अम्बिकापुर@स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है रासायनिक दवा व खाद

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राजमोहिनी देवी एवं कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र में कृषक संगोष्ठी का आयोजन

अम्बिकापुर 15 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। राजमोहिनी देवी एवं कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र अंबिकापुर में कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आदिवासी उपयोजना सहयोगी संस्था अखिल भारतीय जैविक नियंत्रण अनुसन्धान परियोजना द्वारा संचालित है। इस संगोष्ठी में ग्राम संबलपुर एवं पंडोनगर के 150 महिला एवं पुरुष किसानों एवं इस महाविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र, छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। अधिष्ठाता राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ आरबी तिवारी ने बताया की वर्तमान समय में सब्जियों की बहुत मात्रा में खेती जिसमें रासायनिक दवा व खाद का प्रयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है। जिससे भूमि की उर्वरता शक्ति नष्ट होते जा रही है व पर्यावरण भी दूषित हो रही है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो हमें जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। जिससे स्वास्थ्य वर्धक फल एवं सब्जियों की प्राप्ति कर अपने जीवन को खुशहाल बना सकते है।कीट विज्ञान विभाग रायपुर के प्राध्यापक डॉ आरएन गांगुली ने ट्राईकोकार्ड व जैविक कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी तथा रासायनिक खाद के अधिकतम प्रयोग से मृदा एवं जैविक लाभदायक कीटो पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। डॉ.जया लक्ष्मी गांगुली (मुख्य अन्वेशक) द्वारा कृषकों को फसलों में लगने वाले हानिकारक कीटों व उसके नियंत्रण हेतु विभिन्न प्रकार के जैविक नियन्त्रक कारकों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया।कीट विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. जीपी पैंकरा द्वारा जैविक खेती करने के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके किसान अपना आय में वृद्धि कर सकते हैं। डॉ.पीके भगत कीट विज्ञान विभाग द्वारा मंच का संचालन किया व सरगुजा संभाग में ली जाने वाली फसलों व उन पर लगने वाले हानिकारक कीटों के बारे में किसानों के समस्या एवं जैविक कीट नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया। डॉ.केएल पैंकरा ने धान में लगने वाले प्रमुख कीटों के बारे में जानकारी दी एवं प्रकाश प्रपंच व फिरोमोन ट्रैप पर प्रकाश डाला। डॉ. रश्मि गौरहा द्वारा जैविक नियंत्रक कारकों के प्रयोग व सावधानी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ. सचिन कुमार जायसवाल ने किसानों के खेत में लगने वाले हानिकारक कीटों के नियंत्रण के लिए जैविक नियंत्रक के संबंध में जानकरी दी। इस दौरान यमलेश कुमार निषाद, हरीश कुमार पाण्डेय, वैभव जायसवाल एवं छात्र छात्राएं आदि उपस्थित थे। इस दौरान आदिवासी उप परियोजा में उपस्थित आदिवासी कृषकों को नैपसैक स्प्रेयर, हजारा, ड्रम, प्लास्टिक तिरपाल, फलदार पौधे (लीची व ककोड़ा) एवं अन्य जैविक नियंत्रक कारकों का वितरण कर किसानों को लाभान्वित किया गया।


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