बैकुण्ठपुर@नियम विरुद्ध पत्थर उत्खनन मामले में कौन करेगा कार्यवाही?

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  • एमसीबी कलेक्टर कार्यालय से महज कुछ दूरी पर नियम विरुद्ध तरीके से जारी है पत्थर खनन व अवैध क्रेशर का संचालन।
  • पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने उत्पादन बंद करने व बिजली काटने के निर्देश का नहीं हुआ पालन।
  • विधायक के साथ घुम नेताजी बड़ी दबंगई से चला रहे क्रेशर क्या इसी वजह से नहीं हो रही कार्यवाही?
  • नेता जी बिना विस्फोटक लाइसेंस के खदान में विस्फोटक पदार्थ से विस्फोट कर रहे है।
  • क्या अवैध ब्लास्टिंग की आवाज जिला प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच पा रही?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कहते हैं कि जब सत्ता हाथ में होती है तो उनका कोई क्या बिगाड़ सकता है, यह बात इन दिनों मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले क्रेशर संचालक व मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष पर फिट बैठती है, पर इससे सत्तापक्ष की छवि भी धूमिल होती है। प्रशासनिक अमला भी मानों सत्ता में आसीन लोग की बात ही सुनती है, चाहे वह क्यों न नियम विरूद्ध हो किन्तू प्रशासन की यही दरियादिली आम लोगों के साथ भी हो तो सवाल नहीं होंगे। मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के उपाध्यक्ष की रंगदारी सत्ता में उनके पहुंचने के बाद चरम पर है, कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य होने के नाते शासन प्रशासन को अपनी कठपुतली समझने वाले नेताजी के सामने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग, छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग, सभी शासकीय महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों ने क्या इनके सामने घुटने टेके हुए हैं? सूत्रों की माने तो नेताजी गिट्टी क्रेशर के संचालक हैं, जिनके कई क्रेशर और खदान हस्तिनापुर में स्थित हैं, वही नए कलेक्टर कार्यालय से महज 800 मीटर दूर नेताजी अपनी गिट्टी खदान में बड़े धड़ल्ले से प्रतिदिन 100 से 120 अवैध ब्लास्टिंग कर रहे हैं पर सवाल है कि इन्हें हैवी ब्लास्टिंग की अनुमति किसने दी? नापा उपाध्यक्ष पर शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए अविभाजित कोरिया कलेक्टर सहित कई जिम्मेदा अधिकारीयों को शिकायत की थी। वहीं नवीन जिला एमसीबी के कलेक्टर को भी इस मामले की शिकायत हो रखी है पर सवाल यह है कि कार्यवाही होगी? जबकि पूर्व की कार्यवाही का ही पालन अब तक नहीं हो सका है। शिकायत व मामला मिडिया में आने के बाद कलेक्टर कार्यालय, पर्यावरण संरक्षण मंडल व खनिज विभाग में क्रेशर संचालक के साथ क्षेत्रीय विधायक घूम रहे है, सवाल है की क्या इस वजह से नहीं हो रही कार्यवाही?
इन के ऊपर आरोप है की पिछले तीन दशक से मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में क्रेशर व्यवसाय का कार्य करते आ रहे है पर नियम को तो यह पैर के नीचे रखते है, यही वहज है की अवैध क्रेशर संचालन करते-करते जब पैसा उनके और उनके परिवार के पास बढा तो इन्होंने इस इलाके की कई खदानें अपने और अपने परिवार के नाम पर हस्तिनापुर में लोगों से हथिया लीये, इस तरह से इनका व्यापार बड़ा फिर दबदबा बढ़ा अपने अवैध गतिविधियो को संरक्षण देने के गरज से वे शनै-शनै कांग्रेस पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने लगे, सदैव विवादों से करीबी नाता रखने वाले तिवारी जी को राजनीति में आगे करने के लिए उनका पूरा परिवार भी उनका सपोर्ट करता रहा क्योंकि उनको भी अपने अवैध कार्यों को ढंकने के लिए एक संरक्षक की आवश्यकता थी। तिवारी जी को संगठन के विभिन्न पद भी मिले लेकिन अपनी तीखी वाणी के कारण और हटाए भी गए, वे लगातार सक्रिय रहे अंततः किस्मत चमकी और वे नगरपालिका उपाध्यक्ष बन बैठे उपाध्यक्ष बनने के बाद इनके पैर जमीन में नहीं है। उपाध्यक्ष बनने के बाद इनके अवैध उत्खनन और क्रेशर संचालन वाले व्यापार में चार चांद लग गए ये इनका परिवार के सदस्य इन दिनों हस्तिनापुर इलाके की धरती को खोदाई व अवैध ब्लास्टिंग कर वहां के लोगों का जीना दुश्वार कर दिये है। नेताजी और उनके परिवार की दबंगई से स्थानीय ग्रामीण नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं जिसकी शिकायत पुनः गौरव गुप्ता ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एमसीबी एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल से की है।
निर्धारित मापदंडों के विपरीत झूठी और भ्रामक जानकारी देकर अवैध तरीके से संचालित कर रहे क्रेशर व खदानें
शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता ने आरोप लगाते हुए शिकायत की है नेशनल हाईवे 78 से महज 40 मीटर दूर तिवारी जी की पत्थर खदान संचालित हो रही है, शिकायतकर्ता का कहना है कि वहीं खनिज विभाग के जानकारी अनुसार उनकी पत्नी उनके भाई के नाम पर पत्थर खदान वह क्रसर संचालित है। राजस्व एवं खनिज विभाग के अधिकारियों से मिलकर शासन के निर्धारित मापदंडों के विपरीत झूठी और भ्रामक जानकारी देकर सभी खदानें प्राप्त की गई हैं यदि इन सभी खदानों की बारीकी से जांच की जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि खदानें पत्थर उत्खनन योग्य है या नहीं? एक पत्थर खदान के महज कुछ मीटर दूर प्राथमिक शाला भी संचालित है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं वहीं दूसरी खदान नेशनल हाईवे से लगभग 40 मीटर दूर है वहां भी बड़ी संख्या में लोग रहते हैं आये दिन ब्लास्टिंग के दौरान बड़े-बड़े पत्थर उनके छतों पर गिरते है जिससे वह चोटिल भी हो रहे हैं। जिसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर भी हुई है। किंतु अभी तक विभाग कार्यवाही नहीं कर सका है। सभी ग्राम पंचायतों में सभी नगरी निकाय के ठेकेदारों को सरकार और उपाध्यक्ष होने का दबदबा बता कर महंगे दामों पर गिट्टी बेचने का काम तिवारी जी द्वारा किया जा रहा है जिन पंचायतों के पदाधिकारी दूसरे स्थानों से गिट्टी लेते हैं, उनके भुगतान आदि की शिकायत इनके द्वारा करके उन्हें परेशान किया जाता है।

पूर्व अधिकारियों ने भी अपने कार्यकाल के बातों का किया साझा
जिला कार्यालय में पदस्थ पूर्व के अधिकारीयों ने नाम न बताने की शर्त पर मौखिक जानकारी देते हुये बताया कि हम शिकायत के आधार पर जब भी कार्यवाही करने जाते थे तो वहां के जनप्रतिनिधि हमें उन पर कार्यवाही नहीं करने देते और धमकाया जाता था कि यदि आप काम सही ढंग से नहीं करेंगे तो आपका स्थानंतरण करा दिया जाएगा यदि जानना है तो पहले के आधिकारीयों से जाकर पूछ लो।
छत्तीसगढ़ढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने पत्र लिख तत्काल खदान व क्रेशर को सील कर बिजली काटने का दिया था निर्देश
ज्ञात हो कि पूर्व में विद्युत विभाग के अधिकारियों को भी पर्यावरण संरक्षण मंडल अंबिकापुर के अधिकारी ने पत्र जारी कर तिवारी के क्रेशर की बिजली काटने का आदेश जारी किया था किन्तू विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक उक्त क्रेशर का बिजली नहीं काट पाये। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि हमारी टीम प्लांट में बिजली काटने के लिए गई थी लेकिन एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का फोन आ गया जिसके कारण हम बिजली विच्छेदन का कार्य नहीं कर पाए, बताया जाता है कि आज भी बिना पेपर के अवैध तरीके से उत्खनन और क्रसिंग का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। पूरे इलाके में तिवारी और उनका पूरा परिवार दबदबे के साथ गिट्टी का परिवहन कर रहे है।
क्या ब्लास्टिंग की आवाज प्रशासन के कानों तक नहीं पहुचती?
बड़ा सवाल यहां उत्पन्न होता है कि इतनी बड़ी मात्रा में ब्लास्टिंग में उपयोग होने वाले अमोनियम नाइट्रेट, ईडी कैप्सूल बत्ती सहित अन्य अतिसंवेदनशील सामग्री इन्हे कहां से प्राप्त होती हैं, इनके पास कोई मैगजीन नहीं है यह मनेंद्रगढ़ शहर में रहते हैं, यदि विस्फोटक सामाग्री शहर में रखते हैं तो शहर भी सुरक्षित नहीं है। इतनी मात्रा में नेताजी के पास विस्फोटक सामग्री का होना जिससे वह लगातार ब्लास्टिंग को अंजाम दे रहे क्या इसकी आवाज प्रशासन के कानों में नहीं जा रही है? पुलिस प्रशासन भी इन अवैध गतिविधियों के सवालों में आ रही है और इनकी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है।
खनिज विभाग द्वारा अभिवहन पास जारी नहीं करने के बावजूद कार्य में नहीं कोई व्यवधान
पर्यावरण संरक्षण मंडल की आपत्ति के बाद खनिज विभाग इन्हें अभिवहन पास देने से मना कर दिया था, पर अभिवहन पास नहीं मिलने से इन्हें कोई फर्क नहीं पड़¸ा यह बिना अभिवहन पास के दिन रात गिट्टी का उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से कर रहे है। आसपास के क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों में पूरी गिट्टी इन्हीं के क्रसर से सप्लाई हो रहा है जिससे करोडो¸ रुपए की रॉयल्टी चोरी की जा रही है, जिससे राजस्व को हानि पहुंच रही है।
विधायक के साथ कार्यालय के चक्कर काटना कही पेपर दुरूस्त करने की तैयारी तो नहीं?
जहां पर सम्बन्धित विभाग को तत्काल कार्यवाही कर राजस्व के हानि और परेशान लोगो को राहत देना था वहां पर प्रशासन किसके दबाव में कुछ कर पाने में असमर्थ है पर मजे की बात तो यह है कि इनकी शिकायत सार्वजनिक व मिडिया में आने के बाद कार्यवाही से बचने के लिए क्रशर संचालक की दौड़ कार्यालयों व जनप्रतिनिधियों के निवासों में तेज हो गयी है। क्या इसी तेजी के वजह से कार्यवाही में विलंब हो रहा है और अवैध संचालन को वैध करने करने के लिये समय दिया जा रह है। आम जनता की शिकायत पर जब विभागीय अधिकारी तिवारी जी के क्रेशर पर कार्यवाही की जाने की बात की तो क्षेत्र के विधायक एकाएक सक्रिय हो गये है और लगातार क्रशर संचालक को संरक्षण देने का कार्य कर रहे है। सूत्रों के अनुसार पिछले कई दिनों से विधायक कलेक्टर कार्यालय,खनिज, एसपी कार्यालय, पर्यावरण संरक्षण मंडल अंबिकापुर, रायपुर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, कबीर नगर कार्यालय स्वयं विधायक जी पहुंचकर अपने और भी आवश्यक कार्यो को छोड़कर कार्यालयों में घंटो बैठ कर तिवारी जी का पेपर दुरूस्त करने व्यस्त नजर आ रहे है।
क्या विधायक को विधानसभा जिताने का दे रखा है प्रलोभन
विधानसभा दो के विधायक आज भी नपा उपाध्यक्ष के सहारे मनेंद्रगढ़ शहर और झगड़ाखांड से अधिक से अधिक मत दिलवाने की आस लगाए बैठे हैं, विधायक जी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि पिछली बार भी उन्हें किसी के समर्थन से वोट नहीं मिला था। लोग 15 साल से लगातार भाजपा को वोट देकर ऊब चुके थे, लोग बदलाव चाहते थे, यही वजह थी कि पूरे प्रदेश में एक बदलाव की बयार चली और पूरे प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को बहुमत से जिता दिया, बदलाव की बयार इस कदर चली की कई लंगड़े घोड़े भी पहाड़ लांघ गए। पर पिछले बार की अपेक्षा इस बार जनता ने विधायक जी को मौका देकर देखा और अजमा लिया है, तिवारी जी के नपा उपाध्यक्ष बनने के बाद उनके व्यवहार में काफी बदलाव देखा गया है, लगातार विवादों से उनका गहरा नाता रहा है, हर मामले में त्वरित तीखी टिप्पणी और दखलंदाजी से कार्यकर्ता भारी रूष्ट चल रहे हैं, इस बार इनके पास कोई मजबूत कार्यकर्ता नहीं दिख रहा है, ऐसी दशा में झगड़ाखांड और मनेंद्रगढ़ से तिवारी जी के सहारे कैसे नैया पार होगा?


सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार नेता जी बिना विस्फोटक लाइसेंस के खदान में विस्फोटक पदार्थ से विस्फोट कर रहे है
सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार तिवारी जी बिना विस्फोटक लाइसेंस के लगातार अपने खदान में विस्फोटक पदार्थ के साथ विस्फोट कर रहे है। क्रशर के मामले में जानकारो का कहना है कि तिवारी जी के खदान के आसपास के क्षेत्रो में ग्रेनाइट पत्थरों की सीम है जिसे बिना ब्लास्टिंग किये निकाल पाना संभव नहीं यदि कोई भी यह कहता है कि वह बिना ब्लास्टिंग पत्थर निकलता है तो प्रशासन के आंख में धूल झोंक रहा है। शायद वैध दस्तावेज नहीं लेने के पीछे तिवारी ने यही बात प्रशासन से छुपायी रखी। खदानों में 40-50 मजदूर प्रतिदिन कार्य करते हैं जो खुद ही पत्थरों में कंप्रेसर मशीन के माध्यम से ड्रिल करते हैं और खुद ही इन विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ब्लास्टिंग करते हैं जो कार्य बड़ा जोखिम भरा है। हस्तिनापुर आदि इलाकों में प्रतिदिन लगभग सभी खदानों को मिलाकर लगभग हजारों की संख्या में ब्लास्टिंग की जाती हैं लेकिन इन अवैध ब्लास्टिंग की आवाज जिला प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंच सकी।
मामले से जुड़े कुछ सवालः-
सवालः- क्या सत्तापक्ष के नेता होने की वजह से जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे?
सवालः- क्या सत्ताधारी पार्टी के नेता होने कि वजह से सारे नियम कानून शिथिल हो गए?
सवालः- शिकायतों के बाद भी क्रेशर संचालक पर कार्यवाही से क्यों कतरा रहे प्रशासनीक अधिकारी?
सवालः- कलेक्टर कार्यालय, पर्यावरण संरक्षण मंडल व खनिज विभाग में क्रेशर संचालक के साथ घूम रहे क्षेत्रीय विधायक कही कार्यवाही ना होने के पीछे यही वजह तो नहीं?
सवालः- तीखी टिप्पणी के लिए चर्चित, हर मामले में दखलअंदाजी व बगैर जनाधार वाले नापा उपाध्यक्ष जिता पायेंगे विधायक को अगामी चुनाव?


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