- कोयला पटना क्षेत्र का ही अवैध उत्खनन किया हुआ कोयला तस्करों का,पुलिस के संज्ञान में थी पूरी बात।
- बिना दस्तावेज कोयले से लदे ट्रक पकड़े जाने के बाद भी आखिर पुलिस क्यों करती रही दस्तावेजों का इंतजार?
- क्या पकड़ेड़े जाने पर ही दस्तावेज दिखाने का है नियम या वैध दस्तावेजों के साथ होना चाहिए कोयला परिवहन?
- वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने पुलिस ने ट्रक मालिकों को दिया भरपूर समय,दस्तावेज प्रस्तुत कर आखिर ट्रक छुड़ड़ाया गया।
- ट्रकों में लदा कोयला पटना क्षेत्र का बताया जा रहा है : सूत्र।
- बिना किसी वैध दस्तावेज अवैध कोयले से लदा ट्रक घण्टों राष्ट्रीय राज्यमार्ग में खड़ड़ा रहा।
- पत्रकारों तक पहुंची बात तब पहुंची पुलिस और ट्रकों को लेकर पुलिस थाने आई।
- थाने में ट्रकों को लाकर पुलिस करती रही वैध दस्तावेजों का कई घंटे इंतजार।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 22 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। कुल चार पुलिस थानों वाले एक छोटे से जिले में अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना काफी आसान है इसके बावजूद अवैध कारोबार का होना कहीं ना कहीं संबंधित विभाग की मिलीभगत मानी जा सकती है पटना थाना से महज 5 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे मार्ग पर स्थित ग्राम जमगहना में दो महिंद्रा कंपनी की ट्रक अवैध कोयला लेकर सुबह से घंटो खड़ी रही ना जाने किसका इंतजार हो रहा था, इसी बीच यह बात पत्रकारों तक पहुंची और पत्रकार ट्रकों तक पहुंचे जिसकी सूचना पत्रकारों द्वारा पुलिस अधीक्षक को दी गई जिसके बाद ट्रक को पटना थाने में खड़ा करवाया गया पर सवाल यह है कि जब बिना दस्तावेज के दो ट्रकें कोयला लाद कर वहां खड़ी थी तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि यह कोयला पटना क्षेत्र के ही एक कोयला तस्कर का था जो एक स्थानीय ईंट भट्ठे में जमा कर कोयले को ट्रक में लोड कर कोरबा जाने की तैयारी में था। वाहन क्रमांक सीजी 15 डीडी 9997 व सीजी 15 डीजे 9996 यह दो ट्रकें थीं जिनमे कोयला लदा हुआ था और इसके चालक परिचालक के पास कोयले के वैध दस्तावेज नहीं थे।
पटना थाना से महज 5 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे जमगहना पर महिंद्रा कंपनी की दो ट्रक जिसका वाहन क्रमांक सीजी 15 डीडी 9997 व सीजी 15 डीजे 9996 में कोयला भरा रहा और घंण्टो एनएच के जमगहना में खड़ी थी। जिसकी जानकारी पटना थाना तक पहुंची और कोयला से लदी ट्रक पुलिस के संरक्षण में कई घण्टो तक पटना थाना के सामने खड़ी रही। चूंकि पुलिस इन सब से क्या लेना देना बात तो सीधे पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में रही शायद इसलिए इन ट्रकों को पटना थाने में खड़ा करवाया गया। पर सवाल यह है कि इस पूरे मामले में कोयला से लदी ट्रकों को आखिर घण्टो तक क्यों इंतजार करना पड़ा जबकि उसे छोड़ना ही था तो पकड़ा क्यों गया? पकड़ते समय क्या दस्तावेज नहीं मिले थे कि इन ट्रकों को थाना के सामने खड़ा कराया गया। फिलहाल क्षेत्र मे कई तरह की बातें कही जा रही है कुछ जानकारों का मानना है कि यह पूरा कोयला अवैध रहा और पटना के कोल माफियाओं द्वारा कोयले को ट्रक में लोड कर कोरबा भेजने की बात कही जा रही है। अंततः इस पूरे खेल का पटाक्षेप भी हुआ थाना के सामने कोयले से लदी ट्रक नहीं देखी गयी हो सकता है कि पुलिस द्वारा दीये समय पर कोल माफियाओं द्वारा दस्तावेज दिखाया गया हो या फिर पुलिस के दिये समय पर तो पूरा दस्तावेज छपवाया भी जा सकता है?
ट्रक थाने तक पहुंची पर नहीं हुई कार्यवाही
राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर ग्राम जमगहना में खड़ीं दो ट्रकें जिनमे कोयला लदा हुआ था कि जानकारी जब जिले के पत्रकारों को लगी तब पत्रकार वहां पहुंचे और ट्रकों के चालक परिचालक से कोयले के दस्तावेजों के बारे में उनके द्वारा पूछा गया, जिसपर चालक परिचालक वैध दस्तावेज नहीं उपलब्ध करा सके और पत्रकारों ने इसकी सूचना जिले के पुलिस अधीक्षक को दे दी तब जाकर पुलिस थाना पटना की पुलिस ट्रकों तक पहुंची और ट्रकों को लेकर पुलिस थाने चली आई।
मध्य प्रदेश से अवैध कोयला को वैध बनाने का दस्तावेज मंगाया गया,सूत्र
जैसा कि बताया जा रहा है कि कोयला अवैध रूप से पटना क्षेत्र से ही उत्खनित किया गया था और जिसे एक स्थानीय इंटभट्ठे में भंडारित कर रखा गया था जो कोयला तस्करों का कोयला था और जिसे ट्रकों में इंटभट्ठों से भरकर कोरबा ले जाने की तैयारी थी, लेकिन पत्रकारों के सज्ञान में मामला आ जाने की वजह से ट्रकों को पुलिस थाने लाया गया और फिर अवैध कोयले को वैध बनाने का काम पूरे 12 घण्टों तक चला, तब जाकर मध्यप्रदेश से कोयले का वैध दस्तावेज तस्करों द्धारा लाया जा सका और पुलिस थाने में प्रस्तुत किया गया।
किसी भी माल का दस्तावेज माल के साथ ही आता है या वाहन पकड़ आने के बाद,सवाल?
पूरे मामले में सवाल यह उठता है कि क्या किसी ट्रक में लदे माल का दस्तावेज ट्रक में मौजूद रहना चाहिए या ट्रक पकड़ में आने के बाद या जांच में पकड़े जाने के बाद 12 घण्टों का दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने का समय दिए जाने का नियम है। जैसा कि इस मामले में हुआ पूरे 12 घण्टे दिए गए कोयले के वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए और तब जाकर कोयला वैध हो सका।
पटना के कोयला तस्कर के हौसले बुलंद, ईट भट्ठा में करते हैं भारी मात्रा में कोयला इकट्ठा फिर भेजते हैं जिले से बाहर
जिले का पुलिस थाना पटना कोयला तस्करी के लिए विख्यात हो चुका है यहां से प्रतिदिन 10 ट्रक कोयला जिले से बाहर भेजा जाता है, बताया जाता है कि जितने बड़े स्तर पर यह तस्करी का काम होता है उससे पुलिस भी अनभिज्ञ है भले ही मिली हुई है, पुलिस को भी 10 ट्रक कोयले के बाहर भेजे जाने का ज्ञान नहीं है ऐसा बताया जा रहा है। कोयला तस्कर पहले अवैध उत्खनित कोयले को स्थानीय इंटभट्ठों में इक्कठा करते हैं और फिर वहां से ट्रकों से दूसरे जिले और राज्यों के लिए रवाना करते हैं और ऐसे कई कोयला तस्कर गिरोह इसमे शामिल हैं।
क्या पुलिस आईडी कार्ड होने पर ही पत्रकार को देगी जानकारी
पूरे मामले में जब एक स्थानीय पत्रकार के सहयोगी द्वारा पुलिस थाना पटना जाकर मामले में जानकारी लेनी चाही गई तब थाना प्रभारी द्वारा पत्रकार से आईडी कार्ड की मांग की गई और मामले में तभी जानकारी प्रदान करने की बात कही गई जब आईडी कार्ड पास हो।
थाना प्रभारी ने कहा मैं लाइन अटेच हो गया हूँ वैसे पेपर आ रहा है ट्रक छूट जाएगी
पूरे मामले में पुलिस थाना पटना के चर्चित थाना प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरा भले ही तबादला हो गया है थाने से लेकिन वाहनों के वैध दस्तावेज आने वाले हैं और उसके बाद वाहन छूट जाएंगे।
अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर भी नहीं हो रहा पटना क्षेत्र में अमल
कोरिया जिले के पटना क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार बड़े व्यापक स्तर पर किया जाता है, प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को निर्देश दे रहें हैं लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कोई अमल होता नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि कोयले का अवैध कारोबार यहाँ फलफूल रहा है। अब इस कारोबार से और भी ज्यादा लोग जुड़ रहें हैं जिनमे सफेदपोश लोग भी शामिल हो रहें हैं।
मामले से जुड़ड़े सवाल
सवालः-अवैध कोयले से लदी ट्रक में नहीं मिला दस्तावेज, थाने में घंटों खड़े होने के बाद कहां से आया दस्तावेज, अवैध से हुआ वैध?
सवालः-कहां से ट्रकों में लोड हुआ कोयला जिन्होंने नहीं दिया दस्तावेज, कई थाना पार कर पहुंचा पटना, क्यों कहीं नहीं हुई जांच?
सवालः-ट्रक में लादे कोयले का नहीं था कोई दस्तावेज फिर भी पुलिस ने नहीं की कार्यवाही दस्तावेज का आने का आखिर क्यों करती रही इंतजार?
सवालः-क्यों बिना दस्तावेज के अवैध कोयला लोड ट्रक घंटों नेशनल हाईवे जमगहना में खड़ी रही?
सवालः- बिना दस्तावेज जमगहना से ट्रक पहुंची थाना, कार्यवाही करने के बजाए अवैध कोयला का दस्तावेज आने का पटना पुलिस क्यों करती रही इंतजार?
सवालः-बिना दस्तावेज के हो रहा था कोयला परिवहन पकड़ में आने के बाद दस्तावेज आने का इंतजार क्यों?
सवालः- क्या पकड़ आने के बाद ही अवैध परिवहन करने वाले दस्तावेज लेकर पहुंचते हैं थाने?
सवालः- दस्तावेज ना होने पर तत्काल कार्यवाही करने का प्रावधान पर नहीं होता पालन, क्या रफा-दफा करने का होता है इंतजार?