पजीकृत किसानो की सख्या 25 लाख तथा पजीकृत रकबा 0 31 लाख हेक्टेयर से ज्यादा होने का अनुमान
रायपुर, 20 सितबर 2022। मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने राज्य मे एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने की घोषणा की है। राज्य मे धान उपार्जन के लिए व्यापाक तैयारिया शुरू कर दी गई है। धान खरीदी दौरान किसानो को किसी भी तरह की दिक्कत न होने पाए, इसको लेकर सभी धान खरदी केन्द्रो मे आवश्यक इतजाम करने के निर्देश अधिकारियो को दिए गए है। राज्य मे फिलहाल धान उपार्जन के लिए नए किसानो के पजीयन की प्रक्रिया जारी है, जो 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगी। सरकार की किसान हितैषी नीतियो के चलते राज्य मे साल दर साल किसानो की सख्या मे वृद्धि को देखते हुए यह अनुमान है कि इस साल पजीकृत किसानो की सख्या 25 लाख के पार पहुच जाएगी। बीते वर्ष 24.05 लाख किसानो ने धान बेचने के लिए पजीयन कराया था, जबकि वर्ष 2020-21 मे पजीकृत किसानो की सख्या 21.52 लाख थी। विपणन वर्ष 2021-22 मे किसानो की सख्या विपणन वर्ष 2020-21 की तुलना मे ढाई लाख से ज्यादा बढ़ गई थी। मुख्यमत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियो के चलते बीते तीन सालो मे पजीकृत धान के रकबे और किसानो की सख्या मे लगातार इजाफा हुआ है। धान बेचने के लिए पजीयन कराने वाले किसानो की सख्या वर्ष 2018-19 मे 16.96 लाख थी, जो कि वर्ष 2021-22 मे बढ़कर 24.05 लाख हो गई है। विपणन वर्ष 2022-23 मे पजीकृत किसानो की सख्या 25 लाख के पार पहुचने का अनुमान है। पजीकृत किसानो की वास्तविक सख्या का सही आकड़ा 31 अक्टूबर 2022 को पजीयन समाप्त होने के बाद ही पता चल पाएगा। इसी तरह धान का पजीकृत रकबा भी बीते तीन सालो मे 25.60 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30.26 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस साल पजीकृत रकबे मे और वृद्धि अनुमानित है। राज्य मे इस साल धान के फसल की बेहतर स्थिति को देखते हुए बीते वर्ष की तुलना मे ज्यादा खरीदी का अनुमान है। वर्ष 2018-19 मे 80.38 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 मे 83.94 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2020-21 मे 92.02 लाख मीटरिक टन तथा वर्ष 2021-22 मे 98 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।सरकार की गाव, गरीब, किसान, व्यापार और उद्योग हितैषी नीतियो से समाज के सभी वर्गो मे खुशहाली है। छाीसगढ़ सरकार द्वारा धान और तेदूपाा की देश मे सबसे अधिक कीमत पर खरीदी, किसानो की कर्ज माफी, सिचाई कर की माफी, सुराजी गाव योजना, राजीव गाधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अब तक एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की राशि सीधे ग्रामीणो, किसानो, पशुपालको और लघु वनोपज सग्राहको के बैक खाते मे पहुचा चुकी है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के बाजारो मे लगातार रौनक बनी हुई है। यहा व्यापार-व्यवसाय की स्थिति अन्य राज्यो की तुलना मे बेहतर है।छत्तीसगढ़ राज्य देश का इकलौता राज्य है, जहा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलो के उत्पादक किसानो को प्रति एकड़ के मान से 9 से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य मे किसान की बेहतरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 17.82 लाख किसानो पर बकाया 9270 हजार करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ, 325 करोड़ रूपए का सिचाई कर तथा 5 लाख से अधिक किसानो को नि:शुल्क एव रियायती दर पर बिजली उपलबध कराकर सालाना लगभग 900 करोड़ रूपए की राहत दी है। राजीव गाधी किसान न्याय योजना से राज्य मे फसल उत्पादकता एव फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिला है। इस योजना के जरिए किसानो को इनपुट सब्सिडी देकर कृषि लागत मे मदद की जा रही है। बीते दो सालो मे इस योजना के तहत 14,665 करोड़ रूपए की सीधी मदद किसानो को दी गई है। इस योजना से लाभान्वित होने वालो मे किसानो मे से 90 प्रतिशत लघु सीमात कृषक अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग एव गरीब तबके के है।
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