-राजा मुखर्जी-
कोरबा,15 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी)के पैसों को आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में किस कदर आदिवासी विकास विभाग ने बंदरबाट किया है सीएम के आगमन की घड़ी नजदीक आते ही परत दर परत उसकी पोल खुलती जा रही। यहां
बताना होगा कि आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से जिले में 183 आश्रम छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। शासन प्रशासन छात्रावासी बच्चों की सुविधाओं में हर साल बढोत्तरी कर रही है। ताकि वे स्वस्थ रहकर मन लगाकर विद्यार्जन कर सकें। जिसके लिए विभाग से लेकर खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से पर्याप्त आबंटन उपलब्ध कराया जा रहा। लेकिन आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में किस तरह डीएमफ को भ्रष्टाचार की दीमक खोखला कर रही है उसकी बानगी आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित आश्रम छात्रावासों में देखी जा सकती है। अजगरबहार प्री मेट्रिक बालक छात्रावास में स्वयं स्टाफ यादव ने प्राचार्य के समक्ष विभाग द्वारा प्रदाय किए गए इन्वर्टर की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी । यादव ने बताया कि महज एक घंटा चलने के बाद इनवर्टर बंद हो जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को कई मर्तबा इसकी सूचना दी दिया गया ,बावजूद सुधार के बाद भी गुणवत्ताहीन इन्वर्टर दम तोड़ दे रहा, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा। अजऱबहार वनांचल ग्राम है ,यहां के छात्रावास में रहकर आदिवासी बच्चों के साथ साथ राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चे भी विद्यार्जन कर रहे। अक्सर यहां बिजली चली जाती है। मौसम खराब होने पर तो रातभर नहीं आती। जिसके कारण बच्चों को ऐसी परिस्थिति में मच्छरों के प्रकोप के बीच रतजगा करना पड़ता है। जिस तरह आश्रम छात्रावासों में डीएमफ से करोड़ों रुपए व्यय कर गुणवत्ताहीन सामग्री आपूर्ति की गई है उसने न केवल भ्रष्टाचार को प्रमाणित कर दिया है बल्कि शासन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। जिम्मेदारों पर जांच के साथ कार्रवाई नहीं होनढ्ढ एक सवाल को खड़ी कर रहा है ।
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