अम्बिकापुर@भाजपा का विरोध केवल दिखावा…पुरानी खदान पीइकेबी रोकने का अधिकार केंद्र सरकार के पास

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अम्बिकापुर,28 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। हसदेव अरण्य क्षेत्र में 2011 में भाजपा की रमन सिंह सरकार द्वारा स्वीकृत परसा ईस्ट केते बासेन खदान के लिए 43 हेक्टेयर में वनों की कटाई का काम किया जा रहा है। कांग्रेस की सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की पहल पर हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए यहां खुलने वाली शेष तीन खदानों के लिए वन काटने की अनुमति निरस्त कर दी है। नई खदान न खुलने से हसदेव अरण्य क्षेत्र के बीस लाख से ज्यादा वृक्षों को बचाया जा सकेगा। भाजपा का विरोध केवल दिखावा है। पुरानी खदान पीइकेबी रोकने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ जेपी श्रीवास्तव, महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव, महापौर डॉ अजय तिर्की, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने संयुक्त बयान जारी कर कही है। इन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में राज्य में भाजपा की सरकार थी, तब परसा ईस्ट केते बासेन पीइकेबी खदान के लिए दो चरणों में 841.538 एवं 1136.328 हेक्टेयर जमीन खदान के लिए आबंटित कर जंगल काटने की अनुमति दी थी। 2013 से ही यहां से कोयला उत्खनन प्रारंभ है। इसी स्वीकृति के तहत यहां 26 सितम्बर से 43 हेक्टेयर में वनों की कटाई की जा रही है। इसे रोकने के लिए ग्रामीण और पर्यावरण संरक्षण में लगे लोग सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन राहत नहीं मिली। इस बीच 2017 में केंद्र की मोदी सरकार ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक को नीलाम कर खदान खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण इस खदान के विरोध में पिछले सात महीनों से जंगल मे बैठे है।स्वस्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक टीएस सिंह देव ने उन्हें भरोसा दिया था कि ग्रामीणों की सहमति के बिना एक भी खदान नहीं खुलने देंगे। उनकी पहल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए खदान खोलने नहीं देने का आदेश दिया है।
भाजपा का विरोध दिखावा,खदान रोकने के लिए पीएमओ तक
निकालें मार्च

मित्र उद्योग पतियों के लिए हसदेव अरण्य क्षेत्र को उजाडऩे की अनुमति देने वाले भाजपाई सत्ता जाने के बाद लोगो मे भ्रम फैला रहे हैं। वन विभाग पूर्व में जारी की गई अनुमति और आंदोलनकारियों की सहमति के आधार पर फिलहाल सिर्फ 43 हेक्टेयर वनों की कटाई कर रही है। वृक्षों की कटाई के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा किया जा रहा विरोध केवल दिखावा व ओछी राजनीति का हिस्सा है। पुरानी खदान पीइकेबी की स्वीकृति निरस्त करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। ऐसी स्थिति में बीजेपी का विरोध प्रदर्शन करना बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सच में भारतीय जनता पार्टी के नेता लोगों का हित चाहते हैं तो खदानों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय तक मार्च निकालना चाहिए।
नई खदानों की मंजूरी से जन्मा आंदोलन
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान 2017 में असंवैधानिक तरीके से नई खदानों को स्वीकृत देने के कारण आंदोलन ने जन्म लिया। अगर बीजेपी सरकार 2017 में ही ग्रामीणों की मंशा अनुरूप बिना प्रशासनिक दबाव से परसा समेत अन्य माइंस को लेकर प्रक्रिया शुरु ना करती तो आज यह आंदोलन ना होता और ना ही कांग्रेस द्वारा नई माइंस को बचाने के लिए पहल करनी पड़ती।
प्रशासनिक चूक से उपजा भ्रम
परसा ईस्ट केते बासेन के पेंडो की कटाई को लेकर प्रशासनिक चूक से भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है। वहां ग्रामीणों की सहमति और पूर्व की अनुमति के आधार पर सिर्फ 42 एकड़ में वनों की कटाई की जा रही है।प्रशासन को प्रभावित वन क्षेत्र को स्पष्ट चिन्हांकित कर आमजनों को भरोसे में लेकर दिन के उजाले में कार्यवाही करनी चाहिए थी।
पेड़ों की कटाई के विरोध में भाजपा का उग्र प्रदर्शन,
कहा लाखों पेड़ों की हत्या की दोषी है कॉंग्रेस सरकार


अडानी कंपनी के परसा केते कोल ब्लॉक एरिया में लाखों पेड़ों की हो रही कटाई के विरोध में आज भाजपा सरगुजा ने जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन किया।
अदानी के परसा केते फेस 1 कोल ब्लॉक एरिया में आज पुलिस बैरिकेडिंग के समीप भाजपा वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव, पूर्व ओबीसी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, पूर्व विधायक विजय नाथ सिंह, तथा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भारत सिंह सिसोदिया सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने जमीन पर बैठकर धरना दिया तथा तत्काल पेड़ कटाई रोकने की मांग की। पेड़ कटाई बंद करो के जोरदार नारों के साथ कई बार आक्रोशित भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की झूमा झटकी भी हुई। भाजपा नेताओं ने उपस्थित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारीयों से पेड़ कटाई स्थल तक जाने की मांग की पर उन्होंने जाने नहीं दिया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उदयपुर परसा केतु क्षेत्र में हो रहे लाखों पेड़ों की हत्या लिए कांग्रेस की सरकार दोषी है। एक साजिश के तहत 43 हेक्टेयर क्षेत्र में अब तक कटे पेड़ों की संख्या मात्र 8000 बताई जा रही है जबकि ये संख्या लाखों में है। आगे उन्होंने अंबिकापुर विधायक पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कहां गए सीने में गोली खाने की झूठी बात कहने वाले अंबिकापुर विधायक व मंत्री टी इस सिंह देव? उन्होंने आम जनता व प्रेस मीडिया के सामने कहा था कि एक भी पेड़ नहीं कटेगा और इसके लिए गोली भी खानी पड़ी तो पहली गोली मेरे सीने में चलेगी। भूपेश सरकार के मंत्री टी सिंह देव के झूठ बोलकर जनता के साथ धोखा करने वाले इस बयान के विरोध में कल दोपहर 1 बजे भाजपा सरगुजा मंत्री टी यस सिंह देव के निवास का घेराव करेगी।
धरना प्रदर्शन में वरिष्ठ नेता त्रिलोक कपूर कुशवाहा, राज बहादुर शास्त्री, फुलेश्वरी सिंह, अरुण सिंह, आलोक दुबे, विनोद हर्ष, मधुसूदन शुक्ला, राधे श्याम ठाकुर, राजकुमार बंसल, विकास पांडे, विजय व्यापारी, संतोष दास, रूपेश दुबे, विद्यानंद मिश्रा, कैलाश मिश्रा, अभिषेक शर्मा, शैलू सिंह, निश्चल सिंह, विश्व विजय तोमर, जन्मजय मिश्रा, अजय प्रताप सिंह, अनिल सिंह, अखंड विधायक, संतोष जायसवाल, अनिल जयसवाल, हरमिंदर टीन्नी, आकाश गुप्ता, निरंजन राय, वेदांत तिवारी, अवधेश सोनकर, पप्पू दुबे, दिलीप भसीन, मनोज सोनी संजीव वर्मा, सर्वेश तिवारी, दिव्यांशु केसरी, सोलू सिंह, अशोक सोनी, कामेंद्र राजवाड़े, कुणाल सिंह, हर्ष जयसवाल, राम केश्वर राजवाड़े सहित बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।


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