मुख्यमत्री ने हितग्राहियो को किया 7 करोड़ का भुगतान
रायपुर, 21 सितम्बर 2022। गोधन न्याय योजना से किसानो की जेब मे पैसा आया है और उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। पहले किसान खेती से विमुख होकर मजदूरी या अन्य काम करने लगते थे। लेकिन अब किसानो के साथ युवा भी खेती की तरफ बढ़ रहे है। उक्त बाते मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को अपने निवास कार्यालय मे आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के हितग्राहियो के खाते मे राशि अतरित करते समय कही।
मुख्यमत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम मे पशुपालक ग्रामीणो, गौठानो से जुड़ी महिला समूहो और गौठान समितियो को 7 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। जिसमे 1 सितबर से 15 सितबर तक गौठानो मे पशुपालक ग्रामीणो, किसानो, भूमिहीनो से क्रय किए गए 2.03 लाख म्टिल गोबर के एवज मे 4.06 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियो को 1.77 करोड़ और महिला समूहो को 1.21 करोड़ रूपए की लाभाश राशि शामिल है। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य मे अब तक हितग्राहियो को 335 करोड़ 36 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है, जिसमे 18 करोड़ रूपए की बोनस राशि भी शामिल है। 5 सितबर को 7.04 करोड़ के भुगतान के बाद यह आकड़ा 352 करोड़ 40 लाख रूपए हो जाएगा।
मुख्यमत्री ने कहा कि भेट-मुलाकात कार्यक्रम मे प्रदेश भर मे ये देखने मे आया है कि इस साल फसल अच्छी हुई है। समय पर बारिश होने से किसान खुश है। सरकार 1 नवम्बर से धान खरीदी करने जा रही है। मुख्यमत्री बघेल ने कहा कि जो गौठान समितिया अच्छा काम कर रही है और वर्मी कम्पोस्ट बना रही है वहा शेड बनाये जाएगे।
गोधन न्याय योजना के तहत छाीसगढ़ राज्य के गौठानो मे 2 रूपए किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानो मे 31 अगस्त तक खरीदे गए 79.12 लाख म्टिल गोबर के एवज मे ग्रामीणो को 160.94 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 21 सितबर को गोबर विक्रेताओ को 4.06 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आकड़ा बढ़कर 165 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियो एव महिला स्व-सहायता समूहो को अब तक 156.42 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियो तथा स्व-सहायता समूह को बुधवार को 2.98 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आकड़ा बढ़कर 159.41 करोड़ रूपए हो गया। स्वावलबी गौठानो द्वारा अब तक 19.12 करोड़ रूपए का गोबर स्वय की राशि से क्रय किया गया है। राज्य के 81 गौठानो मे गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। अब तक गौठानो मे 35 हजार 346 लीटर क्रय किए गए गौमूत्र से 16,500 लीटर कीट नियत्रक ब्रम्हास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है, जिसमे से 8400 लीटर ब्रम्हास्त्र और जीवमृत की बिक्री से 3.85 लाख रूपए की आय हुई है।
गौठानो मे महिला समूहो द्वारा 17.80 लाख म्टिल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5.30 लाख म्टिल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एव 18,924 म्टिल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियो के माध्यम से क्रमशः 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तिया एव अन्य सामग्री का निर्माण एव विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही है। गौठानो मे महिला समूहो द्वारा इसके अलावा सब्जी एव मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एव पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियो का सचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहो को अब तक 81.84 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है। राज्य मे गौठानो से 11,187 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े है, जिनकी सदस्य सख्या 83,874 है। गौठानो मे क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है।
राज्य मे गोधन के सरक्षण और सर्वधन के लिए गावो मे गौठानो का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानो मे पशुधन देख-रेख, उपचार एव चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबध है। राज्य मे अब तक 10,624 गावो मे गौठानो के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमे से 8408 गौठान निर्मित एव 1758 गौठान निर्माणाधीन है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 78 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे है। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालो मे 46 प्रतिशत महिलाए है।
कार्यक्रम मे कृषि मत्री रविन्द्र चौबे, ससदीय सचिव शिशुपाल सोरी, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवागन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिह, मुख्यमत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, गोधन न्याय मिशन के प्रबध सचालक डॉ. अयाज तबोली, उद्यानिकी सचालक माथेश्वरन व्ही. सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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