नई दिल्ली, 24 सितम्बर 2022। इसरो की मदद से भारतीय रेलो के लिए एक विशेष तकनीक विकसित की गई है। इस तकनीक को भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनो पर नजर रखने के लिए उपयोग मे लाया जा रहा है। इसके अतर्गत रेल के 2700 इजनो के लिए रियल टाइम ट्रेन इफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) उपकरण लगाए गए है। यह आरटीआईएस 30 सेकड अतराल पर मध्य-खड अपडेट देगा। वर्तमान मे, लगभग 6500 रेल के इजनो से जीपीएस फीड सीधे कट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन को भेजी जाती है। इससे ट्रेनो मे ऑटोमेटिक चार्टिग और यात्रियो को नवीनतम स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।
इसरो के सहयोग से विकसित रीयल टाइम ट्रेन इफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) को ट्रेनो के आगमन और प्रस्थान या पूर्वाभ्?यास सहित स्टेशनो पर ट्रेन की आवाजाही के समय की स्वत जानकारी प्राप्?त करने के लिए इजनो मे लगाया जा रहा है। कट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) सिस्टम मे ये अपने आप उन ट्रेनो के कट्रोल चार्ट पर स्वतह सारणी तैयार कर लेते है।
रेल मत्रालय के मुताबिक आरटीआईएस 30 सेकड के अतराल पर मिड-सेक्शन अपडेट प्रदान करता है। ट्रेन नियत्रण अब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आरटीआईएस सक्षम इजनो/ट्रेन के स्थान और गति पर अधिक बारीकी से नजर रख सकता है। रेल मत्रालय का कहना है 21 इलेक्टि्रक लोको शेड मे 2700 इजनो के लिए आरटीआईएस उपकरण स्थापित किए गए है। दूसरे चरण के रोल आउट के हिस्से के रूप मे, इसरो के सैटकॉम हब का उपयोग करके 50 लोको शेड मे 6000 और इजनो को शामिल किया जाएगा। वर्तमान मे, लगभग 6500 लोकोमोटिव (आरटीआईएस और आरईएमएमएलओटी) को सीधे कट्रोल ऑफिस एप्लिकेशन (सीओए) मे डाला जा रहा है। इसने सीओए और एनटीईएस एकीकरण के माध्यम से यात्रियो को ट्रेनो की स्वचालित चार्टिग और नवीनतम जानकारी के सूचना प्रवाह को सक्षम किया है।
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