Share

Check Also

रायपुर,@साय कैबिनेट में सोनी या चंद्राकर?

Share कांग्रेस नेता का बड़ा बयानरायपुर,25 नवम्बर 2024 (ए)। राजधानी रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट …

Leave a Reply