बैकुण्ठपुर@साहब! अस्पताल इलाज के लिए आए या फिर थप्पड़ खाने के लिए?

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  • जिला अस्पताल में इलाज के बजाए मरीज को मिला थप्पड़, विशेष पिछड़ी जनजाति की मरीज निर्मला ने लगाए गंभीर आरोप।
  • जिला अस्पताल की महिला स्टाफ पर विशेष पिछड़ी जनजाति की मरीज को थप्पड़ मार कर भगाने का आरोप।
  • पण्डो समाज मे नाराजगी,प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो ने लिया संज्ञान,कहा मामले की जांच और कार्यवाही नही होने पर करेंगे आंदोलन।
  • क्या अस्पताल में गरीबो का नही होगा इलाज, सीएमएचओ को नहीं है सुध नहीं उठाते फोन ऐसे अधिकारी का क्या काम?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 21 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। बैकुण्ठपुर जिला अस्पताल वह जगह है जहां लोग स्वस्थ होने के लिए पहुंचते हैं पर स्वस्थ होने के लिए मिलने वाले ट्रीटमेंट की जगह यदि थप्पड़ मिले तो फिर आप इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग में हो क्या रहा? क्या इलाज की जगह थप्पड़ मारना ही इलाज है या फिर पीडç¸त की तकलीफ को समझ कर उसे सही उपचार देना स्वास्थ अमले का काम है? कुछ ऐसा ही मामला मानवता को शर्मसार करने वाला सामने आया है।
कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर में एक बार फिर अजीबो गरीब एवं मानवता को शर्म सार करने वाला मामला प्रकाश में आया है जहां एक महिला ने जिला अस्पताल के स्टाफ पर धमका कर मारने एवं अस्पताल से भगा देने का आरोप लगाया है। वही इस सबन्ध में मिली जानकारी अनुसार सोनहत विकासखण्ड के केशगवा ग्राम से अति गरीब एवं विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति की महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल बैकुंठपुर कोरिया में भर्ती होने के दौरान थप्पड़ मार कर भगाया गया, महिला के साथ 4 माह का नवजात शिशु भी था, महिला ने अपने आरोप में बताया है कि चप्पल पहन कर अंदर आने के कारण स्टाफ नर्स ने गाली-गलौज करते हुए थप्पड़ मारा। दरअसल महिला सूरजपुर जिले की घुइडी ग्राम की निवासी है और उसका मायका सोनहत के केशगवा में हैं मरीज निर्मला पण्डो के शरीर में खून कम बुखार एवं अन्य परेशानी के कारण सोनहत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका इलाज किया गया, उसे आवश्यक दवाइयां भी दी गई, महिला के इलाज में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसकी मदद भी की थी, ऐसा महिला ने बताया है सोनहत अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने स्तर से उसका बेहतर इलाज करने का प्रयास भी किया। महिला ने बताया कि खून चढ़ाने की व्यवस्था नही होने के कारण उसे सोनहत सरकारी अस्पताल से जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में रिफर किया गया था जिससे कि खून चढ़ाया जा सके। लेकिन वहां तो स्टाफ नर्स के आंतक से तुंरत पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति महिला को भागना पड़ा। महिला की वर्तमान में महिला की स्थिति ठीक नही है और उसे बहुत कमजोरी भी है। ठीक से चल भी नहीं पा रही है, कमजोरी होने के बावजूद उसे इलाज मुहैया कराने की बजाय अभद्र व्यवहार एव मारपीट किया गया है। महिला ने अस्पताल से घर आकर अपने परिजनों एवं समाज के लोगो को आप बीती बताई जिससे पण्डो समाज में नाराजगी का माहौल है।
प्रदेश अध्यक्ष ने लिया संज्ञान
घटना की जानकारी सोशल मीडिया में आने के बाद पण्डो समाज के प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो ने मामले पर कड़ी नाराजगी जाहिर किया है, उदय पण्डो ने पूरी घटना की जांच कराने के साथ साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग किया है, कार्यवाही नही होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी भी दिया है उदय पण्डो ने दोषी स्टाफ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई किया जाना चाहिए। की मांग भी किया है।
सीएमएचओ को नहीं कोई सरोकार
एक तरफ आय दिन जिला अस्पताल में मरीजो को परेशानियों से दो चार होना पड़ता है लेकिन सीएमएचओ एवं अस्पताल अधीक्षक को कोई सरोकार नही है, सूत्रों की माने तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिर्फ वित्तीय मामलों पर ही ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं जन समस्याओं से उन्हें कोई मतलब नही है, इस तरह की कार्यशैली से शाशन प्रशासन की छवि धूमिल होती है, सूत्रों की माने तो जिला स्तर के बड़े अधिकारी भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी से नाराज रहे हैं लेकिन जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी मैनेजमेंट के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं इनके द्वारा जिले के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से ताल मेल बिठाने में कामयाब नजर आते हैं।


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